कोरिया : देवगढ़ चामट पहाड़ पर पर्यटन की दृष्टि से करोड़ों रुपए खर्च कर पक्के मार्ग का निर्माण चल रहा है पर यह सड़क पहली बरसात भी नहीं झेल सकी. सड़क निर्माण में भारी भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. निर्माण में गड़बड़ी से महीने भर पहले हुआ सीसीकरण भी जगह-जगह से उखड़ गया है. वहीं सड़क पर 10 से 12 इंच की दरारें फट गई हैं. सड़क बनाने के लिए विभाग को छड़ बिछाकर ढलाई करवाना था जिससे सड़क पहाड़ की मिट्टी पर मजबूती से पकड़ बना सके लेकिन मिट्टी पर ढलाई से सड़क में जगह-जगह दरारें फट गईं. वहीं कई जगह सड़क की पकड़ कमजोर हो गई है जिससे भारी बारिश में सड़क बहने का खतरा बना हुआ है.
चामट पहाड़ पर सीसी सड़क बनाने के लिए वन विभाग ने सैकड़ों की संख्या में पेड़ काट दिए. बड़ी मशीनों के चलने से पहाड़ जगह-जगह से दरकने लगा है. बीते कुछ दिनों पहले ही यहां सात से ज्यादा जगह पर भूस्खलन भी हुआ है. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यहां सामान्य तौर पर सीढ़ी निर्माण से भी काम चल सकता था क्योंकि पहाड़ के ऊपर किसी वाहन को ले जाना संभव नहीं है. सड़क भी ऐसी सीधी चढ़ाई वाली है कि यहां हर पल दुर्घटना का भय बना रहता है. फिर भी वन अफसरों ने इतनी बड़ी लापरवाही बरती है.
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सड़क की मजबूती सवालों के घेरे में
सीसी सड़क निर्माण में भी बड़ी गड़बड़ी चल रही है. सड़क निर्माण में जहां एक ओर छड़ के बिना ही ढलाई का कार्य चल रहा है वहीं दूसरी ओर सड़क ढलाई में मटेरियल ढलाई के बाद ऊपर से वाइब्रेटर भी नहीं चलाई गई है. ऐसे में सड़क की मजबूती पर सवाल उठ रहे हैं. कोरिया जिले के देवगढ़ कटकोना से लगे करीब 400 फीट ऊंचे चामट पहाड़ पर लगभग 5 किमी पक्की सड़क का निर्माण किया जा रहा है. सड़क बनाने के लिए मार्ग किनारे लगे वृक्षों को भी काट दिया गया है. जबकि यहां किसी वाहन का चढ़ना संभव नहीं है.
रिहायशी इलाकों में घुस सकते हैं जानवर
ग्रामीण बता रहे हैं कि पहाड़ रेंज में भालू, सियार, बंदर देखे जाते हैं. जंगलों में चहल पहल बढ़ने से जाहिर है कि यह जानवर रिहायशी इलाकों का रूख करेंगे. बैकुंठपुर वन परिक्षेत्र के लक्ष्मण झरिया गेल्हापानी चिरमिरी सड़क से रोजाना सैकड़ों वाहनों का आना जाना होता है. सालों से यह सड़क सिंगल मार्ग है. इसके चौड़ीकरण पर वन विभाग ने रोक लगाई हुई है. दूसरी ओर चामट पहाड़ पर छुट्टियों के दिनों में भी गिनती के लोग पहुंचते हैं.
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मामले में बैकुंठपुर वन परिक्षेत्र के प्रभारी रेंजर बीआर खेस ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. वहीं दूसरी ओर डीएफओ प्रभाकर खलको ने कहा कि वह फाइल देखकर ही सड़क की लागत व अन्य जानकारी बता सकेंगी. उन्होंने कहा कि मार्ग निर्माण की कमियों को ठीक करवाएंगे.