
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के कुसमी और शंकरगढ़ के केंद्रीय सहकारी बैंक में करोड़ों रुपये के हेरा फेरी और गबन करने के मामले में पुलिस की स्पेशल टीम ने बैंक मैनेजर समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह सभी आरोपी अंबिकापुर कोरिया और बलरामपुर जिले के रहने वाले हैं. इन सभी के ऊपर लगभग 23 करोड़ रुपये के हेरा फेरी और गबन का आरोप है.
ऐसे उजागर हुआ भ्रष्टाचार का खेल
बलरामपुर एसपी वैभव बेंकर ने बुधवार को इस मामले में प्रेस वार्ता कर खुलासा किया कि बलरामपुर केंद्रीय सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक अरविंद श्रीवास्तव ने थाने में आकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सहकारी बैंक शंकरगढ़ में भारी वित्तीय अनियमितता हुई है. प्रार्थी ने बताया था कि जनवरी 2025 में नाबार्ड की ओर से भी ई-मेल प्राप्त हुआ था, जिसमें सीईओ जनपद पंचायत शंकरगढ़ के शिकायत पत्र का उल्लेख था, जिसमें तीन बैंक अकाउंट में संदिग्ध लेनदेन और बड़ा आर्थिक घोटाला शाखा शंकरगढ़ और कुसमी में होने की बात कही गई थी. शिकायत के बाद बैंक विभाग की ओर से शाखा कुसमी और शंकरगढ़ के अंतर्गत समितियों के खातों में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए जांच दल गठित की गई थी. हालांकि, जांच दल की ओर से जांच नहीं किए जाने से बैंक के लिए नवीन उपाध्याय एंड एसोसिएट से फ्रेश ऑडिट रिपोर्ट मंगवाई गई. उनसे मिली ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न बैंक खातों में कुल 23 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता पाई गई.
सरगुजा कलेक्टर के आदेश पर हुई कार्रवाई
गौरतलब है कि इस पूरे मामले में सरगुजा के कलेक्टर की ओर से बलरामपुर के एसपी को पत्र लिखकर मामले की जानकारी देने के साथ ही अपराध दर्ज करने के लिए कहा गया था. इसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए बलरामपुर एसपी ने कुसमी और शंकरगढ़ थाने में अलग-अलग रिपोर्ट दर्ज की. इसके बाद जांच में यह पाया गया कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित अंबिकापुर के शंकरगढ़ ब्रांच के तीन बैंक अकाउंट में फर्जीवाड़ा कर वित्तीय अनियमितता की गई है. मामले में पुलिस की टीम ने बैंक मैनेजर समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जितने भी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. वे सभी बैंक में किसी ने किसी पद पर कार्यरत हैं.
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