
Corruption in road construction Balod CG : छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली खबर सामने आई है. महज डेढ़ साल बनी 41 किलोमीटर की सड़क लापरवाही की भेंट चढ़ गई. बालोद जिले के झलमला चौक से डौंडी तक 41 किलोमीटर लंबी मुख्य सड़क का निर्माण वर्ष 2021 में शुरू हुआ था. सड़क निर्माण का यह कार्य 2023 में जाकर पूरा हुआ था. लेकिन महज डेढ़ साल के भीतर ही इस बहुप्रतीक्षित सड़क की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.
गड्ढे और टूटी स्लैब का कौन है जिम्मेदार
8 सितंबर 2021 को इस सड़क की प्रशासकीय स्वीकृति मिली थी. 79.29 करोड़ की स्वीकृत निविदा को कवर्धा स्थित कन्हैयालाल अग्रवाल की फर्म ने 21.21% कम दर पर (62.47 करोड़ रुपए में) हासिल किया. 27 अक्टूबर 2021 को कार्यादेश जारी होने के साथ ही निर्माण कार्य शुरू हुआ.
शिकायतों के बावजूद विभागीय अफसरों ने गुणवत्ता की अनदेखी की
कार्य के तहत सड़क की GSB (Granular Sub Base) और WMM (Wet Mix Macadam) परतें 41 मिमी मोटाई में बिछाई जानी थीं. लेकिन निर्माण के दौरान ही स्थानीय ग्रामीणों द्वारा अनियमितता की शिकायतें सामने आईं. शिकायतों के बावजूद विभागीय अफसरों ने गुणवत्ता की अनदेखी करते हुए तय समय पर कार्य पूरा करने की हड़बड़ी में कार्य को आगे बढ़ाया.
BT लेयर में भी घटिया सामग्री, डामरीकरण के बाद भी सतह कमजोर
डामरीकरण यानी BT (Bituminous) कार्य के समय भी घटिया सामग्रियों के उपयोग की शिकायतें आईं, लेकिन PWD के इंजीनियरों और एसडीओ स्तर के अधिकारियों ने इन पर गंभीरता नहीं दिखाई. अब सड़क की ऊपरी परतों पर दरारें, उखड़न और धंसने के चिन्ह स्पष्ट रूप से दिखने लगे हैं।
स्लैब टूटे, पकड़ कमजोर
निर्माण कार्य के दौरान 64 ह्यूम पाइप पुलिया, 04 मध्यम पुल और 45 स्लैब का निर्माण किया जाना था. इनमें से कई स्लैब अब टूटने लगे हैं. कई जगहों पर स्लैब के किनारे की पकड़ कमजोर पड़ने से सड़क के नीचे गहरे गड्ढे बनने लगे हैं. रोजाना रेत, आयरन ओर और भारी वाहनों की आवाजाही इस समस्या को और विकराल बना रही है.
पहाड़ी बहाव की निकासी की अनदेखी
सड़क निर्माण के दौरान पहाड़ी इलाकों से बहते पानी की निकासी के कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए. नतीजा यह है कि बारिश के पानी से स्लैब के नीचे की मिट्टी कटने लगी है और सड़क खोखली होती जा रही है. झलमला चौक से लगभग 8 किलोमीटर दूर मुल्ले चौक के पास घाटी क्षेत्र में सड़क की हालत पहले से ही गंभीर है.
विभाग अब 'पीजी' (परफॉर्मेंस गारंटी) के भरोसे
लोक निर्माण विभाग की कार्यपालन अभियंता पूर्णिमा चंद्रा ने स्वीकार किया कि सड़क की स्थिति पर ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है और जिन स्थानों से शिकायतें मिल रही हैं. वहां, सुधार के निर्देश दिए गए. आवश्यकता पड़ने पर ठेकेदार की परफॉर्मेंस गारंटी राशि से सुधार कार्य कराया जाएगा.
सरकारी रिकॉर्ड में "पूर्ण" दिखाई जाने वाली यह सड़क जमीनी हकीकत में अधूरी, असुरक्षित और अस्थिर साबित हो रही है. करोड़ों की लागत और सरकारी धन के बावजूद घटिया निर्माण की यह मिसाल बताती है कि निरीक्षण और जवाबदेही की प्रक्रिया में कहीं न कहीं गंभीर चूक हुई है.
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