Bijapur News : मद्देड़ इलाके में पुलिस की तरफ से घात लगाकर की गई कार्रवाई से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है. मंगलवार तड़के हुई मुठभेड़ में मारे गए माओवादी की शिनाख्त मद्देड़ इलाके में लंबे समय से सक्रिय माओवादी नागेश पदम के रूप में हुई. नागेश मद्देड़ एरिया कमेटी का प्रभारी होने के साथ डिवीजनल कमेटी मेम्बर भी था. आठ लाख के इनामी नागेश की बीजापुर पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही थी. चुनाव से ठीक पहले पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई से ना सिर्फ नक्सल संगठन को बड़ा नुकसान पहुंचा है बल्कि चुनाव में खलल डालने की माओवादियों की साजिश से भी पर्दा उठा है.
बीजापुर एसपी आंजनेय वार्ष्णेय का कहना है कि इस मुठभेड़ के बाद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि माओवादी कोई बड़ा घातक कदम नहीं उठाएंगे. वे चुनाव में खलल डालकर जवाबी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. बावजूद इसके पुलिस पूरी तरह से चौकन्नी और मुस्तैद है, जिससे चुनाव में नक्सली किसी तरह की बाधा पैदा ना कर सकें. मारे गए नक्सली नागेश के विषय में एसपी ने बताया कि उस पर 108 स्थाई वारंट लंबित थे. उस पर आठ लाख का इनाम भी घोषित था. घटना स्थल से एक एके-47 भी बरामद हुई है.
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सटीक सूचना और घात लगाकर वार
लंबे अंतराल के बाद बीजापुर में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है, जिसमें पुलिस का सूचना तंत्र कारगर रहा. सटीक जानकारी पर डीआरजी, सीआरपीएफ, एसटीएफ को मद्देड़ के बंदेपारा के जंगल में ऑपरेशन के लिए उतारा गया था, जहां डीवीसीएम नागेश के अलावा सचिव बुचन्ना, एसीएम विश्वनाथ समेत 15 से 20 सशस्त्र माओवादी उपस्थित थे. एसपी के मुताबिक नक्सली चुनाव के मद्देनजर बड़ी वारदात की फिराक में थे लेकिन उनके मंसूबों पर पानी फिर गया.
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नेताओं की सुरक्षा बड़ा मुद्दा
बस्तर में चुनाव के बीच नेताओं की सुरक्षा बड़ा मुद्दा बना हुआ है. बीजापुर में आधा दर्जन से ज्यादा भाजपा नेताओं को हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से नक्सलियों की तरफ से खतरे की आशंका के मद्देनजर 'एक्स श्रेणी' की सुरक्षा प्रदान की गई है. मद्देड़ एन्काउंटर के बाद पुलिस के सामने अब बड़ी चुनौती नक्सलियों की तरफ से जवाबी प्रतिक्रिया को हर हाल में रोकना है.