Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से एक बड़ी खबर आ रही है. आईपीएस (IPS) जीपी सिंह को अपने ऊपर लगे राजद्रोह मामले में बिलासपुर हाई कोर्ट (Bilaspur High Court) से बड़ी राहत मिली है. उनके ऊपर लगे राजद्रोह के मुकदमे की प्रोसिडिंग पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है. बता दें भूपेश बघेल सरकार (Bhupesh Baghel Government) ने IPS जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था. जीपी सिंह 1994 बैच के आईपीएस अफसर हैं. वो छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) भी रहे थे.
भूपेश बघेल सरकार ने लगाया था राजद्रोह का आरोप
भूपेश सरकार ने इन पर आरोप लगाया था, कि उनके सरकारी बंगले से फटे हुए पन्ने, कुछ चिट्ठियां और पेन ड्राइव मिली थी. जिसकी जांच से सरकार विरोधी गतिविधियों की बात सामने आई थी. इसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच के बाद पुलिस ने आईपीएस जीसी सिंह पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया था. पूर्व में भी इनके खिलाफ अवैध वसूली, ब्लैकमेलिंग से कमाए करोड़ों रुपए और करोड़ों की प्रॉपर्टी के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत दर्ज की गई थी. जिसकी जांच चल रही थी.
ACB ने जीपी सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था
एंटी करप्शन ब्यूरो ने जुलाई 2021 को सिंह के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले के अलावा राजनांदगांव और ओडिशा के 15 अन्य स्थानों पर छापा मारा था. इसमें 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ कई संवेदनशील दस्तावेज मिले थे. इसके बाद ACB ने जीपी सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था. वहीं दूसरी ओर सरकार ने 5 जुलाई को उन्हें सस्पेंड कर दिया था और 8 जुलाई की रात को उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज कराया था.
जेपी सिंह को कंपलसरी रिटायर कर दिया था
जीपी सिंह पर आरोप था कि ये सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे. 9 जुलाई 2021 को जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर CBI जांच की मांग की थी. मामले की जांच के बाद 11 जनवरी 2022 को जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद उन्हें मई 2022 में जमानत मिली गई थी. सर्विस रिव्यू कमेटी की सिफारिश पर 21 जुलाई 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने IPS जीपी सिंह को भारत सरकार ने कंपलसरी रिटायर कर दिया था. तब जीपी सिंह की सेवा के 8 साल बचे थे.
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