
Chhattisgarh Assembly Election 2023: देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. इस पांच राज्यों में धान का कटोरा कहा जाने वाला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) ही ऐसा राज्य है जहां दो चरणों में वोटिंग होगी. पहले चरण में 7 नवंबर को और दूसरे चरण में 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि साल 2018 में भारी बहुमत से सत्ता में आई भूपेश सरकार 2023 में भी खुद को रिपीट कर पाएंगी.
भूपेश बघेल सरकार (Bhupesh Baghel government) को अपनी तमाम कल्याणकारी योजनाओं पर भरोसा है तो वहीं बिना CM फेस के मैदान में उतरी बीजेपी को PM मोदी के चेहरे और एंटी इन्कम्बेन्सी के सहारे सत्ता में वापसी की आशा है. इसी कड़ी में नतीजों से करीब एक महीने पहले NDTV आपको बता रहा है छत्तीसगढ़ की जनता के मन में क्या है? NDTV ने CSDS-Lokniti के साथ मिलकर ये सर्वे 24 से 30 अक्टूबर के बीच किया गया. जिसमें 25 विधानसभा क्षेत्रों में 2541 सैंपल साइज लिए गए. जिसमें दर्जनों सवाल मतदाताओं से किए गए, और इन्हीं के जवाब लेकर हम आपके सामने आए हैं.

79 फ़ीसदी मतदाता हैं भूपेश सरकार से संतुष्ट
इसमें सबसे अहम सवाल यही था कि छत्तीसगढ़ की जनता भूपेश सरकार के कामकाज से कितनी संतुष्ट है? इसका जवाब कांग्रेस की बांछे खिला सकता है.क्योंकि राज्य के सिर्फ़ 34 फ़ीसदी मतदाता ही भूपेश सरकार से पूरी तरह संतुष्ट हैं. उनकी सरकार से कुछ हद तक संतुष्ट मतदाताओं का प्रतिशत 45% रहा. यानी देखा जाए तो भूपेश सरकार के साथ राज्य की 79 फीसदी जनता है. इसी सवाल के जवाब में 9 फीसदी उत्तरदाता कांग्रेस सरकार से पूरी तरह असंतुष्ट है. जबकि पूरी तरह असंतुष्ट उत्तरदाताओं की संख्या 10 फीसदी है.

80 फीसदी जनता केन्द्र के काम से खुश
सर्वे का दूसरा अहम सवाल केंद्र में सत्तासीन नरेंद्र मोदी सरकार से जुड़ा था. सर्वे में शामिल लोगों से पूछा गया था कि केंद्र सरकार के कामकाज से आप कितना संतुष्ट हैं? इसका जवाब दिलचस्प है. उत्तर देने वालों में से 42 फीसदी पूरी तरह संतुष्ट और 38 फीसदी कुछ हद तक संतुष्ट हैं. यानी मोटे तौर पर देखा जाए तो मोदी सरकार के काम को लेकर 80 फीसदी जनता संतुष्ट है. ये आंकड़ा भूपेश सरकार के लिए थोड़ी मुश्किल खड़ी कर सकता है. इसी सवाल के जवाब में कुछ हद तक असंतुष्ट उत्तरदाताओं की संख्या 11 और असंतुष्ट उत्तरदाताओं की संख्या 6 फीसदी है.

NDTV-CSDS Lokniti के सर्वे में छत्तीसगढ़ की जनता से ये भी पूछा गया कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में आदिवासियों की स्थिति सुधरी या बिगड़ी. इसके जवाब में 45 फीसदी उत्तरदाताओं ने सुधार की बात और 21 फीसदी ने बिगड़ने की बात कही. मतलब यहां भी भूपेश सरकार पास कर गई. वहीं नक्सल समस्या को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में 30 फीसदी ने कहा हालात में सुधार आया है और 22 फीसदी ने बिगड़ने की बात मानी है. यहां भूपेश सरकार खुश हो सकती है.

लेकिन जब भ्रष्टाचार पर एक्शन को लेकर उत्तरदाताओं की राय पूछी गई तो 62 फीसदी ने माना कि बीते 5 सालों में करप्शन बढ़ा है. करप्शन पर एक्शन के सवाल पर 22 फीसदी उत्तरदाता ही भूपेश सरकार के साथ दिखे. पहले जैसा कहने वालों की संख्या 21 फीसदी रही.

CM पद की रेस में भूपेश बघेल हैं कहीं आगे
इसी सर्वे में दो और अहम सवाल जो पूछे गए उसका जवाब भी हम आपको दे देते हैं. मसलन- छत्तीसगढ़ की जनता किसे मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहती है और वो क्या देखकर वोट करेगी. पहले सवाल के जवाब में भूपेश बघेल के लिए खुश होने की वजह है क्योंकि सूबे की39 फीसदी जनता उनके साथ दिखाई दे रही है...वहीं रमन सिंह को बतौर CM देखने वालों की संख्या 24 फीसदी है. इसके बाद जो सबसे बड़ा नाम सूबे की जनता के जहन में है वो है बृजमोहन अग्रवाल. उन्हें इस सर्वे में शामिल 8 फीसदी लोगों ने बतौर CM देखने की इच्छा जताई है. टीएस सिंहदेव के नाम पर 4 फीसदी उत्तरदाता खड़े दिखाई दे रहे हैं. किसे देखकर वोट करेंगे सवाल के जवाब में 36 फीसदी लोगों ने कहा कि वे उम्मीदवार को देखकर वोट करेंगे. पार्टी को देखकर वोट करने वालों की संख्या 32 फीसदी और CM चेहरा देखकर वोट करने वालों की संख्या 15 फीसदी रही. पीएम नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर वोट करने वालों का प्रतिशत 10 और राहुल गांधी के नाम पर 5 फीसदी लोग दिखे.

योजना केन्द्र सरकार की, लाभ भूपेश सरकार को
NDTV-CSDS Lokniti के सर्वे में कुछ दिलचस्प आंकड़े भी सामने आए हैं. मसलन आयुष्मान योजना केन्द्र सरकार की योजना है. लेकिन जब इस योजना के लाभार्थियों से पूछा गया कि वे किसे वोट देंगे तो 49 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि वे कांग्रेस को वोट देंगे. बीजेपी के पक्ष में 30 फीसदी उत्तरदाता खड़े दिखे. कुछ ऐसा ही हाल उज्जवला योजना को लेकर भी है. इस योजना के लाभार्थियों से जब सवाल पूछा गया कि वे किसे वोट देंगे तो 48 फीसदी उत्तरदाता कांग्रेस के पक्ष में तो 34 फीसदी बीजेपी को वोट देने की बात कह रहे हैं. पीएम आवास योजना के मोर्चे पर भी कांग्रेस बाजी मारती हुई दिख रही है. इसके लाभार्थियों में से 45 फीसदी उत्तरदाता कांग्रेस को और 40 फीसदी बीजेपी को वोट देने की बात पर सहमत दिखे.

दलित और OBC कांग्रेस के साथ
सर्वे में जब OBC वर्ग से लोगों से सवाल पूछा गया तो 45 फीसदी उत्तरदाता कांग्रेस का हाथ थामे दिखे तो बीजेपी को 37 फीसदी उत्तरदाताओं का समर्थन है. वहीं दलित वर्ग में कांग्रेस के साथ 50 फीसदी और बीजेपी के साथ 24 फीसदी उत्तरदाता जाते दिख रहे हैं. हालांकि 25 साल के उम्र के युवा मतदाताओं के मोर्चे पर बीजेपी-कांग्रेस में कड़ी टक्कर है. यहां 38 फीसदी उत्तरदाता कांग्रेस के साथ और 39 फीसदी बीजेपी के साथ खड़े हैं. महिला मतदाताओं में 42 फीसदी उत्तरदाता कांग्रेस के साथ और बीजेपी के साथ 36 फीसदी उत्तरदाता दिखे.




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