विज्ञापन

Bemetara Blast: बेमेतरा ब्लास्ट का जिम्मेदार कौन? कई जगहों से CCTV फुटेज गायब! जांच के नाम पर सिर्फ हो रही खाना पूर्ति

Bemetara Gunpowder Factory Blast: जिला प्रशासन की ओर से 26 मई की देर शाम रेस्क्यू ऑपरेशन अभियान बंद कर दिया गया और साथ ही परिजन के बताएं जानकारी के आधार पर 8 लापता लोगों की नाम की घोषणा कर दी गई. ऐसे में ये सवाल खड़ा हो रहा है कि क्यों अब तक जिला प्रशासन लापता लोगों की नहीं तलाश सकी है?

Bemetara Blast: बेमेतरा ब्लास्ट का जिम्मेदार कौन? कई जगहों से CCTV फुटेज गायब! जांच के नाम पर सिर्फ हो रही खाना पूर्ति

Bemetara gunpowder factory blast: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बेमेतरा के बोरसी-पिरदा में हुए ब्लास्ट (Bemetara Blast) में 8 मजदूरों का अब भी सुराग नहीं मिल सका है. प्रशासन ने इन्हें लापता बताते हुए इनमें नामों की सूची जारी कर दी है. फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से लापता परिजनों को तात्कालिक सहायता के रूप में 5 लाख रुपये देने का ऐलान किया गया है. हालांकि इन सब के बीच ये सवाल उठ रहा है कि बेमेतरा जिले के बोरसी पिरदा में हुए ब्लास्ट के जिम्मेदार आखिर कौन है? क्यों अब तक जिला प्रशासन लापता लोगों को पता नहीं लगा पाई? सिर्फ परिजन के अनुसार जिला प्रशासन कैसे लापता लोगों के नाम की घोषणा कर सकती है?

इसके अलावा ये भी सवाल खड़े  हो रहे हैं कि ब्लास्ट के तीन दिन बाद भी आखिर क्यों FIR दर्ज नहीं किया गया? ग्लास फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों का इंश्योरेंस क्यों नहीं था? जब वह ठेकेदारी पद्धति में कार्य कर रहे हैं तो श्रम विभाग के तहत मजदूरों का पंजीयन क्यों नहीं? सुरक्षा मानक में कमी होने के बाद इसे सील किया गया था तो फिर किस आधार पर इसे खोला गया? फैक्ट्री में बारूद रखने की क्षमता कितनी है ये भी जानकारी नहीं है और ना ही ऑनलाइन की जा रही है?

8 लापता लोगों की नाम की घोषणा की गई

छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित बेमेतरा जिले में संचालित स्पेशल ब्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड बारूद कंपनी में 25 मई की सुबह 7.30 बजे हुए ब्लास्ट से कितने लोगों की मौत हुई है या कितने लोग लापता है यह वास्तविक जानकारी नहीं मिल पा रही है. हालांकि जिला प्रशासन की ओर से 8 लापता, एक की मौत और 6 घायलों की नाम की घोषणा कर दी गई है. वहीं जिला कलेक्टर ने जिन आठ लापता लोगों की नाम की घोषणा की है, वो परिजनों द्वारा बताएं गए जानकारी के आधार पर की गई है.

लापता लोगों के परिजनों को दी जाएगी 5 लाख रुपये की मुआवजा

इधर, जिला प्रशासन द्वारा 26 मई की देर शाम रेस्क्यू ऑपरेशन यानी बचाव अभियान भी बंद कर दिया गया और 8 लापता लोगों के परिजनों को फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से 5 लाख रुपये की मुआवजे की घोषणा कर दी गई. साथ ही ये भी जानकारी दी गई कि लापता लोगों की एक सप्ताह में ढूंढ निकालेंगे या शिनाख्त हो जाएगी. इसके बाद 5 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से दी जाएगी. उन्होंने कहा कि कुछ बॉडी पार्ट्स मालवा स्थल से मिला है जिसे डीएनए टेस्ट के लिए भेजा जा रहा है.

आवक-जावक रजिस्टर कैसे हुआ गायब?

राज्य शासन व जिला प्रशासन के द्वारा अब तक लोगों के लापता होने या मृत्यु की वास्तविक जानकारी नहीं बताना भी एक जांच का विषय है. फैक्ट्री प्रबंधन के द्वारा लोगों के आने-जाने के लिए रजिस्टर भी मेंटेन किया जाता था. आवक-जावक रजिस्टर का अब तक नहीं मिल पाना भी प्रशासन पर सवाल खड़े कर रहे हैं, क्योंकि कंपनी लगभग 500 एकड़ में फैला है और 50 एकड़ फैक्ट्री का ही एरिया है, जिसमें 400 से अधिक मजदूर कार्यरत थे और इन मजदूरों को ठेकेदार के द्वारा ही फैक्ट्री में लगाया गया था, जिसमें एक ठेकेदार के पास 200 मजदूर काम कर रहे थे. वहीं दो ठेकेदारों के पास 100-100 मजदूर काम देख रहे थे.

सील फैक्ट्री को आधार पर फिर से संचालित किया गया

ग्रामीणों का कहना है कि एक शिफ्ट में 100 मजदूर विभिन्न जगहों पर जाकर काम करते थे. बता दें कि फैक्ट्री में लगे सीसीटीवी कैमरे के कई जगह के फुटेज भी गायब हैं. स्पेशल ब्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड बारूद कंपनी के द्वारा सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर फैक्ट्री संचालित कर रहे थे, जिसमें मुख्य रूप से दमकल वाहन व एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं होने के चलते इसे सील कर दिया गया था, लेकिन फिर से यह कंपनी संचालित हुई तो क्या सुरक्षा मानक की जांच की थी या नहीं? ये भी सवाल पैदा होता है आखिर किसके आदेश पर फिर से इस फैक्ट्री को संचालित किया गया है?

ग्रामीण के विरोध के बावजूद क्यों चलाया जा रहा था बारूद फैक्ट्री

जिले में ये फैक्ट्री पिछले 20 सालों से संचालित है. जानकारी के मुताबिक, ये फैक्ट्री मध्य प्रदेश के रहने वाले संजय चौधरी के नाम पर संचालित है. बताया जा रहा है कि यह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के रिश्तेदार हैं और राजनीतिक रसूल के चलते लगातार विरोध होने के बावजूद इस फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है. वहीं समय-समय पर ग्रामीण इस फैक्ट्री के विरोध में मुखर भी हुए हैं, लेकिन प्रशासन कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में अब ये भी सवाल है कि क्या फायर सेफ्टी एक्ट के तहत इस ब्लास्ट के दोषी पर कार्रवाई होगी या फिर सिर्फ खाना पूर्ति कर इसे छोड़ दिया जाएगा. 

ये भी पढ़े: सागर में दलित युवती की मौत मामले में गरमाई सियासत, दिग्विजय सिंह ने कलेक्टर-एसपी को हटाने की मांग की

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
NIA Raid In CG: जवान की हत्या मामले में बड़ा एक्शन, निशाने पर 11 संदिग्ध, छापे में क्या मिला?
Bemetara Blast: बेमेतरा ब्लास्ट का जिम्मेदार कौन? कई जगहों से CCTV फुटेज गायब! जांच के नाम पर सिर्फ हो रही खाना पूर्ति
Raipur CM Vishnu Deo Sai is taking collectors Conference strict instructions given in many cases
Next Article
CG: कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में CM साय के कड़े तेवर! कई मामलों में दी सख्त हिदायद, बोले- भाषा का संयम चूका तो करूंगा कार्रवाई
Close