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This Article is From Dec 04, 2023

मध्यप्रदेश में बीजेपी को मिली बंपर जीत तो शिवराज के 12 मंत्री चुनाव क्यों हारे?

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इतिहास रच दिया. पार्टी की झोली में जनता ने 163 सीटें डालीं और कांग्रेस को 66 सीटों पर ही समेट दिया. हालांकि बीजेपी की इस बंपर जीत का रंग थोड़ा फीका इसलिए पड़ा क्योंकि शिवराज सरकार के 31 में से 12 मंत्री चुनाव हार गए. जानिए इसकी वजह क्या है?

मध्यप्रदेश में बीजेपी को मिली बंपर जीत तो शिवराज के 12 मंत्री चुनाव क्यों हारे?

Madhya Pradesh Results 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इतिहास रच दिया. पार्टी की झोली में जनता ने 163 सीटें डालीं और कांग्रेस को 66 सीटों पर ही समेट दिया. इसके अलावा सपा,बसपा, AAP या निर्दलियों का खाता नहीं खुला लेकिन भारत आदिवासी पार्टी (Bharat Adivasi Party) का एक उम्मीदवार विधानसभा पहुंचने में सफल रहा. हालांकि बीजेपी की इस बंपर जीत का रंग थोड़ा फीका इसलिए पड़ा क्योंकि शिवराज सरकार (Shivraj government)के 31 में से 12 मंत्री चुनाव हार गए. साल 2018 के चुनाव में शिवराज के 13 मंत्री चुनाव हारे थे. गौर करने वाली बात ये है कि तब बीजेपी के खाते में 109 सीट ही थे. 2023 के चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत 7.53%  बढ़ा है लेकिन उसके 27 सीटिंग विधायक जीत दर्ज करने में नाकाम रहे. आइए जान लेते हैं कि हारने वाले सभी 12 मंत्रियों के हारने की वजह क्या है?

नरोत्तम मिश्रा- व्यवहार ने हराया

दतिया सीट से गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) कांग्रेस के राजेंद्र भारती से 7742 वोटों से चुनाव हार गये. यहां उनका व्यवहार और पार्टी कार्यकर्ताओं की गुंडई इसकी वजह मानी जा रही है.

कमल पटेल- जनता से हो गए थे दूर

कृषि मंत्री कमल पटेल (Kamal Patel) हरदा सीट से चुनावी मैदान में थे. वहां वे कांग्रेस के आरके दोगने से 870 वोट से चुनाव हार गए. इलाके में भ्रष्टाचार और जनता से दूरी वजह बनी

प्रेम सिंह- जनता नाराज थी

पशु मंत्री प्रेम सिंह पटेल (Prem Singh Patel) बड़वानी से चुनावी मैदान में थे. वे कांग्रेस के राजन मंडलोई से 11,171 वोटों से हारे. ऐसा कहा जा रहा है कि जनता नाराज़ थी और कई बार वो सार्वजनिक मंच से अपशब्द बोल जाते थे.

महेन्द्र सिंह- पुराने कार्यकर्ता थे नाराज

पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया (Mahendra Singh Sisodia) बमोरी सीट से खड़े थे. उनको कांग्रेस के ऋषि अग्रवाल ने 8389 वोटों से हरा दिया.ऋषि बीजेपी के पूर्व मंत्री केएल अग्रवाल के बेटे हैं. महेन्द्र से बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता नाराज बताए जा रहे थे.इलाके के लोगों की नाराजगी और भ्रष्टाचार के आरोप उनके खिलाफ गये. 

राजवर्धन- कथित वीडियो ने हराया !

उद्योग मंत्री राजवर्धन दत्तीगांव बदनावर सीट से ताल ठोक रहे थे. उन्हें बीजेपी के बागी भंवर सिंह शेखावत से 2976 वोटों से हार मिली.दत्तीगांव के कथित वीडियो, बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं का विरोध उनके खिलाफ गया.

अरविंद भदौरिया- बागी ने घर में घेरा

सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया को पूर्व गृहमंत्री सत्यदेव कटारे के बेटे हेमंत कटारे ने 20,228 वोटों से हरा दिया. बीजेपी के बागी मुन्ना भदौरिया ने जमकर वोट काटे और अरविंद भदौरिया को घर में घेर दिया.

गौरीशंकर बिसेन- अंतिम वक्त में बदला खेल

नर्मदा घाटी विकास के मंत्री गौरीशंकर बिसेन बालाघाट से अपनी किस्मत आजमा रहे थे.उन्हें कांग्रेस की अनुभा मुंजारे से 29,195 मतों से हार मिली. कहा जा रहा है कि वे 5 साल तक बेटी को टिकट दिलवाने के लिये लड़े लेकिन अंतिम वक्त में खुद खड़े हो गये. जिसमें लोगों ने उन्हें नकार दिया. 

इसके अलावा पोहरी से राज्य मंत्री सुरेश धाकड़, ग्वालियर ग्रामीण से भरत सिंह कुशवाह, परसवाड़ा से रामकिशोर कांवरे, खरगापुर से राहुल लोधी, अमरपाटन से मंत्री,राम खेलावन पटेल भी चुनाव हार गये.

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