Farmer Son: शीर्ष से शिखर तक या गरीबी से अमीरी तक की कहानियां आपने बहुत सुनी होगी. इससे सबसे ज्यादा प्रेरणादायक और मार्मिक होती हैं. ऐसी ही एक कहानी है करसनभाई पटेल (Karsan Bhai Patel) की, जो एक प्रसिद्ध डिटर्जेंट (Famous Detergent) और पर्सनल केयर उत्पाद कंपनी निरमा लिमिटेड (Nirma Limited) के संस्थापक हैं. एक किसान का बेटा (Farmer's Son) होने के बाद भी इन्होंने साइकिल पर सामान बेचने के लिए सरकारी नौकरी छोड़ी थी. उन्होंने लाइफ में बड़े होने के दौरान कई आर्थिक कठिनाइयों का सामना किया.
ऐसा था शुरुआती जीवन
1945 में गुजरात के रूपपुर में एक कम आय वाले किसान परिवार में जन्मे करसनभाई पटेल को बड़े होने के दौरान कई आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. केमेस्ट्री में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद पटेल ने एक सरकारी लैब में लैब टेकनिशन के रूप में शुरुआत की. कम सैलरी के बावजूद उन्होंने अधिक स्थिर जीवन के लिए अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की इच्छा जताई.
इसलिए शुरू की कंपनी
पटेल ने देखा कि बहुत से लोग महंगे डिटर्जेंट या अन्य वॉशिंग ब्रांड नहीं खरीद सकते. बाजार की कमी को समझते हुए उन्होंने एक किफायती डिटर्जेंट पाउडर निकाला जो आम लोगों के लिए किफायती था. मात्र 15,000 रुपये के लोन के साथ, पटेल ने अपने घर के पीछे में काम शुरू किया. उन्होंने बुनियादी सामग्रियों का उपयोग करके एक डिटर्जेंट पाउडर बनाया और इसका नाम निरमा रखा. इसके बाद उन्होंने अपनी साइकिल पर घर-घर जाकर डिटर्जेंट पाउडर बेचना शुरू किया.
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फेमस ब्रांड बन गया निरमा
इसके बाद निरमा की लोकप्रियता आसमान छूने लगी और यह उस समय का सबसे सस्ता ब्रांड बन गया, जिसकी कीमत 13 रुपये प्रति किलोग्राम थी. उन्होंने एक छोटी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट किराए पर ली और उत्पादन प्रक्रिया के लिए मजदूरों को काम पर रखा. फिर निरमा की सफलता तेजी से बढ़ी और कंपनी भारत में एक जाना-माना नाम बन गई. वर्तमान में कंपनी करीब 18,000 कर्मचारियों के साथ इस क्षेत्र पर राज कर रही है. उन्होंने साबुन, ब्यूटी प्रोडक्ट और पर्सनल केयर, जैसे अन्य उत्पाद क्षेत्रों में भी कदम रखा है.
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