How to apply for BSP Vocational Training: देश के प्रतिष्ठित इस्पात संयंत्र में अब देश के युवाओं के लिए नया अवसर खुल गया है. भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) अपने कार्य क्षेत्र में तो बेहतर प्रदर्शन कर ही रहा है, लेकिन अब प्लांट देश के युवाओं के लिए भी एक सुनहरा मौका लेकर आया है. जी हां,संयंत्र अब अपने सीएसआर (BSP CSR) पहल के तहत युवाओं को नि:शुल्क वोकेशनल ट्रेनिंग (Free Vocational Training) देने जा रही है. इस वोकेशनल एवं प्रोजेक्ट ट्रेनिंग (Project Training) में प्रवेश के लिए देश के किसी भी कोने से युवा अप्लाई कर सकते हैं. अगर आप भी इसमें आवेदन करना चाहते हैं तो आइए आपको इसकी प्रक्रिया बताते हैं.
कौन कर सकता हैं आवेदन
बीएसपी में वोकेशनल, प्रोजेक्ट ट्रेनिंग इंजीनियरिंग में आवेदन करने के लिए देश के किसी भी कोने से युवक आ सकते हैं. इसके लिए आपको कम से कम ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, प्रबंधन, फार्मेसी, फिजियोथेरेपी, अग्नि और सुरक्षा, सामाजिक विज्ञान, कानून, मीडिया व जनसम्पर्क, कंप्यूटर अनुप्रयोग और ट्रेनिंग के समय लागू किसी भी स्ट्रीम या पाठ्यक्रम से डिग्री प्राप्त होनी चाहिए. इसमें देश भर के किसी भी शैक्षणिक संस्थान से पास छात्र आवेदन कर सकते हैं. बता दें कि इस ट्रेनिंग में बीएसपी में काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी.
यह है आवेदन करने की प्रक्रिया
भिलाई इस्पात संयंत्र के इस ट्रेनिंग में आवेदन करने के लिए पहले आपको संबंधित संस्थान के प्रमुख, डीन, एचओडी से सीधे या संबंधित छात्र, छात्राओं के माध्यम से ट्रेनिंग में प्रवेश संबंधी सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स ट्रेनिंग शुरू होने से एक महीने पहले प्लांट के मानव संसाधन विकास विभाग के महाप्रबंधक को भेजनी होगी. इसके लिए आपको मेल करना होगा. एचआरडीसी विभाग आपके द्वारा भेजे गए आवेदन की जांच करेगा और उपलब्ध सीटों की संख्या के आधार पर विचार करते हुए, फर्स्ट कम फर्स्ट बेसिस पर छात्रों की अंतिम सूची जारी करेगा. इसके बाद एचआरडीसी, युवा के संबंधित संस्थान के प्रमुख या छात्र, छात्राओं को वोकेशनल, प्रोजेक्ट ट्रेनिंग के डिटेल्स के साथ के साथ कन्फर्मेशन लेटर भेजेगा.
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एचआरडी की मुख्य महाप्रबंधक ने दी जानकारी
इस खास ट्रेनिंग कार्यक्रम को लेकर एचआरडी की मुख्य महाप्रबंधक निशा सोनी ने बताया कि कई बच्चों को स्टील इंडस्ट्री या ऐसे कई व्यावसायिक क्षेत्रों के बारे में जमीनी स्तर की जानकारी नहीं होती है या कम होती है. इसकी वजह से वह कई अवसरों का लाभ नहीं उठा पाते और अपने अंदर के कौशल को वर्तमान परिपेक्ष्य के हिसाब से ढाल नहीं पाते. वोकेशनल ट्रेनिंग ऐसे ही बच्चों को इंडस्ट्री एक्सप्लोर करने का मौका देता है. बता दें कि बीएसपी पहले के समय में वोकेशनल ट्रेनिंग सिर्फ गर्मियों में देती थी. इस वजह से इसका लाभ कम लोगों को ही मिल पाता था. इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को ट्रेनिंग देने के लिए प्लांट प्रबंधन ने इस कार्यक्रम को पूरे साल चलाने का निर्णय लिया है. इस ट्रेनिंग से युवाओं को उनका कौशल निखारने में मदद मिलती है.
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