एसपी विनायक वर्मा ने छिंदवाड़ा के पुलिस कप्तान की जिम्मेदारी निभाते हुए आम लोगों के मुद्दों पर खासा ध्यान दिया. मसलन- गुम हुए फोन की रिकवरी. अक्सर आम लोगों की शिकायत रहती है कि उनका स्मार्ट फोन एक बार गुम हो गया फिर किसी ने लूट लिया तो उसका मिलना नामुमकिन है. लेकिन विनायक वर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान अब तक 640 गुम हुए मोबाइल को बरामद कराके संबंधित लोगों को सौंपे हैं. यहीं नहीं उनके कार्यकाल के दौरान शहर में सड़क हादसों में भी कमी आई है. बीते छह माह में ये संख्या 629 से घटकर 432 रह गई है. शहर में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाया जाता है. हर तिराहे-चौराहे पर आपको पुलिस टीम मिल जाएगी. ये टीम हेलमेट, सीट बेल्ट और ब्रेथ एनलाइजर के जरिए जांच करती है.
विनायक वर्मा के IPS बनने की कहानी भी दिलचस्प है.
ये 2011 का वक्त था. नौकरी करने के दौरान ही उन्होंने बिना कोई कोचिंग लिए 2013 में UPSC का एग्जाम निकाला. उन्हें लॉन टेनिस खेलने का शौक है. उन्होंने बताया कि दिनचर्या के दौरान उनकी कोशिश होती है कि ज्यादातर लोगों के फोन अटेंड कर लूं. कप्तान साहब को छिंदवाड़ा के सरकारी कर्मचारियों का वर्क कल्चर काफी अच्छा लगता है. उनका कहना है कि यहां के सरकारी विभागों में सभी कर्मचारी रेगुलर दफ्तर आते हैं और काम में पूरा समय देते हैं. अगर ऑफिस या फील्ड में कहीं भी समस्या आती है तो हमेशा उनकी कोशिश रहती है कि मामला बातचीत से हल हो जाए. इस फॉर्मूले से उन्हें कई बार सफलता मिली है.