Gwalior News in Hindi: भारत की महिला क्रिकेट (अंडर 19) टीम (Women Under 19 Indian Cricket Team) ने वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया है. वैसे तो इसका जश्न पूरे देश के खेलप्रेमी मना रहे हैं, लेकिन ग्वालियर में इसका खास जश्न है. विश्व विजेता टीम का हिस्सा रही ग्वालियर की बेटी, वैष्णवी शर्मा (Vaishnavi Sharma) ने इस वर्ल्ड कप (World Cup 2025) में शानदार खेल का न केवल प्रदर्शन किया, बल्कि हैट्रिक भी लगाई. 17 विकेट लेने जैसे अनेक रिकॉर्ड भी उसने अपने नाम करते हुए भारतीय टीम को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. बेटी की शानदार प्रदर्शन के बाद उनके घर में उत्सव का माहौल हैं.
हमेशा से रहीं हैं एमपी की शान
वैसे तो वैष्णवी की खेल यात्रा नई नहीं हैं. वे इंडिया एमपी की अंडर-19 टीम की कैप्टन रह चुकी हैं. 2022 में वैष्णवी ने घरेलू क्रिकेट में देश में सबसे ज्यादा विकेट हासिल किए थे, जिसके चलते उन्हें बीसीसीआई ने 2022-23 का डालमिया अवार्ड दिया गया था. हाल ही में उनका अंडर 19 वर्ल्ड कप टीम में सिलेक्शन हुआ था. वर्ल्ड कप मलेशिया में आयोजित हुआ और इस पर इंडिया टीम ने कब्जा कर लिया. इसमें वैष्णवी ने शानदार खेल का प्रदर्शन कर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा.
वूमेन्स अंडर 19 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन
ग्वालियर की बाएं हाथ की ऑर्थोडेक्स बॉलर वैष्णवी ने अंडर 19 महिला टी-20 विश्वकप में सबसे अधिक 17 विकेट लेकर एक कीर्तिमान बनाया हैं. उसने बुमराह को भी पीछे छोड़ दिया. उन्होंने पांच रन देकर पांच विकेट लेकर विश्वकप में शुरुआत की थी. मलेशिया के खिलाफ उसने हैट्रिक भी ली. उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ तीन रन देकर एक विकेट लिया.
कौन हैं भारत की नई स्पिनर सनसनी वैष्णवी शर्मा
अंडर-19 विश्व कप में अपनी दमदार बॉलिंग से पूरी दुनिया में धूम मचाने वाली वैष्णवी शर्मा एमपी के ग्वालियर की रहने वाली हैं. वैष्णवी का पैतृक घर चंबल क्षेत्र में जालौन जिले क़े मिझोना है. चंबल इलाके से आने वाली वैष्णवी भारत की एकमात्र महिला क्रिकेटर हैं. वैष्णवी को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था. ऐसे में उनके पिता नरेंद्र शर्मा जब स्वयं सफल नहीं हो सके, तो उन्होंने अपनी बेटी क्रिकेटर बनाने के लिए दिन-रात एक कर दिया. पेशे से ज्योतिष का काम करने वाले वैष्णवी के पिता नरेंद्र बताते हैं कि वे जहां रहते थे, वहां क्रिकेट की ट्रेनिंग के लिए उस तरह की व्यवस्था नहीं थी. जैसी कि वैष्णवी को जरूरत थी.
क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए किया घर शिफ्ट
वैष्णवी के पिता ने बताया कि उन्होंने परिवार को ग्वालियर शिफ्ट किया और यहां की तानसेन क्रिकेट एकेडमी लेकर आए. एकेडमी की अच्छी ट्रेनिंग और प्रैक्टिस से वैष्णवी ने सिर्फ 9 साल की उम्र में इंटर स्कूल अपने शानदार खेल मनवाना शुरू कर दिया था. सिर्फ इतना ही नहीं, वैष्णवी भारत की अंडर-19 टीम की कैप्टन रह चुकी हैं. 2022 में वैष्णवी ने घरेलू क्रिकेट में देश में सबसे ज्यादा विकेट हासिल किए, जिसके चलते उन्हें बीसीसीआई ने 2022-23 का जूनियर विमेंस क्रिकेट में डालमिया अवार्ड से सम्मानित किया था.
14वें ओवर में वैष्णवी ने ली हैट्रिक
अंडर-19 महिला टी-20 विश्व कप 2025 में मलेशिया के खिलाफ खेलते हुए पारी के 14वें ओवर में उन्होंने अपनी हैट्रिक पूरी की. ओवर की दूसरी गेंद पर वैष्णवी ने सबसे पहले नूरएन बिनती रोसलना LPW आउट किया. इसके बाद तीसरी गेंद पर वैष्णवी ने नूर इस्लाम को भी LPW आउट किया और हैट्रिक विकेट उन्होंने सिती नजवाह के रूप में बोल्ड कर लिया. वैष्णवी की इस दमदार गेंदबाजी से मलेशिया की टीम सिर्फ 31 रन पर सिमट गई. इसके बाद भारत ने सिर्फ 17 गेंद में 32 रन बनाकर मैच को अपने नाम कर लिया.
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परिवार ने सहा कष्ट
वैष्णवी के पिता और परिवार ने भी उसे शिखर तक पहुंचाने में कम संघर्ष और त्याग नहीं किया है. उनके पिता नरेंद्र को एक बेटा और एक बेटी हैं. उनके पिता सुविधाओं के लिए गांव छोड़कर ग्वालियर ले आये. यहां पहले सिंधी कॉलोनी में अपने मकान में रहते थे, लेकिन उसे छोड़कर सरस्वती नगर में किराये के मकान में रहने आ गए. वह प्रैक्टिस के लिए रूप सिंह स्टेडियम और जीवाजी विवि जाती थी, जो सरस्वती नगर के पास में ही है. जो समय बचा उसमे वह ज्यादा प्रैक्टिस करती थी.
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