
छत्तीसगढ़ सरकार ने चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए कुछ नए नियम बनाए हैं. ये निर्णय चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक सुधार के रूप में देखे जा रहे हैं. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने चिकित्सा क्षेत्र ने यह बदलाव किए हैं. चिकित्सा स्नातक एमबीबीएस (MBBS), बीडीएस (BDS) और बीपीटी (BPT) पाठ्यक्रमों में काउंसलिंग के लिए सरकार ने नियमों में संशोधन किया है. इससे विद्यार्थियों को अधिक सुविधा एवं पारदर्शिता मिलेगी.
जानिए क्या-क्या हुए बदलाव
- निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रबंधन कोटा एवं एनआरआई कोटा में आरक्षित वर्गों (SC, ST, OBC) की रिक्त सीटों के आवंटन में छत्तीसगढ़ मूल निवासी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी.
- बॉन्ड सेवा अवधि में छूट, ऑनलाइन होगी काउंसलिंग
- पूर्व निर्धारित 2 वर्षों के स्थान पर अब न्यूनतम 1 वर्ष की बॉन्ड सेवा अवधि अनिवार्य की गई है. सभी तरह की काउंसलिंग प्रक्रियाएं अब ऑनलाइन होंगी. सीट आबंटन एवं प्रवेश की पूरी प्रक्रिया भी ऑनलाइन होगी.
- ओबीसी वर्ग के लिए आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए प्रमाण-पत्र संबंधित मापदंडों को सरल किया गया है.
- ईडब्ल्यूएस (EWS, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) श्रेणी की रिक्त सीटों अब अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों यानी सामान्य वर्ग को आवंटित की जाएंगी.
- काउंसलिंग के प्रत्येक राउंड में पंजीयन की सुविधा उपलब्ध रहेगी.
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन नए नियमों के अनुसार काउंसलिंग की प्रक्रिया 30 जुलाई 2025 से प्रारंभ होगी. यह निर्णय राज्य के चिकित्सा विद्यार्थियों को अधिक अवसर प्रदान करने तथा प्रक्रिया को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
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