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Schools in Bad Condition: सतना के 60 स्कूलों में लगा सरकारी ताला, संचालन के अभाव में खंडहर हो रहे भवन...

Satna Government Schools Condition: सतना जिले के सरकारी विद्यालयों की हालत खस्ता है. यहां के 60 स्कूलों पर बच्चों के अभाव में ताला लटक रहा है. इससे भवन की हाल जर्जर है, जो कभी भी हादसे का शिकार बन सकती हैं.

Schools in Bad Condition: सतना के 60 स्कूलों में लगा सरकारी ताला, संचालन के अभाव में खंडहर हो रहे भवन...
सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खस्ता है

Satna News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना जिले में सरकारी स्कूलों (Government Schools) की हालत खराब है. एक तरफ जिले में नए-नए प्राइवेट विद्यालयों को मान्यता दी जा रहीं हैं, तो दूसरी तरफ वर्षों से संचालित हो रहे सरकारी स्कूलों में सरकारी ताला लगता जा रहा है... शिक्षण सत्र 2024-25 में जिले के 60 विद्यालयों में सरकारी ताला लगा दिया गया. देखरेख के अभाव में भवन जर्जर हो रहे हैं और यह कभी भी हादसे का शिकार बन सकते हैं. सरकारी स्कूलों में घटती छात्रों की संख्या का कारण क्या है? इसको लेकर अफसरों के अपने-अपने तर्क हैं, लेकिन यह उन लोगों के लिए चिंता का विषय है, प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने में सक्षम नहीं हैं... 

लगातार घट रही स्कूलों की संख्या

सतना जिले में सरकारी स्कूलों की संख्या लगभग 2600 है. ये हर साल कम होती जा रही हैं. उधर, प्राइवेट स्कूलों की संख्या जनसंख्या बढ़ने के साथ ही और अधिक बढ़ती जा रही है. ऐसे में यहां सवाल उठता है कि क्या यह शिक्षा के प्राइवेटाइजेशन का दौर शुरू हो गया? या फिर सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता सही नहीं है, जिससे इन स्कूलों से लोगों का स्वयं मोह भंग हो गया और स्थिति स्कूल बंद होने तक जा पहुंची. यह तो कमेटी द्वारा जांच कराए जाने के बाद भी सामने आ सकेगा, मगर यह तय है कि आने वाले समय में तमाम गांव के बच्चों के अभिभावकों को अब मोटी फीस चुकाने के लिए कमर कसनी पड़ेगी.

सबसे अधिक शून्य संख्या के स्कूल

जिले में करीब 60 विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें छात्रों का नामांकन शून्य हो चुका है. अगर ब्लॉकवार स्थिति देखी जाए, तो नागौद और सोहावल ब्लॉक में इसका सबसे अधिक असर देखने को मिल रहा है. नागौद में करीब 18 विद्यालयों में ताला लगाने की नौबत आ चुकी है. जबकि, सोहावल में 17 स्कूलों का नामांकन शून्य तक पहुंच गया है. मझगवां विकासखंड में यह आंकड़ा 12 का है. इसी प्रकार से उचेहरा में आठ और सबसे कम, रामपुर बाघेलान में पांच स्कूलों में छात्रों की संख्या शून्य हो चुकी है. 

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सतना के शून्य विद्यार्थियों वाले सरकारी स्कूल

सतना जिले के मझगवां की माध्यमकि शाला हरदुआ, प्राथमिक शाला अकौना, बीहरपुर, छोटा बाल्हा, सिंहपुर, सन्ना टोला, पतौड़ी, गोपाल सागर, हथिया, हिनौता, कारीगोही , मझियार सोहावल की माध्यमिक शाला खडौरा, नई बस्ती टिकुरिया टोला, निपनिया मारूति नगर वार्ड नं. 10 सतना, मौहार, प्राथमिक मझियार,बिरती टोला कठबरिया, छइया डांडी, चिरहुली, पनगरा, देवी टोला नकटी, देवीपुर, रेहुटा, श्रीनगर, पुरवा टोला, धौरहरा, घुघुआर, नागौद की अहरी टोला, टगर टोला, संस्कृत श्रीकृष्ण सिंहपुर, मिसरान टोला दिल्ली टोला, रिकरी, अतरवेदी, बरकछी, पिथौरा, बरकछी, भिटारी उबारी, भुलनी, चमार, गोटुटा पुरवा, हरिजन बस्ती रौंड,इंदिरा कॉलोनी बिरहुली, जामुनातोड़, झंडहाटोला, उचेहरा का बिजवाह, बालक आश्रम शाला परसमनिया, बालक आश्रम शाला तुसगवां, गोबरांव खुर्द, पतौड़ा, हरिजन बस्ती, करौहिर, रामपुर बाघेलान के इटमा कोठार, कोल्हारी, कोरिगवां, मझोखर, ताला तलारी, टिकुरी (चोरमारी टोला) जैसे विद्यालयों में छात्रों की संख्या शून्य हो चुकी है.

क्या बोले अधिकारी

समग्र शिक्षा अभियान के जिला परियोजना समन्वयक विष्णु त्रिपाठी ने कहा कि जिले के कई स्कूलों का नामांकन शून्य है. इसके कारणों का पता लगाया जाएगा. अगर विद्यालय भवन खंडहर हैं, तो उनके डिस्मेंटल के सम्बन्ध में कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी, जिससे हादसों की संभावना को कम किया जा सके.

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