VIT University Sehore Controversy: सीहोर की वीआईटी (VIT) यूनिवर्सिटी में खराब भोजन और दूषित पानी को लेकर छात्रों के प्रदर्शन के मामले ने तूल पकड़ लिया है. अब खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका संज्ञान लिया है. उन्होंने सीहोर की प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर को फौरन यूनिवर्सिटी कैंपस जाकर छात्र-छात्राओं से बात करने और उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान करने के निर्देश दिए हैं. दूसरी तरफ प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर तीखे सवाल उठाए हैं.
प्रभारी मंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री जाएंगे
बता दें कि वीआईटी यूनिवर्सिटी में खराब भोजन और दूषित पानी की समस्या को लेकर छात्र आंदोलनरत हैं. गुस्साए छात्रों ने न सिर्फ यूनिवर्सिटी परिसर में प्रदर्शन किया बल्कि बसें और गाड़ियां भी फूंक दी. अब सीएम ने इस पूरे विवाद की जानकारी ली है. उन्होंने प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर के साथ-साथ उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. सीएम ने कहा है कि उच्च शिक्षा मंत्री भी इस पूरे मामले को देखें और निजी विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करें. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि छात्र हितों से जुड़ी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाए और ख़ासकर छात्रों की भोजन-पानी की समस्या को तुरंत निपटाया जाए. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से भी कहा है कि वे भी छात्रों और प्रबंधन से संवाद करके जल्द से जल्द पूरी रिपोर्ट दें. सीएम ने कहा है कि निजी विश्वविद्यालयों की व्यापक समीक्षा की जाएगी जिसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्र हित को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी.
नेता प्रतिपक्ष ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन को घेरा
इस पूरे विवाद पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी कड़ा बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि यह यूनिवर्सिटी तमिलनाडु यूनिवर्सिटी की ब्रांच है और इसके प्रबंधन को यह समझना चाहिए कि जब वे छात्रों से पैसा ले रहे हैं तो उन्हें बदले में सुविधाएं भी मिलनी चाहिए. सिंघार ने सीधा सवाल किया कि छात्र अगर वहां कंप्लेंट कर रहे हैं तो उनकी बात क्यों नहीं सुनी जाती? यूनिवर्सिटी वाले क्या सिर्फ पैसा कमाना चाहते हैं?" उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल संस्थान की ही नहीं, सरकार और सिस्टम की भी लापरवाही है.
फिलहाल 8 दिसंबर तक के लिए बंद है यूनिवर्सिटी
वीआईटी यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रह रहे लगभग 4,000 छात्र लंबे समय से घटिया भोजन और दूषित पानी की शिकायत कर रहे थे.छात्रों का आरोप है कि खराब खाने-पानी की वजह से कैंपस में पीलिया का प्रकोप फैल गया है. खबरों के अनुसार, लगभग 100 छात्र पीलिया के गंभीर लक्षणों के साथ सीहोर, आष्टा और भोपाल के अस्पतालों में भर्ती हैं. कुछ छात्रों ने तो कथित तौर पर पीलिया से मौत होने का भी दावा किया, हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इससे इनकार किया है. छात्रों का गुस्सा तब और भड़क गया जब शिकायत करने पर हॉस्टल वार्डन और गार्ड्स ने कथित तौर पर उनके साथ मारपीट कर उन्हें चुप रहने के लिए दबाव बनाया.मंगलवार देर रात छात्रों का गुस्सा बेकाबू हो गया और उन्होंने तोड़फोड़ व आगजनी शुरू कर दी. गुस्साए छात्रों ने बसों, कारों और यहां तक कि एक एम्बुलेंस को भी फूंक दिया. हालात बिगड़ने पर कई थानों की पुलिस बुलानी पड़ी. इसके बाद यूनिवर्सिटी को 8 दिसंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है.
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