Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के भिंड नगर पालिका में संबल और कर्मकार मंडल योजना के नाम पर हुए 3 करोड़ 4 लाख रुपए के गबन के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. कोतवाली पुलिस ने घोटाले के मास्टरमाइंड क्लर्क राजेंद्र चौहान को 470 किलोमीटर दूर विदिशा से गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में आरोपी ने ठगी की राशि से लाखों की संपत्ति खरीदने का सनसनीखेज खुलासा किया है. पुलिस ने ठगी के पैसों से खरीदी गई कार को भी जब्त कर लिया है. फिलहाल 6 अधिकारी अभी भी फरार है.
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस मामले का मुख्य आरोपी CMO सुरेंद्र शर्मा, जो पुलिस रिकॉर्ड में फरार है. मात्र 40 किलोमीटर दूर गोहद नगर पालिका में प्रभारी CMO बनकर बाकायदा ड्यूटी कर रहा है और पुलिस उसे पकड़ने में नाकाम रही है.
40 किमी दूर बैठे CMO तक नहीं पहुंची पुलिस
कोतवाली पुलिस ने दावा किया है कि उसने फरार चल रहे क्लर्क राजेंद्र सिंह चौहान को विदिशा जिले से गिरफ्तार किया. वहीं, गोहद नगर पालिका में खुलेआम ऑफिस अटेंडेंस लगाकर सरकारी दस्तावेजों पर साइन कर रहे CMO सुरेंद्र शर्मा तक पुलिस नहीं पहुंच सकी. स्थानीय लोगों में सवाल यह कि मास्टरमाइंड तो 470 किमी दूर से पकड़ लिया, लेकिन 40 किमी दूर बैठे बड़े आरोपी को राजनीतिक दबाव के चलते क्यों छोड़ा हुआ है?
पूछताछ में राजेंद्र का बड़ा खुलासा
पूछताछ में राजेंद्र ने स्वीकार किया कि घोटाले की सवा करोड़ से अधिक रकम उसके पास है.उसने अपने कबूलनामे में बताया कि 2024 में 35 लाख का मकान खरीदा, 25 लाख का प्लॉट लिया, 8 लाख जमा कर कार खरीदी, शेष राशि शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेश कर दी. राजेंद्र ने बताया कि इस घोटाले में उसके साथ 5 दलालों की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी. पुलिस अब उन दलालों की तलाश कर रही है.
कैसे हुआ था करोड़ों का घोटाला?
भिंड नगर पालिका में 2021 से 2024 के बीच संबल योजना और संनिर्माण कर्मकार मंडल योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई. मृतकों के परिजन के खातों में जाने वाली सहायता राशि को फर्जी खातों में ट्रांसफर कराया गया. जांच में उजागर हुआ कि157 खातों में नाम और बैंक विवरण नहीं मिले.मृतकों और श्रमिकों के नाम पर 2–2 लाख रुपये फर्जी खातों में भेजे गए. कुल गबन 3 करोड़ 4 लाख रुपये तक पहुंचा
कलेक्टर ने बनाई थी पांच सदस्यीय जांच समिति
तत्कालीन कलेक्टर संजय श्रीवास्तव ने 30 मई 2024 को जांच टीम गठित की थी.टीम के सदस्य तत्कालीन डीपीसी व्योमेश शर्मा ने जब रिकॉर्ड का मिलान किया तो बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया. उसके बाद भिंड नगर पालिका के वर्तमान सीएमओ यशवंत वर्मा ने सिटी कोतवाली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने सीएमओ की शिकायत पर नामजद अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की.
जिसमें CMO सुरेंद्र शर्मा, सहायक ग्रेड-3 राजेंद्र सिंह चौहान, एआरआई राधेश्याम राजौरिया, सेवानिवृत्त एआरआई शिवनाथ सिंह सेंगर, सेवानिवृत्त एआरआई अशोक जाटव, तत्कालीन CMO वीरेंद्र तिवारी, मृतक कर्मचारी राघवेंद्र मिश्रा पर कार्यवाही की.9 नवंबर 2024 को एफआईआर दर्ज होने के बाद से सभी आरोपी फरार चल रहे थे.
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फरार होने के बाद भी गोहद में CMO की कुर्सी संभाल रहे सुरेंद्र शर्मा
सबसे बड़ा सवाल इस समय यही है कि जब CMO सुरेंद्र शर्मा फरार हैं, तब भी उन्हें नगरीय प्रशासन विभाग ने गोहद नगर पालिका का प्रभारी CMO कैसे बना दिया? 7 फरवरी 2025 से वेऑफिस में ऑनलाइन अटेंडेंस लगा रहे हैं, फाइलों पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, नियमित मीटिंग भी ले रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक सुरेंद्र शर्मा गोहद के बीजेपी के पूर्व विधायक और अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य के करीबी माने जाते हैं. दोनों की कई तस्वीरें एक साथ मौजूद हैं. यही वजह बताई जा रही है कि पुलिस अब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई है.पुलिस अपनी उपलब्धि के तौर पर राजेंद्र चौहान की गिरफ्तारी पर पीठ थपथपा रही है, लेकिन शहर में उठ रहे सवाल पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़ा कटाक्ष कर रहे हैं.
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