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आदिवासी समाज के 26 बच्चों ने किया कमाल, NEET की परीक्षा में मारी बाजी

Tribal Students Shine in NEET : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के आदिवासी बाहुल्य (Tribal Dominated) डिंडौरी जिले (Dindori) में NEET की परीक्षा में 26 छात्रों ने बाजी मारी है.

आदिवासी समाज के 26 बच्चों ने किया कमाल, NEET की परीक्षा में मारी बाजी
आदिवासी परिवार के 26 बच्चों ने किया कमाल, NEET की परीक्षा में मारी बाजी

Madhya Pradesh Latest News in Hindi : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के आदिवासी बाहुल्य (Tribal Dominated) डिंडौरी जिले (Dindori) में NEET की परीक्षा में 26 छात्रों ने बाजी मारी है. ख़ास बात यह है कि NEET की परीक्षा में चयनित ज़्यादातर छात्र BPL (Below Poverty Line) परिवार के अंतर्गत आते हैं जिनके माता पिता मेहनत मजदूरी कर जैसे तैसे सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि NEET की परीक्षा में चयनित हुए कई छात्रों के पास परीक्षा फीस भरने के पैसे तक नहीं थे. ऐसे में जनजातीय विभाग के की तरफ से न सिर्फ छात्रों की फीस जमा कराई गई बल्कि स्कूल में ही निशुल्क कोचिंग के इंतज़ाम भी किए गए.

हम आपको बता दें कि NEET की परीक्षा में चयनित ये सभी छात्र सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र हैं जिन्हें जिलाप्रशासन के निर्देश पर शिक्षकों ने NEET की परीक्षा में शामिल होने के लिए मोटिवेट किया और स्कूल में ही निशुल्क कोचिंग, फीस की व्यवस्था समेत अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने की कोशिश की... जिसका नतीजा आज सबके सामने है.

अच्छे नतीजों के बाद बच्चों के मनाई ख़ुशी

अच्छे नतीजों के बाद बच्चों के मनाई ख़ुशी

विक्ट्री साइन दिखाते सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले इन 26 छात्रों ने पहले ही प्रयास में NEET जैसी कड़ी परीक्षा में सफलता हासिल कर अपना लोहा मनवाया है. NEET जैसे प्रतियोगी परीक्षा में चयनित हुए ज़्यादातर छात्रों के पास तो परीक्षा फीस जमा करने का जुगाड़ तक नहीं था क्योंकि ज्यादातर छात्र गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार से आते हैं.

होनहार बच्चों ने पेश की मिसाल

दिलचस्प बात यह भी है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले इनमे से ज्यादा छात्रों को NEET के बारे में कोई जानकारी तक नहीं थी. ऐसे में कलेक्टर विकास मिश्रा के निर्देश पर जनजातीय विभाग ने छात्रों को पहले NEET की परीक्षा में शामिल होने के लिए मोटिवेट किया और उनकी फीस एवं निशुल्क कोचिंग का इंतज़ाम किया. प्रशासन से सुविधाएं मिलने के बाद सरकारी स्कूल के इन छात्रों ने भी अपनी मेहनत और लगन के दम पर NEET जैसे परीक्षा में सफलता हासिल कर ली.

बच्चों ने बताए अपने बड़े सपने

NEET की परीक्षा में चयनित छात्रों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं है और उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने टीचर और माता पिता को दिया है. NEET की परीक्षा में चयनित हुई छात्रा रुकमणी के पिता नहीं है जिसे उनकी मां मजदूरी कर पढ़ा रही है और रुकमणी NEET की परीक्षा में चयनित होने से बेहद खुश नजर आ रही है और आगे चलकर डॉक्टर बनना चाहती है तो वहीं NEET की परीक्षा में चयनित होने के बाद मजदूर पिता धरम सिंह NDTV से बात करने के दौरान भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए.

रिजल्ट देख माता-पिता हुए भावुक

रिजल्ट देख माता-पिता हुए भावुक

NEET की परीक्षा में 25 छात्रों को सफलता मिलना जिलाप्रशासन इसे बड़ी उपलब्धि मान रहा है लिहाजा प्रशासनिक अधिकारीयों की तरफ से चयनित छात्रों को कलेक्ट्रेट कार्यालय में बुलाकर सम्मान किया गया. इस दौरान छात्रों के माता पिता एवं शिक्षक भी मौजूद रहे.

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