Thief caught through missing poster,: जबलपुर की पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के लिए एक ऐसा तरीका अपनाया, जिसने न केवल लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि शातिर चोर को भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. मामला लॉर्डगंज थाना क्षेत्र के गेट नंबर 1 के पास स्थित आशीष कंप्यूटर सर्विस सेंटर का है, जहां 2 जनवरी की रात तड़के करीब 2 बजे चोर ने सेंटर का ताला तोड़कर 2 लाख रुपये की रकम पार कर दी.
सीसीटीवी ने खोला चोर का राज
चोरी की घटना सेंटर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. फुटेज में चोर साफ-साफ नोटों की गड्डियां चोरी करते नजर आ रहा था. चोर की तस्वीरें पुलिस के पास थीं, लेकिन उसे पकड़ने के लिए पुलिस को एक अलग रणनीति बनानी पड़ी. पुलिस ने शहर के प्रमुख चौराहों पर 'गुमशुदा की तलाश' वाले पोस्टर लगवाए. इन पोस्टरों में लिखा था कि गुमशुदा की जानकारी देने वाले को 10,000 रुपये का इनाम मिलेगा. इनाम की खबर फैलते ही कई लोग गुमशुदा की तलाश में निकल पड़े.
10 हजार के लालच में चोर ने खुद खोल दी गुमशुदगी की पोल
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) January 11, 2025
जबलपुर में पुलिस ने कंप्यूटर सर्विस सेंटर में चोरी करने वाले चोर को पकड़ने के लिए शहर में 'गुमशुदा की तलाश' वाले पोस्टर लगवाए और 10,000 का इनाम रखा. इनाम की खबर फैलते ही एक शख्स ने पुलिस को फोन कर गुमशुदा शख्स की जानकारी दी.… pic.twitter.com/pcF1BH7ghh
पकड़ में आया शातिर चोर
एक जागरूक नागरिक ने पुलिस को फोन कर 'गुमशुदा' शख्स की जानकारी दी. जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि जिसे गुमशुदा मानकर फोन किया गया था, वह कोई और नहीं बल्कि वही चोर था, जिसने कंप्यूटर सर्विस सेंटर में चोरी की थी.
पुलिस की रणनीति सफल
इस अनोखी तरकीब से पुलिस ने न केवल चोर को गिरफ्तार किया, बल्कि चोरी का पैसा भी बरामद कर लिया. जबलपुर पुलिस की इस पहल ने साबित कर दिया कि अपराधियों को पकड़ने के लिए कभी-कभी पारंपरिक तरीकों से हटकर सोचना ही कारगर साबित होता है.
ये भी पढ़े: मुंगेली की कुसुम स्टील प्लांट में 40 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन, 3 शव निकाले, 4 मजदूर की मौत
मुखबिर तंत्र हुआ समाप्त
यह घटना ने पुलिस के पुराने मुखबिर तंत्र के वर्तमान समय में नाकाम हो जाने या समाप्त हो जाने जैसे प्रश्न खड़े किए हैं. एक समय पुलिस का मुखबिर तंत्र बहुत मजबूत होता था कि सामान्य घटना की जानकारियां पुलिस को तत्काल मिल जाया करती थी, लेकिन जब से पुलिस थानों से मुखबिर के नाम अपराधियों तक पहुंचने लगे तभी से यह तंत्र समाप्त सा हो गया है, इसलिए पुलिस को अब नई-नई तकनीक के अपनानी पड़ रही है. यह घटना पुलिस की सूझबूझ और नई तकनीकों के उपयोग का बेहतरीन उदाहरण है. चोरी की यह सनसनीखेज वारदात अब चोर की गिरफ्तारी के बाद चर्चा का विषय बन गई है.
ये भी पढ़े: Naxal Attack: बीजापुर में फिर नक्सलियों की कायराना हरकत, आईईडी ब्लास्ट में CRPF के जवान घायल