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छत्तीसगढ़ की शान है ये पर्वत, ट्रैकिंग और वाटरफॉल खींच लेता सैलानियों का ध्यान 

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छत्तीसगढ़ मध्य भारत का विशाल वनों वाला राज्य है. 

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यहां का वाटरफॉल, मंदिर, स्मारक और अभ्यारण्य सैलानियों को काफी आकर्षित करता है. 

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ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे पर्वत के बारे में जिसे छत्तीसगढ़ की शान कहते हैं.

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शिशुपाल पर्वत प्राकृतिक सौंदर्य, एडवेंचर और ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए बेहद खास है.

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खास कर अगर आप ट्रैकिंग के शौकीन हैं, तो छत्तीसगढ़ के शिशुपाल पर्वत से ज्यादा खूबसूरत जगह कोई दूसरी नहीं हो सकती.

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शिशुपाल पर्वत राजधानी रायपुर से करीब 157 किलोमीटर की दूरी और महासमुंद जिले के सरायपाली से करीब 28 किमी की दूरी पर स्थित है.

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लगभग 10 किमी के क्षेत्रफल में फैला पर्वत पेड़-पौधों से आच्छादित है. इसकी सबसे ऊंची चोटी को खेमाखुटी कहा जाता हैं.

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इसके पूर्वी भाग में स्थित घोड़ाधार जलप्रपात पर्वत की सुंदरता में चार चांद लगा देता है.

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काशीपठार, रानी झरना, थीपा पानी, रानी तालाब, कबीर चौरा सहित आठ और जलप्रपात हैं.

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चोटी पर भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर भी है.

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सरायपाली से लगभग 10 किमी दूर स्थित बरतियाभाठा में पत्थरों के कई शिल्प है. 

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कहा जाता है कि सैकड़ों वर्ष पहले श्राप के चलते यहां बाराती पत्थर में बदल गए थे.

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पहाड़ के ऊपर किसी समय राजा शिशुपाल का महल हुआ करता था.

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जब राजा को अंग्रेजों ने घेर लिया तब राजा ने अपने घोड़े की आंख पर पट्टी बांधकर पहाड़ से छलांग लगा दी थी. 

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इसी कारण इस पहाड़ को शिशुपाल पर्वत और यहां के झरने को घोड़ाधार जलप्रपात कहा जाता है.

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