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MP में अतिथि शिक्षकों के हाल बेहाल, दोगुने मानदेय का था वादा, 4 महीने से नहीं मिला पुराना मेहनताना

MP News: गेस्ट टीचर्स का कहना है कि सरकार कहती है कि वित्त विभाग ने रोक लगाई है. मगर अतिथियों पर ही क्यों रोक लगी है? उन्हीं से काम करवा रहे हैं और उन्हीं के वेतन पर रोक लगा दी? सभी को वेतन मिल रहा है सिर्फ अतिथियों को नहीं मिल रहा? पांचवा महीना लग गया है. हम लोग कितने परेशान हो रहे हैं? हमारे परिवार का गुज़र कैसे हो रहा है? यह हम ही जानते हैं.

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MP में अतिथि शिक्षकों के हाल बेहाल, दोगुने मानदेय का था वादा, 4 महीने से नहीं मिला पुराना मेहनताना

Guest Faculty Monthly Honorarium in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2023) से पहले अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) की महापंचायत बुलाकर उनके मानदेय को दोगुना करने का वादा किया गया था. लेकिन 4 महीनों ज्यादा का वक्त बीत चुका है दोगुना तो छोड़िए पुराना वाला मानदेय भी नियमित तौर पर नहीं मिल रहा है. ऐसे में प्रदेश के अतिथि शिक्षक जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer) और स्कूल शिक्षा मंत्री (School Education Minister) के यहां दर-दर चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं. इन अतिथि शिक्षकों का इंतजार है कि खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अब मध्य प्रदेश में स्कूली शिक्षा को संभाल रहे हज़ारों अतिथि शिक्षक सरकार की वादा खिलाफी से नाराज हैं. NDTV ने अपनी पड़ताल के दौरान इन शिक्षकों और जिम्मेदारों से बात करते हुए हालात जानते की कोशिश की है. जहां अतिथि शिक्षकों ने बताया कि दोगुना तो छोड़िए 4 महीने पुराना वेतन ही नहीं मिला, जिससे घर की माली हालत खराब हो रही है. वहीं संगठन ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में सबक सिखाने की बात कही है. इसके अलावा विपक्ष ने सरकार पर ब्रांडिंग का आरोप लगाया है तो वहीं शिक्षा मंत्री ने वित्त विभाग की कुछ आपत्तियों का हवाला दिया है. आइए जानते हैं हमारी पड़ताल में क्या कुछ सामने आया है.

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पहले देखिए, सुनिए और जानिए कि पूर्व CM ने क्या वादा किया था?

भोपाल में आयोजित अतिथि शिक्षक पंचायत में मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा करते हुए कहा था कि अतिथि शिक्षकों को अब महीने के हिसाब से मानदेय की व्यवस्था होगी. अतिथि शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि  इस प्रकार होगी, वर्ग-1 में 9 हजार की जगह अब 18 हजार मानदेय मिलेगा. वर्ग-2 में 7 हजार की जगह अब 14 हजार मानदेय और वर्ग -3 में 5 हजार की जगह अब 10 हजार मानदेय मिलेगा. अतिथि शिक्षकों का अनुबंध पूरे एक साल का होगा. शिक्षक भर्ती में अतिथि शिक्षिकों को 25% की जगह 50% आरक्षण मिलेगा. उच्च शिक्षा विभाग के अनुसार अतिथि शिक्षकों को प्रतिवर्ष 4 और अधिकतम 20 अंक बोनस मिलेंगे. महीने की निश्चित तारीख को मानदेय मिलने की व्यवस्था की जाएगी. पात्रता परीक्षा लेकर अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की दिशा में योजना बनाई जाएगी.

अतिथि शिक्षकों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. अतिथि शिक्षकों को अब महीने के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अतिथि शिक्षकों को माह की निश्चित तिथि को मानदेय की राशि प्राप्त हो. गुरूजी नियमितीकरण प्रक्रिया की तरह अतिथि शिक्षकों को भी पात्रता परीक्षा आयोजित की जाकर नियमित किये जाने की योजना बनाई जायेगी.

शिवराज सिंह चौहान

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री
MP News: NDTV को अपना हाल बताते अतिथि शिक्षक

MP News: NDTV को अपना हाल बताते अतिथि शिक्षक

उधार लेकर चल रहा है घर : अतिथि शिक्षक

पांच महीने पहले नितेश रघुवंशी खुश थे. तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मानदेय बढ़ाने का वादा किया था, लेकिन अभी तक वादा पूरा होने का बस इंतजार ही हो है. नितेश भोपाल के पंचशील नगर के सरदार पटेल सरकारी स्कूल में बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाते हैं. 7000 रुपये मानदेय था उन्होंने सोचा था कि दोगुना मानदेय मिलेगा लेकिन हालात ये हैं कि 7000 रुपये भी 4 महीने से नहीं मिले हैं.

नितेश रघुवंशी ने NDTV से बात करते हुए कहा कि काफी परेशानियां हो रही हैं. जैसे हमें विद्यालय आने के लिए स्वयं के जेब से पेट्रोल खर्च करना पड़ता है. मैं नौवीं और दसवीं में कंटिन्यू क्लासेस ले रहा हूं. पहले पोर्टल पर मानदेय के लिए सब कुछ नजर आता था. जब से मानदेय बढ़ा है तब से कुछ पता नहीं चल रहा. हम अपने संकुल केंद्र पर पता करते हैं तो वह बताते हैं कि हमने लॉक कर दिया है लेकिन पोर्टल पर नहीं दिखता. हमने कई बार अपने प्राचार्य, संकुल केंद्र और डीईओ ऑफिस में बात की लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. मानदेय नहीं मिलने से घर में पैसे नहीं हैं ऐसे में बच्चों की फीस जमा करना हो या अन्य कोई मेडिकल कंडीशन आ जाए तो हमें कहीं से भी कोई सपोर्ट नहीं मिल पा रहा है.

नितेश आगे कहते हैं कि हम परिवार के साथ रहते हैं. हम मकान किराए से लेकर रह रहे हैं. जब चार-चार महीने तक मानदेय नहीं मिलेगा तो हम किराया कैसे भरेंगे. इस स्थिति में मकान मालिक 4 महीने तक वेट नहीं कर सकता, वह तो हमें सीधे घर से निकलने को कहता है. हम लोगों से उधार लेकर काम चला रहा हैं. विद्यालय परिवार के सदस्यों से सपोर्ट मिल जाता है. अगर मानदेय मिल जाता तो हमें किसी से उधार लेने की जरूरत नहीं पड़ती.

MP News: NDTV को अपना हाल बतातीं अतिथि शिक्षिका

MP News: NDTV को अपना हाल बतातीं अतिथि शिक्षिका

सभी को वेतन मिल रहा है सिर्फ अतिथियों को नहीं मिल रहा : मयूरी चौरसिया

भोपाल के ही एक सरकारी स्कूल में वर्ग एक की अतिथि शिक्षिका मयूरी चौरसिया की भी परेशानियां एक जैसी हैं. मयूरी 13 साल से अतिथि शिक्षिका हैं. दोगुनी तो छोड़िये वे मूल वेतन के लिये परेशान हो रही हैं.

मयूरी चौरसिया का कहना है कि सरकार कहती है कि वित्त विभाग ने रोक लगाई है. मगर अतिथियों पर ही क्यों रोक लगी है? उन्हीं से काम करवा रहे हैं और उन्हीं के वेतन पर रोक लगा दी? सभी को वेतन मिल रहा है सिर्फ अतिथियों को नहीं मिल रहा? पांचवा महीना लग गया है. हम लोग कितने परेशान हो रहे हैं? हमारे परिवार का गुज़र कैसे हो रहा है? यह हम ही जानते हैं. हमारा भी परिवार है, हम अपने परिवार के साथ रहते हैं, लेकिन हम उनके लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं.

मयूरी आगे कहती हैं कि सरकार हमसे बराबर काम ले रही है टाइम पर स्कूल बुला रही है. टाइम पर स्कूल में पढ़वा रही है, लेकिन वेतन नहीं दिया जा रहा. सरकार ने वादा किया था कि वेतन वृद्धि करेंगे, लेकिन वृद्धि तो ठीक है हमको पुराना वेतन ही नहीं मिल पा रहा. हम लोग बहुत आर्थिक परेशानी से गुजर रहे हैं. हम और हमारा परिवार बहुत परेशान है.

मांगें पूरी नहीं तो लोकसभा चुनाव में खामियाजा भुगतेंगे : संस्थापक अतिथि शिक्षक समिति

अतिथि शिक्षक समन्वय समिति का कहना है कि राज्य में 72 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षक हैं, स्कूली शिक्षा का जिम्मा लगभग यही उठाते हैं. लेकिन इन अतिथि शिक्षकों की दिक्कत कोई नहीं समझता.

अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के संस्थापक पीडी खैरवार का कहना है कि मध्य प्रदेश के हजारों अतिथि शिक्षक इस समय अपने आप को छला, ठगा और शोषित पीड़ित महसूस कर रहे हैं. पिछले 15 -16 साल से मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षक बहुत कम मानदेय पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं और अपने आप को असुरक्षित भी मान रहे हैं.

पीडी खैरवार आगे कहते हैं कि पिछले 15- 16 साल में बीजेपी और कांग्रेस की सरकारें रही हैं, लेकिन अतिथि शिक्षक को कोई फायदा नहीं मिला. परिस्थिति ऐसी है कि अतिथि शिक्षक कहां जाएं? क्या करें? कुछ नहीं पता. सरकार से मांग करते हैं कि वह हमारी मांगों को पूरा करें वरना आने वाले लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतेगी.

विपक्ष का आरोप कि ब्रांडिंग से फुर्सत नहीं, सरकार ने कहा हम लोग इर पर काम कर रहे हैं 

सदन के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का इस मुद्दे को लेकर कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) जब से सरकार में आई है, मुख्यमंत्री जी शिवराज जी की तरह अपनी ब्रांडिंग में लगे हुए हैं. झंडा, बैनर और पोस्टर में खर्च हो रहा है. कई वर्ग परेशान हैं. लेकिन जब ये जिम्मेदार लोग बैनर-पोस्टर से बाहर आएंगे तब तो इस ओर ध्यान दें पाएंगे.

वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि मैंने जब स्कूल शिक्षा विभाग का कार्यभार संभाला. तब पता चला कि उनकी (अतिथि शिक्षकों की) सैलरी को लेकर वित्त विभाग से कुछ आपत्ति लगी है. उसके निराकरण में हम लोग काम कर रहे हैं. मैंने स्वयं ACS फ़ायनेंस से बात की है. बहुत जल्द हम उनका भुगतान करा रहे हैं.

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