
MP News in Hindi : काम करिए नाम होगा... काम से ही आपका सम्मान होगा. और काम से ही आपकी पहचान बनेगी. ये लाइने आज एक बार फिर से सच उस वक्त साबित हो गई, जब एक शिक्षक के ट्रांसफर ऑर्डर की खबर शिवपुरी के ग्रामीणों को लगी. फिर क्या विदाई सामारोह के दौरान छोटे-छोटे स्कूली बच्चे और ग्रामीण सब फूट-फूटकर रोने लगे. वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि ये पल किसी शिक्षक के जीवन के लिए कितना खास था.
मध्य प्रदेश में शिवपुरी के जुगाह गांव में एक सरकारी स्कूल में शिक्षक रामबरन सिंह नरवरिया सेवारत थे. उन्होंने अपनी ड्यूटी के दौरान अपने काम से ऐसी छाप छोड़ी कि न सिर्फ बच्चे बल्कि उनके अभिभावक भी मास्टर साहब के दिवाने हो गए.जैसे ही गांव वालों को उनके ट्रांसफर ऑर्डर की खबर मिली, तो… pic.twitter.com/LBxLw3fZix
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) June 22, 2025
दरअसल, शिवपुरी जिले के करेरा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले जुगाह गांव में एक सरकार स्कूल में शिक्षक रामबरन सिंह नरवरिया सेवारत थे. उन्होंने अपनी ड्यूटी के दौरान अपने काम से ऐसी छाप छोड़ी कि न सिर्फ बच्चे बल्कि उनके अभिभावक भी मास्टर साहब के दिवाने हो गए.हर एक शख्स उनकी तारीफ करता हुआ देखाई दे रहा है.
लेकिन कहते हैं वक्त आने पर दिल का प्रेम कभी न कभी आंखों के रास्ते हुए जरूर बहता है. और उस वक्त शब्द नहीं भावनाएं बोलती हैं... कुछ ऐसा ही भावुक करने वाला दृश्य निर्मित उस समय हो गया, जब जुगाह गांव के ग्रामीणों को शिक्षक रामबरन के ट्रांसफर ऑर्डर के बारे में जानकारी मिली. सब रोने लगे. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.अवसर था मास्टर साबह की विदाई समारोह का.
अब हम आपको बताते हैं कि आखिर वो कौन-कौन से काम थे, जिनकी बदौलत इस सरकारी शिक्षक ने लोगों के दिलों में अपनी इतनी गहरी छाप छोड़ी है.
शिक्षक ने ऐसी जीता गांव वालों का मन
- सरकारी स्कूल मैं लागू सरकारी ड्रेस कोड का नियमितीकरण और उसका हंड्रेड परसेंट अनुपालन
- पढ़ाई में बच्चों की रुचि पैदा करने के नए-नए प्रयोग
- बच्चों को स्कूली किताबों का समय से वितरण और स्कूल में मौजूद लाइब्रेरी
- मध्यान भोजन पर खास ध्यान और बच्चों को स्वच्छ और शुद्ध खान की व्यवस्था
- नियमित स्कूल का परिचालन समय सीमा का विशेष ध्यान
- घर से करके लाने वाले होमवर्क पर नियमित मॉनिटरिंग
- सरकारी स्कूलों को मिलने वाली प्रत्येक सुविधा का स्कूल में संकलन और बच्चों को उसका लाभ देने की कोशिश
- स्कूल में शिक्षक रहते हुए पालक शिक्षा संघ के सदस्यों के साथ नियमित बैठक और बच्चों के भविष्य और पढ़ाई पर चर्चा
- स्कूल इमारत के आसपास स्वच्छता का खास ख्याल
- स्कूल में पढ़ने आने वाले प्रत्येक बच्चे की खास मॉनिटरिंग और उसकी पढ़ाई पर पूरा फोकस
इस दौरान छात्र-छात्राओं ने अपने शिक्षक को विदा करते हुए बार-बार उनसे लिपटकर रोते हुए अपना दुख व्यक्त किया. शिक्षक के साथ छात्रों और गांव वालों की भावभीनी नम आंखों के साथ विदाई वाला यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल है.
सरकारी स्कूल को बना दिया उत्कृष्ट
अगर कोई शिक्षक अपने शिक्षण संस्थान सरकारी स्कूल को उत्कृष्ट बनाने में कामयाब हो तो निश्चित उसकी चर्चा होती है, और की जाना भी चाहिए यही वजह है कि पूरे गांव वाले यह बताते हैं कि शिक्षक रामबरन सिंह ने स्कूल में 10 सालों में ऐसा परिवर्तन किया कि स्कूल अब दूर-दूर तक जाना पहचाना जाता है. यही वजह है कि उनसे दूर जाना दुख का एहसास करा रहा है, बताना जरूरी है कि जिस स्कूल में पिछले 10 सालों से पदस्थ रहे रामबरन सिंह नरवरिया ने अपना योगदान देकर उसे बेहतर बनाया वह क्षेत्र का एक उत्कृष्ट विद्यालय है.
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शिक्षक को मिल चुका है दो बार प्रशस्ति पत्र
शिक्षक रामबरन सिंह नरवरिया की उत्कृष्ट शिक्षा व्यवस्था और अपने संस्थान को बेहतर बनाने के लिए किए गए. प्रयास को केवल गांव वाले ही नहीं बल्कि सरकार खुद जानती है यही वजह है कि उन्हें दो बार अपने शिक्षण क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने और शिक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है उन्हें स्कूल और अध्यापन कार्य के लिए 2023 और 2025 में प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया गया.
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