
भारतीय इस्लामी स्कॉलर और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता ख़लील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी एक आयोजन के सिलसिले में खंडवा पहुंचे. यहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हर मुद्दे पर बैठकर बात की जा सकती है. हमारी सांस्कृतिक कभी ऐसी नहीं रही कि मंदिर वाले मस्जिद वालो से बात न करें या मस्जिद वाले मंदिर वालो से बात ना करे. देश में नफरत का प्रोपेगैंडा फैलाया जा रहा है जिसमें दोनों ही तरफ के लोग फंस रहे हैं. किसान आंदोलन पर कहा मुल्क के किसान अगर सरकार के खिलाफ सड़क पर आ गए है तो यह अच्छी बात नहीं है. सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए. ज्ञानवापी पर कहा कि हर मसले पर बातचीत हो सकती है... और होनी चाहिए. 2024 में संविधान बदलने की बात पर कहा कि में अकेला नहीं कह रहा कि संविधान बदल दिया जाएगा देश के हजारों पढ़े लिखे लोग यह बात कह रहे है. सुप्रीम कोर्ट ने कल ही एलक्ट्रोरियाल बॉन्ड के सम्बंध में एक जजमेंट दिया था. कोर्ट ने कहा कि यह असंवैधानिक है. संविधान के होते हुए सरकार कानून बना रही है. जब संविधान ही बदल जाएगा तब आप किसी थाने में भी अपनी शिकायत दर्ज नहीं जा सकते कोर्ट नहीं जा सकते.
मौलाना सज्जाद नोमान ने किसान आंदोलन पर भी रखी अपनी बात
खंडवा में एक जलसे में शामिल होने आए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी ने "ज्ञानवापी" मामले को लेकर कहा कि किसी भी मसले का हाल बैठकर बातचीत से निकाला जा सकता है. मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा अगर 2024 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती है तो देश का संविधान बदल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ये बात में अकेला नहीं बोला रहा हूं. देश के कई बुद्धिजीवी जर्नलिस्ट, नेता यह बात महसूस कर रहे है. कल ही तो सुप्रीम कोर्ट का एक जजमेंट आया है. इलेक्टोरल बॉन्ड्स उन्होंने क्या कहा है कि असंवैधानिक है, इसका क्या मतलब है की संविधान के होते हुए इसके खिलाफ सरकार कानून बना रही है. जब ये लोग संविधान ही बदल दिया जायेगा तो आप किसी थाने में अपनी शिकयत लेकर नही जा सकते है किसी कोर्ट में नहीं जा सकते. संविधान बदल जाएगा ये मैं अकेला नहीं बल्कि देश के हजारों बुद्धिजीवी लोग इस बात को महसूस कर रहे हैं की संविधान को बदल देंगे ये लोग. मौलाना नोमान ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि जो किसान इस इस देश को खिलाते हैं.... अगर वही किसान सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं और भारत बंद का नारा दे रहे हैं तो यह कोई अच्छी बात नहीं है.
"आपसी इत्तेहाद पर जोर देने की जरूरत" - मौलाना सज्जाद नोमान
मौलाना सज्जाद नोमान ने कहा कि मैं देश के कोने-कोने में जा रहा हूं और इसलिए जा रहा हूं कि अगर देश में नफरत-खौफ़ और डर की फीजा, कुछ लोग नफरत करें कुछ लोग डराए, इस तरह का माहौल आगे बढ़ता रहा तो मुल्क तरक्की नहीं कर सकता. देश में जिन लोगों ने इन्वेस्टमेंट का वादा किया था. वह लोग वापस लौट गए हैं. देश के बड़े-बड़े बिजनेसमैन अपना पैसा लेकर मुल्क से बाहर जा रहे हैं. ये मुल्क के लिए बहुत बड़ी बदकिस्मती है. उसकी वजह नफरत और खौफ का माहौल है. ऐसा माहौल रहेगा तो कोई भी अपनी पूंजी इस मुल्क में नहीं लगाएगा. हम लोग इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि ये माहौल आगे न बढ़ने पाए और सब एक दूसरे से प्यार और मोहब्बत के साथ रहे. दोनों में गलतफहमियां दूर हो, आपस में बातचीत हो दोनों ही किसी के बहकावे में ना आए... प्यार-मोहब्बत भाईचारे के साथ रहें. मुस्लिम समाज में एक तबका ऐसा भी है जो डर-डर के अपना जीवन गुजर रहा है. ऐसा नहीं होना चाहिए यह मुल्क सबका है.
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