विज्ञापन
This Article is From Feb 16, 2024

PM आवास योजना का MP की राजधानी भोपाल में ही बुरा हाल ! 3973 मकानों की चाबी का वर्षों से इंतजार

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र हितग्राहियों की हालत बेहद खराब है. वैसे तो शहर में चार बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं लेकिन पिछले 3 साल से मकान लेने के लिए लोग नगर निगम के चक्कर काट के थक चुके हैं. हद ये है कि सरकार का कोई नुमाइंदा कोई भी पुख्ता जवाब देने को तैयार नहीं है और इस लेटलतीफी की वजह से खरीदार किराया भी भर रहे हैं और किश्त भी चुका रहे हैं.

PM आवास योजना का MP की राजधानी भोपाल में ही बुरा हाल ! 3973 मकानों की चाबी का वर्षों से इंतजार

PM Awas Yojana in Bhopal: साल 1977 में आई सदाबहार फिल्म घरौंदा का एक गाना है- एक अकेला इस शहर में रात में और दोपहर में आबोदाना ढूंढता है, आशियाना ढूंढता है...इसमें नायक एक अदद मकान की तलाश में परेशान दिखता है.कुछ ऐसी ही हालत मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र हितग्राहियों की भी है. वैसे तो शहर में चार बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं लेकिन पिछले 3 साल से मकान लेने के लिए लोग नगर निगम के चक्कर काट के थक चुके हैं. हद ये है कि सरकार का कोई नुमाइंदा कोई भी पुख्ता जवाब देने को तैयार नहीं है और इस लेटलतीफी की वजह से खरीदार किराया भी भर रहे हैं और किश्त भी चुका रहे हैं.NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट में ऐसे ही चौंकाने वाले तथ्य सामने आए...आगे बढ़ने से पहले देख लेते हैं किस इलाके में प्रोजेक्ट्स के क्या हालत हैं.  

Latest and Breaking News on NDTV

बता दें कि सरकार की योजना के तहत 5 लाख  के ईडब्ल्यूएस से लेकर 30 लाख तक के एमआइजी फ्लैट्स सैकड़ों लोगों ने बुक किए थे. ये प्रोजेक्ट्स साल 2018 से लेकर 2022 तक पूरे होने थे लेकिन अब भी अधूरे पड़े हैं. हमने कई हितग्राहियों से बात भी की. मसलन चाय की दुकान चलाने वाले नितेश देवहरे. उन्होंने नगर निगम की प्रधानमंत्री आवास योजना में भोपाल के बाग मुगालिया में आर्थिक रूप से कमजोर यानी ईडब्लूएस के तहत दो साल पहले घर बुक किया था.

अलग-अलग साइट्स पर लगे ये बोर्ड पीएम आवास योजना के हितग्राहियों के दर्द को और बढ़ा देता है

अलग-अलग साइट्स पर लगे ये बोर्ड पीएम आवास योजना के हितग्राहियों के दर्द को और बढ़ा देता है

उन्हें दो साल पहले मकान की चाबी मिलनी थी लेकिन अब वे किश्त और किराया दोनों भर रहे हैं. उनका कहना है कि उनके पास पैसे नहीं थे इसलिए लोन लिया था लेकिन अब 3 साल से पजेशन का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कई जगहों पर फरियाद लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. परेशानी ये है कि मकान खरीदने वालों को कंस्ट्रक्शन की क्वालिटी पर भी संदेह है. एक ग्राहक रीता भारती का दर्द सुनिए. रीता के मुताबिक वो किराए के मकान में रहती है और अपने मकान का सपना लेकर उन्होंने घर बुक किया था. इसके लिए उन्होंने लोन भी लिया. तीन साल हो गए लेकिन पजेशन नहीं  मिला. उन्होंने कंस्ट्रक्शन का जायजा लिया तो पाया कि वो घटिया है. इस पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. 

उधर नगर निगम के कमिश्नर फ्रैंक नोबल ए से जब हमने इस मुद्दे पर बात की तो  वे भी घरों के पजेशन का सही वक्त नहीं बता पाए. उनका कहना है कि जो प्रोजेक्ट्स पूरे नहीं हुए हैं उन्हें रीशेड्यूल किया गया है. कंसल्टेंट काम कर रहे हैं और कुछ टेंडर को तो फिर से भी जारी किया गया है. हम लोग लगातार काम कर रहे हैं जल्द ही चीजें पटरी पर आ जाएंगी. जाहिर है  प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों की मुश्किलों का समाधान नहीं दिखाई देता. उनके हिस्से यदि कुछ है तो बस इंतजार. 

ये भी पढ़ें: Electoral Bond Scheme: जीतू पटवारी के 8 सवाल, कहा- क्या BJP को अभी तक सिर्फ ₹6,564 करोड़ ही चंदा मिला?

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close