Gwalior Politics: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह (Dr. Govind Singh) विधानसभा में हार के बाद अब लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते है. इसके लिए डॉ. सिंह ने अपनी इक्षा खुद ही ग्वालियर (Gwalior) में मीडिया के सामने बताई. हालांकि, उन्होंने कहा कि टिकट कहां से देना है, इसका फैसला पार्टी को करना है, लेकिन मैं लोकसभा चुनाव लड़ना चाहता हूं.
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'चुनाव लड़ने की जताई इक्षा'
ग्वालियर में मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि मुझे लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा है. पार्टी जहां से टिकट देगी, वहां से मैं चुनाव लड़ूंगा. अगर टिकट नहीं मिला, तो चुनाव नहीं लड़ूंगा. चुनाव लड़ने की 100% इच्छा है. विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद मनोबल टूटने के सवाल पर जवाब देते हुए पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैं संघर्ष करने वाला आदमी हूं. मनोबल नहीं टूटा है. चुनाव जीतने और हारने से मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता है.
'जिनका चरित्र ठीक नहीं, वो ही छोड़ रहे हैं कांग्रेस'
कांग्रेस में मची लोकसभा चुनाव से पहले भगदड़ को लेकर डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि जिन लोगों का चरित्र ठीक नहीं हैं. वह बिना काम के हैं और बिन पेंदी के लोटे हैं. उन्हें तैरना नहीं आता हैं. जहां जाएंगे वहां डूबेंगे. इसके अलावा पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने भिंड जिला कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भिंड जिला प्रशासन के इशारे पर नदियां खोखली की जा रही है. अवैध रेत का खनन जोरों पर है. रेत माफियाओं को जिला प्रशासन का संरक्षण मिला हुआ है.
1990 से लगातार जीतने के बाद 2022 में हारे चुनाव
डॉक्टर गोविंद सिंह ने ग्वालियर-चम्बल अंचल में लगातार सबसे ज्यादा बार विधानसभा का चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया था. वे 1990 में पहला चुनाव जीते और तब से लगातार 7 बार भिंड जिले की लहार विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए. वो दिग्विजय और कमलनाथ सरकार में मंत्री भी रहे हैं. जब कमलनाथ की सरकार गिर गई, तो कांग्रेस ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया. हालांकि, 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में वे भाजपा के नए चेहरे अम्बरीष शर्मा गुड्डू से हार गए. अब वे मुरैना-श्योपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा टिकट की दावेदारी कर रहे है. हालांकि ,वे पहले भी यहां से एक बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके है. लेकिन, जीत नहीं पाए थे.
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