
One Student One Enrollment in Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department of Madhya Pradesh) से जुड़ी हुई बड़ी खबर सामने आयी है. स्कूल शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है. मध्य प्रदेश में वन नेशन वन राशन कार्ड (One Nation One Ration Card) की तरह वन स्टूडेंट् वन एनरोलमेंट की प्लानिंग चल रही है. स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री (Minister School Education Department of Madhya Pradesh) उदय प्रताप सिंह (Uday Pratap Singh) ने खुद इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि वन स्टूडेंट वन एनरोलमेंट को लेकर रोडमैप तैयार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि एक जिले से दूसरे जिले में जाने पर एक ही एनरोलमेंट नंम्बर से बच्चे आगे की पढ़ाई कर सकेंगे. इस पहल से घुमंतू बच्चों को विशेष फायदा मिलेगा. स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से बच्चों के लिए एक कार्ड बनाया जाएगा. इस कार्ड से बच्चों को दूसरे जिले में आसानी से एडमिशन मिलेगा, इससे बीच सेशन में भी स्टूडेंट एडमिशन ले सकेंगे. बताया जा रहा है कि स्कूल ड्रॉपआउट के मामले भी कम होंगे.
शैक्षणिक रिपोर्ट जारी करते हुए मंत्री ने दी यह जानकारी
मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बुधवार को जिलों की प्रारंभिक शिक्षा रिपोर्ट जारी की है. इस दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान (Samagra Shiksha Abhiyan) में तैयार की गई रिपोर्ट स्कूल शिक्षा के गुणात्मक सुधार में महत्वपूर्ण रोल अदा करेगी.
मंत्री ने आगे कहा कि पिछले दो दशकों में स्कूल शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिये ठोस प्रयास किये गये हैं. प्रदेश में सीएम राईज स्कूल (CM Rise School) और पीएमश्री स्कूल (PM Shree School) खोले जा रहे हैं. इन स्कूलों में विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने के प्रयास किये जा रहे है. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की यूनिफार्म व्यवस्था के संबंध में उन्होंने बताया कि प्रदेश के 22 जिलों में यूनिफार्म बनाने का कार्य स्व सहायता समूह के माध्यम से किया जा रहा है. शेष जिलों में बच्चों के बैंक खातों में यूनिफार्म की राशि हस्तांरित की जा रही है.
पाठ्य पुस्तकों का वितरण समय पर होगा
स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तके समय पर वितरित की जायेंगी. इसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये गये है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में बच्चों के ड्रॉप आउट रेट को कम करने के भी प्रयास किये जा रहे है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में बच्चों के अभिभावकों और शिक्षकों के बीच नियमित संवाद व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा रहा है.
प्रारंभिक शिक्षा रिपोर्ट में क्या है?
रिपोर्ट में बताया गया है कि सीधी जिले की रैंकिंग पिछले वर्ष 46वें नम्बर पर थी. इस वर्ष दिसम्बर 2023 में सीधी की रैंकिंग बढ़कर 12वीं हो गई. श्योपुर जिले में शैक्षणिक गुणवत्ता में गिरावट दर्ज हुई है. इसकी रैंकिंग पिछले वर्ष 22वें स्थान की थी, जो इस वर्ष 45वें स्थान की हो गई. यह रिपोर्ट बच्चों के नामांकन और ठहराव, सीखने के परिणाम और गुणवत्ता, शिक्षक व्यवसायिक विकास, समानता, अधोसंरचना तथा सुविधाएँ, सुशासन प्रक्रियाएँ एवं वित्तीय प्रबंधन और नवभारत साक्षरता कार्यक्रम पर तैयार की गई है.
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