विज्ञापन

बौद्धिक संपदा संगोष्ठी पर इन विषयों में हुई चर्चा, सीएम ने 21 वीं शताब्दी को बताया नॉलेज की सदी

Intellectual Property Seminar Indore: न्यायधीशों के लिए बौद्धिक संपदा पर संगोष्ठी का आयोजन इंदौर में किया गया. शनिवार को सीएम डॉ. मोहन यादव ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान सीएम ने 21 वीं सदी को नॉलेज सदी का नाम देते हुए जानें क्या-क्या कहा..

बौद्धिक संपदा संगोष्ठी पर इन विषयों में हुई चर्चा, सीएम ने 21 वीं शताब्दी को बताया नॉलेज की सदी
बौद्धिक संपदा संगोष्ठी पर न्याय पर हुई चर्चा, सीएम ने 21 वीं शताब्दी को बताया नॉलेज की सदी.

CM Dr. Mohan Yadav : मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित न्यायाधीशों के लिए बौद्धिक संपदा पर संगोष्ठी को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संबोधित किया. इस कार्यक्रम में उच्चतम न्यायालय जस्टिस जितेंद्र कुमार माहेश्वरी, सतीश चन्द्र शर्मा, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत सहित अन्य न्यायाधीश उपस्थित रहे. 

"सभी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा"

सीएम ने कहा- आमतौर पर जब हम अभी न्याय की व्यवस्था को देखते हैं, तो वह केवल भौतिक संपदाओं से जुड़ी एक ढांचे से चल रहे हैं. लेकिन आने वाले कल में हमको सभी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. क्योंकि यह विषय जितना जटिल उतना ही ज्यादा जरूरी भी केवल जटिलता से छोड़ा नहीं जा सकता, जितनी गंभीरता के साथ इस सत्र का आयोजन करने के बारे में मन बनाया होगा, मैं मानकर चलता हूं. आज के दौर में उतनी ज्यादा आवश्यकता इस बात की है. 

न्याय से जुड़ी बात जब आएगी तो जमीन,व्यापार,धन,  तमाम विवादों के हमने निराकरण किए हैं, और उसको करना थोड़ा सा हमारे लिए कठिन था. लेकिन हमारे सभी न्यायालय में अपनी अपनी बहुत अच्छी भूमिका निभाई.

"सुरक्षा के प्रश्न खड़े होंगे"

मुख्यमंत्री कार्यक्रम को संबोधित करते हुए.

मुख्यमंत्री कार्यक्रम को संबोधित करते हुए.

मुख्यमंत्री कार्यक्रम को संबोधित करते हुए.

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में आगे कहा कि अभी 21वीं सदी चल रही है. ये नॉलेज सदी है. ऐसे में स्वाभाविक रूप से नई चुनौतियां हमारे बीच आएगी, जो नई रिसर्च,नए आइडिया, नई मेडिसिन के फार्मूले पर काम करेंगे.  विभिन्न आविष्कार, बौद्धिक संपदा संबंधित अधिकारों की सुरक्षा के प्रश्न खड़े होंगे. ऐसी स्थिति में स्वाभाविक तरीके से न्यायपालिका पर हमारा वजन बढ़ेगा. 

"प्रधानमंत्री ने न्याय संपदा की नीति बनाई"

जब प्रधानमंत्री ने सरकार बनाई तब भारत 11 नंबर पर की अर्थव्यवस्था पर था, और आज चौथे नंबर के अर्थव्यवस्था बन चुका है. इसी प्रकार से हमने भी तय किया है हमारे अपने प्रदेश के अंदर हमारी इकोनॉमी डबल करेंगे 5 साल में और कोशिश करेंगे सभी व्यवस्थाओं पर ध्यान देंगे.

सीएम ने कहा- मैं धन्यवाद देना चाहूंगा, प्रधानमंत्री मोदी जी को, जिनके कारण से वर्तमान के दौर में पहली बार 2016 में न्याय संपदा की नीति बना करके उन्हें हमको इस मार्ग पर एक तरह से चलना भी बताया और सरकार के माध्यम से हमारी लाइन भी डिसाइड की.

ये भी पढ़ें- Gwalior मैच पर सियासी मचमच, विरोध में उतरी BJP, हिंदू महासभा ने किया बंद का ऐलान, कैसे जीतेंगे मैदान

कोविड काल में भी न्यायालय ने अपनी भूमिका निभाई -CM

सीएम ने कहा- मैं न्यायपालिका को भी धन्यवाद देना चाहूंगा. जब कोविड के कठिन काल में भी हमने आधुनिक समय के साथ चलना सीखा , इतनी कठिन काल में जब सब कुछ ठप्प हो गया, जान के लाले पड़े थे, लेकिन आपने अपना धर्म निभाया, न्यायालय ने अपनी भूमिका की और न्याय की बहने वाली गंगा की धारा को बनाए रखा. 

ये भी पढ़ें- MP News: क्या यहां 'भूत' लेगा ज्वॉइनिंग! इस विभाग ने मृत कर्मचारी का कर दिया तबादला

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
जूना अखाड़े के महंत की मौत का मामला पकड़ रहा तूल, संतों का फूटा गुस्सा, CBI जांच की मांग
बौद्धिक संपदा संगोष्ठी पर इन विषयों में हुई चर्चा, सीएम ने 21 वीं शताब्दी को बताया नॉलेज की सदी
Girl students in Rewa missing from school family members in pain filed case
Next Article
Rewa: स्कूल के लिए गईं दो छात्राएं 14 घंटे बाद भी नहीं लौटी घर, परिजनों में मचा हड़कंप
Close