
Noor Jaha Mango: मध्य प्रदेश प्रदेश के अलीराजपुर में आमों की मलिका कहे जाने वाले नूरजहां आम की एक खास वैरायटी है. ये कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में पाया जाता है. ये इलाका गुजरात से सटा हुआ है. इस वैरायटी के आम की अपनी खासियत है. जैसे कि बड़े आकार और स्वादिष्ट स्वाद के लिए जाना जाता है.
माना जाता है कि नूरजहां आम की उत्पत्ति अफगानिस्तान में हुई थी. अफगानी मूल की इस किस्म को भारत में 16वीं सदी में लाया गया था.
ये है खासियत
नूरजहां आम का फल काफी बड़ा होता है, जिसका वजन 2 से 4.5 किलोग्राम तक हो सकता है. यह आम अपने मीठे और रसीले स्वाद के लिए प्रसिद्ध है. आम की लंबाई करीब 11 इंच तक हो सकती है.इसकी गुठली का वजन 150 से 200 ग्राम तक होता है.इसमें भरपूर गूदा होता है, जो इसे खाद्य प्रसंस्करण के लिए भी उपयुक्त बनाता है.
नूरजहां आम का नाम मुगल शासक नूरजहां के नाम पर रखा गया है. एक नूरजहां आम की कीमत 500 से 2000 रुपये तक हो सकती है. नूरजहां आम के पेड़ों पर आम तौर पर जनवरी-फरवरी में बौर आते हैं और फल जून की शुरुआत में पकते हैं.
नूरजहां आम के पेड़ों की संख्या कम होती जा रही है, इसलिए इसके संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं. कृषि विज्ञान केंद्र, अलीराजपुर नूरजहां आम के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक प्रयास कर रहा है.आम उत्पादकों ने भी नूरजहां आम के पेड़ों को बचाने और इनकी संख्या बढ़ाने के लिए पहल की है.
पहले से ही बुकिंग होती है शुरू
एक नूरजहां आम की कीमत 1000 रुपये से 2200 रुपये तक जाती है. इस आम को लोग इतना पसंद करते हैं कि पहले से ही इसकी बुकिंग शरू हो जाती है. बताया जा रहा है कि पूरे क्षेत्र में अब सिर्फ 8 पेड़ ही बचे हैं.जलवायु परिवर्तन और बेमौसम बारिश से इसकी पैदावार पर असर पड़ा है. सरकार और कृषि वैज्ञानिक इस किस्म को बचाने के लिए प्रपोगेशन और टिश्यू कल्चर जैसी तकनीकों का प्रयोग कर रहे हैं.नूरजहां आम सिर्फ स्वाद का अनुभव नहीं, बल्कि इतिहास, विरासत और प्रकृति की अनमोल भेंट है.
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