
Doctor Prescribed Medicine In Brahmakshari: सतना जिले में मंगलवार को एक अजीबोगरीब मामला सामने आया. जिले के सामुदायिक अस्पताल में इलाज के लिए आए मरीज को डाक्टर ने ऐसी लिपि में दवा लिख दी, जिससे दवा खरीदने में उसे चक्कर आ गए, क्योंकि कोई भी मेडिकल स्टोर डाक्टर की सुझाई दवा को डीकोड ही नहीं कर पाया.
विवादों में आई नागौद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर की लिखी पर्ची
मामला नागौद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां तैनात डॉक्टर द्वारा लिखी गई पर्ची विवादों में आई है. बताया जाता है कि डॉक्टर ने मरीज को पहले अपने प्राइवेट क्लीनिक में दिखाने को कहा, लेकिन जब वह सरकारी अस्पताल पहुंच गया, तो वहां तैनात सरकारी डॉक्टर ने कुछ इस अंदाज में दवा की पर्ची लिखी कि कोई दवा विक्रेता उसे पढ़ नहीं पाया.
मरीज को परेशान करने के इरादे से डाक्टर ने ब्रम्हाक्षरी लिपि में लिखी दवा का नाम
रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी अस्पताल में तैनात डॉक्टर सुमीत सोनी मरीज को परेशान करने के इरादे से दवा पर्ची में ब्रम्हाक्षरी लिपि में दवा का नाम लिखा, जिसको डीकोड करने में कोई भी मेडिकल स्टोर का दुकानदार सफल नहीं हुआ. बताया जाता है डाक्टर पहले भी एक मरीज के साथ ऐसे खिलवाड़ कर चुका है.
डाक्टर की पर्ची न अस्पताल के फार्मेसी और न बाहर के दवा विक्रेता समझ पाए
पीड़ित खैरी गांव निवासी ललित चौधरी ने बताया कि डॉक्टर ने पर्ची में दवा ऐसी लिपि में लिखी कि न तो अस्पताल के फार्मेसी में और न ही बाहर के किसी मेडिकल स्टोर में दवा विक्रेता उसे पढ़ पाए. पीड़ित नागौद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर अमित सोनी को दिखाने पहुंचा था.
मरीजों को अपने निजी क्लीनिक में दिखाने के लिए मजबूर करता है सरकारी डाक्टर
दरअसल, ब्रम्हाक्षरी लिपि में दवा पर्ची लिखकर परेशान करने वाला डाक्टर सुमित सोनी पहले भी ऐसे कारनामों को लेकर चर्चा में आ चुका है. आरोप है कि डाक्टर सुमित सोनी मरीजों को उनके प्राइवेट क्लिनिक में परामर्श के लिए आने के लिए मजबूर करने के लिए ऐसी हरकतें करते हैं, जिसमें अस्पतला में सक्रिय उसके एजेंट भी मदद करते हैं.
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सरकारी डॉक्टर ने कहा कि उनके प्राइवेट क्लीनिक में आ जाएं, वहां पर सब मिल जाएगा
पीड़ित ललित चौधरी का आरोप है कि डॉक्टर ने कहा कि सिंगपुर चौराहे स्थित उनके प्राइवेट क्लीनिक में आ जाएं, वहां पर सब मिल जाएगा. ललित ने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल परिसर में 'पुल्ली' नामक एक एजेंट सक्रिय है. यह एजेंट डॉक्टर द्वारा इसी तरह अस्पष्ट पर्ची लिखवाकर मरीजों को परेशान करता है.
अस्पताल में सक्रिय एजेंट मरीजों को डाक्टर के प्राइवेट क्लिनिक जाने का सलाह देता है
पीड़ित के मुताबिक अस्पताल में सक्रिय डाक्टर का एजेंट सरकारी अस्पताल में आए मरीजों को डॉक्टर के प्राइवेट क्लीनिक जाने की सलाह देता है. पीड़ित ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है, कई मरीज इस तरह की स्थिति का सामना कर चुके हैं. उनकी हरकतों से मरीजों को बार-बार अस्पताल और मेडिकल स्टोर्स के चक्कर काटने पड़ते हैं.
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