MP News: रामपुर बाघेलान तहसील के तत्कालीन तहसीलदार एवं रघुराजनगर एसडीएम ग्रामीण सुरेश गुप्ता पुराने प्रकरण में फंसते नजर आ रहे हैं. जमीन फर्जीवाड़े और पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सतना की अदालत ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. एसडीएम पर आरोप है कि इस पूरे मामले में आरोप है कि उन्होंने शैलेन्द्र सिंह के नाम से फर्जी रिकॉर्ड तैयार कर फैक्ट्री को बेचने की तैयारी कर ली थी. मूल भूमि-स्वामी की आपत्ति के बाद इस मामले में अन्य आरोपियों पर कोर्ट के आदेश पर भारतीय दंड संहिता की धारा 467, 468, 471 और 420 के तहत मामला कायम किया गया था. वहीं, तत्कालीन तहसीलदार सुरेश गुप्ता को सिर्फ इसलिए छोड़ दिया गया, क्योंकि राजस्व अधिकारियों ने प्रकरण के संबंध में असहमति जताई थी.
इनकी गवाही से घिरे एसडीएम
बताया जाता है कि रिटायर्ड फौजी शैलेन्द्र सिंह के नाम से जाली रिकॉर्ड तैयार कर उसकी जमीन और फैक्ट्री को बेचने के मामले में अदालत में मप्र शासन और प्रमोद सिंह वगैरह के खिलाफ प्रकरण चल रहा था, लेकिन एसडीएम सुधीर गुप्ता को बचाया जा रहा था. अब एसडीएम के खिलाफ पीड़ित पक्ष के शैलेन्द्र सिंह, दलपत सिंह, सुखेन्द्र सिंह, कुमदनी पयासी, उदयभान सिंह, रवि प्रकाश सिंह, धीरेन्द्र सिंह, दिनेश सिंह राणा, रीडर सोमचंद्र साकेत और विवेचक अजमनलाल अहिरवार की ओर से दर्ज कराए गए बयान के बाद अदालत ने अब उन्हें जवाब प्रस्तुत करने का नोटिस जारी किया है.
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क्या था मामला
एजीपी गिरजेश प्रसाद पाण्डेय ने बताया गया है कि रामपुर बाघेलान अंतर्गत शैलेन्द्र सिंह की जमीन थी, जिसे फर्जी रिकॉर्ड के आधार पर फैक्ट्री को बेचने की कोशिश वर्ष 2012 में की गई. तब सुरेश गुप्ता तहसीलदार के तौर पर पदस्थ थे. उन्होंने सरपंच का फर्जी प्रमाण पत्र, राशन कार्ड तैयार किया. इससे पहले की जमीन की रजिस्ट्री होती ओरिजनल मालिक शैलेन्द्र सिंह ने आपत्ति लगा दी. इस आपत्ति के बाद रजिस्ट्री रुक गई और संबंधित लोगों के खिलाफ इस्तगासा पेश किया गया.
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