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New Rules and Changes: 1 अप्रैल से हो जाएंगे ये बदलाव, आपकी जेब पर भी पड़ सकता है असर

New Rules and Changes from 1 April 2025: नए वित्त वर्ष की शुरुआत नए नियमों और बदलावों के साथ शुरू होती है. 1 अप्रैल 2025 से भी कई बदलाव और नए नियम लागू हो रहे हैं. आइए जानते हैं उन बदलावों के बारें में जो आपकी रोजमर्रा की जिंदगी और जेब से जुड़े हैं.

New Rules and Changes: 1 अप्रैल से हो जाएंगे ये बदलाव, आपकी जेब पर भी पड़ सकता है असर
New Rules and Changes from 1 April 2025: नए वित्त वर्ष में हो रहे हैं ये बदलाव

New Rules and Changes from 1 April 2025: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPIS) ने न्यूमेरिक यूपीआई (UPI ID) आईडी सॉल्यूशन पर हाल ही में यूपीआई नंबर (UPI Number) से जुड़े भुगतानों (UPI Payment) के लिए कस्टमर एक्सपीरियंस बढ़ाने के उद्देश्य से नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. नए दिशानिर्देश 1 अप्रैल से प्रभावी होंगे. केवल यूपीआई ही नहीं और कई नियम और बदलाव है जो एक अप्रैल से लागू हो जाएंगे, जिनका आपकी जेब पर असर पड़ेगा. आइए जानते हैं क्या कुछ 1 अप्रैल 2025 से बदलने वाला है.

गैस के दाम LPG Cylinder Price

हर महीने की पहली तारीख को ऑयल कंपनियां LPG, CNG-PNG और ATF की कीमतों की समीक्षा करती हैं. 1 अप्रैल से इनके दाम बढ़ सकते हैं या घट सकते हैं. सरकार और ऑयल कंपनियों के निर्णय के अनुसार कीमतों में बदलाव करना होगा.

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UPI में क्या होगा?

यूपीआई मेंबर बैंक, यूपीआई ऐप्स और थर्ड पार्टी प्रोवाइडर के लिए जरूरी होगा. नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, इनएक्टिव मोबाइल नंबर से जुड़ी यूपीआई आईडी भी इनएक्टिव हो जाएगी. अगर किसी यूपीआई यूजर का बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर लंबे समय से इनएक्टिव है तो यूजर की यूपीआई आईडी भी अनलिंक हो जाएगी और यूजर यूपीआई सर्विस का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा.

ऐसे में यूपीआई सर्विस का इस्तेमाल करने वाले हर यूजर को यह सुनिश्चित करने की जरूरत होगी कि उसके बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर एक्टिव हो. सही मोबाइल नंबर के साथ बैंक रिकॉर्ड अपडेट रखे जाने पर ही यूपीआई सर्विस का बिना किसी परेशानी के इस्तेमाल किया जा सकेगा. इनएक्टिव या दोबारा असाइन किए गए मोबाइल नंबर को लेकर उनसे जुड़ी यूपीआई सर्विस को लेकर परेशानी आ सकती है.

टेलीकॉम डिपार्टमेंट के नियमों के अनुसार, डिसकनेक्ट होने पर मोबाइल नंबर 90 दिन बाद एक नए यूजर को असाइन किया जा सकता है. अगर किसी ग्राहक का मोबाइल नंबर कॉल, मैसेज या डेटा के साथ इस्तेमाल न किया जा रहा हो तो ऐसे नंबर को टेलीकॉम प्रोवाइडर्स डिएक्टिवेट कर देते हैं. इन नंबरों को रिसाइकल या चर्न्ड नंबर कहा जाता है.

नए दिशा-निर्देशों के तहत यूजर का बैंक-वेरिफाइड मोबाइल नंबर यूजर के यूपीआई आइडेंटिटीफायर के रूप में काम करेगा. जिसके साथ यूजर अलग-अलग यूपीआई ऐप्स का इस्तेमाल कर सकता है.

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दूसरी ओर बैंक और यूपीआई एप्लीकेशन को भी अपने मोबाइल नंबर रिकॉर्ड्स को हर हफ्ते अपडेट करने की जरूरत होगी, जिससे रिसाइकिल या मॉडिफाइड नंबर से होने वाली गलतियों से बचा सके. न्यूमेरिक यूपीआई आईडी असाइन करने से पहले एप्लीकेशन को यूजर्स से इजाजत लेने की जरूरत होगी. यूजर्स को इस फीचर के लिए एक्टिवली ऑप्ट इन करना होगा, यह डिफॉल्ट सेटिंग में ऑप्ट आउट है.

किसी स्थिति में अगर एनपीसीआई के वेरिफिकेशन में कुछ देरी होती है तो यूपीआई एप्लिकेशन अस्थायी रूप से न्यूमेरिक यूपीआई आईडी से जुड़ी समस्याओं को इंटरनली हल कर सकते हैं. इन मामलों का डॉक्यूमेंटेशन किया जाना जरूरी होगा और निरीक्षण उद्देश्यों के तहत हर महीने एनपीसीआई को रिपोर्ट किया जाना जरूरी होगा.

मिनिमम बैलेंस नियमों में बदलाव

SBI, पंजाब नेशनल बैंक समेत कई बैंक अपने सेविंग अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस नियमों को संशोधित कर रहे हैं. अकाउंट होल्डर को अब मिनिमम बैलेंस रखने के लिए क्षेत्र (गांव, टियर वाइज शहर) के आधार पर नई सीमा तय होगी. मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर जुर्माना लग सकता है.

ATM से पैसे निकासी का नियम

कई बैंक 1 अप्रैल से अपनी ATM निकासी नीति में बदलाव करने जा रहे हैं. दूसरे बैंकों के ATM से पैसे निकालने की सीमा घटा दी गई है. नए नियम के तहत ग्राहक हर माह केवल 3 बार ही दूसरे बैंक के ATM से निशुल्क निकासी कर पाएंगे.
वहीं 1 मई से फाइनेंशियल ट्रांजैक्‍शंस के लिए अतिरिक्‍त 2 रुपये लगेंगे. कैश विड्रॉल के लिए भी फ्री लिमिट के बाद 17 रुपये की बजाय 19 रुपया लगेगा.

TDS और TCS ये बदलाव होगा

सीनियर सिटीजन की TDS कटौती सीमा बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है. TDS कटौती की सीमा पहले ₹50,000 थी. मकान मालिकों के लिए रेंट पर TDS कटौती की सीमा बढ़ाकर ₹6 लाख/वर्ष कर दी गई है. पहले ये सीमा ₹2.4 लाख/वर्ष थी. विदेशी ट्रांजैक्शन पर TCS सीमा बढ़ जाएगी. पहले ₹7 लाख से अधिक के विदेशी ट्रांजैक्शन पर TCS कटता था.
अब ये सीमा बढ़ाकर ₹10 लाख कर दी गई है. एजुकेशन लोन पर TCS हटेगा. स्पेसिफिक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से लिए गए एजुकेशन लोन पर अब TCS नहीं कटेगा. पहले ₹7 लाख से अधिक के एजुकेशन ट्रांजैक्शन पर 5% TCS लागू था. डिविडेंड और म्यूचुअल फंड से कमाई पर TDS में राहत डिविडेंड इनकम पर TDS की सीमा ₹5000 से बढ़ाकर ₹10,000 प्रति वित्त वर्ष कर दी गई है. म्यूचुअल फंड यूनिट से कमाई पर भी यही नियम लागू होगा.

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