
Procurement Of Tur, Urad, Masoor At MSP: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने गुरुवार 27 मार्च को बताया कि सरकार ने तुअर (अरहर), उड़द और मसूर जैसी दालों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने खरीफ 2024-25 सीजन के लिए इन फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 100 फीसद खरीदने की मंजूरी दी है. इसका मकसद किसानों को प्रोत्साहित करना और दालों के आयात पर निर्भरता कम करना है. चौहान ने कहा कि अगले चार साल तक, यानी 2028-29 तक, ये खरीद जारी रहेगी.
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं इसलिए केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि तुअर, मसूर और उड़द को न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP ) पर खरीदा जाएगा।
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) March 27, 2025
मैं सभी राज्यों से अपील करता हूं कि किसानों को तुअर, मसूर और उड़द के उचित दाम मिल सकें,… pic.twitter.com/vq3GDDuKw7
कृषि मंत्री ने क्या कुछ कहा?
शिवराज सिंह चौहान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के हितों को सबसे ऊपर रखते हैं. उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में 13.22 लाख मीट्रिक टन तुअर की खरीद को मंजूरी दी गई है. 25 मार्च तक आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में 2.46 लाख मीट्रिक टन तुअर खरीदी जा चुकी है, जिससे 1,71,569 किसानों को फायदा हुआ. कर्नाटक में खरीद की समय सीमा को 90 दिन से बढ़ाकर 30 दिन और करके 1 मई 2025 तक कर दिया गया है.
चौहान ने आगे कहा कि सरकार दालों में आत्मनिर्भरता चाहती है. इसके लिए बजट 2025 में भी घोषणा की गई है कि तुअर, उड़द और मसूर की पूरी खरीद एमएसपी पर होगी. इसके अलावा, चना, सरसों और मसूर की खरीद पीएम आशा योजना के तहत होगी. राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात को सरसों की खरीद की मंजूरी दी गई है, जबकि तमिलनाडु में खोपरे की खरीद को भी हरी झंडी मिली है.
उन्होंने राज्य सरकारों से सहयोग की अपील करते हुए कहा, “एमएसपी से नीचे किसानों की फसल न बिके, यह केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता है. राज्य सरकारें खरीद में मदद करें. पंजीकरण और प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नेफेड और एनसीसीएफ के पोर्टल का इस्तेमाल किया जा रहा है. यह कदम किसानों की आय बढ़ाने और देश को दालों में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा प्रयास है.”
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