Regional Industry Conclave Rewa: मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास को नई दिशा मिल रही है. चार संभागों में सफल आरआईसी (RIC) के बाद 23 अक्टूबर 2024 को रीवा में 5वीं आरआईसी (RIC Rewa) आयोजित की जा रही है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस कॉन्क्लेव (Regional Industry Conclave Rewa) के बारे में कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य विंध्य क्षेत्र को निवेश और औद्योगिक अवसरों के केंद्र के रूप में स्थापित करना है. सीएम यादव ने कहा कि वर्ष 2025 को ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष' घोषित किया गया है, इसके देखते हुए प्रदेश में हुई आरआईसी को एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में देखा जा रहा है.
औद्योगिक निवेश से
— Jansampark MP (@JansamparkMP) October 22, 2024
समृद्ध होता मध्यप्रदेश
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव
से मिल रहा आधार
प्रगति को मिल रही रफ्तार
अब #रीवा है कॉन्क्लेव के लिए तैयार
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इतने लोगों ने कराया है रजिस्ट्रेशन
रीवा स्थित कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम में होने वाली कॉन्क्लेव में 4 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है, जिसमें 50 से अधिक प्रमुख निवेशक और 3 हजार से अधिक एमएसएमई उद्यमी शामिल होंगे. सम्मेलन का मुख्य फोकस राज्य के प्रमुख क्षेत्रों- ऊर्जा, खनन, कृषि, डेयरी, खाद्य प्र-संस्करण, पर्यटन एवं हस्तशिल्प में निवेश को प्रोत्साहित करने पर होगा.
निवेश से विकास की ऊंची उड़ान के लिए...
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) October 22, 2024
"मध्यप्रदेश आपको बुला रहा है"
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वाइब्रेंट विंध्य से औद्योगिक विकास की नई दिशा
कॉन्क्लेव का उद्देश्य न केवल व्यापारिक अवसरों को बढ़ावा देना है, बल्कि निवेशकों और उद्यमियों के लिए राज्य में उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया को और आसान बनाना है. बिज़नेस प्रमोशन सेंटर के अंतर्गत, विभिन्न ट्रेड एसोसिएशन और सरकारी विभागों के प्रतिनिधि व्यापारिक संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा करेंगे. एमपी इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआईडीसी) द्वारा व्यापारिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए नवीनतम नीतियों और योजनाओं की जानकारी दी जाएगी. रीवा में होने वाली कॉन्क्लेव विंध्य क्षेत्र के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा. यह सम्मेलन राज्य के आर्थिक विकास और निवेश के लिए नए अवसरों का द्वार खोलने में सहायक सिद्ध होगा.
बघेलखंड के प्रमुख व्यंजन परोसे जाएंगे
- बगजा: बेसन से बनी जलेबी जैसी सेवई, जिसे दही के मट्ठे में डुबोकर तैयार किया जाता है, स्वाद और पौष्टिकता से भरपूर.
- पनबुड़ा: चावल के आटे से बनी रोटी, जिसमें दाल का मिश्रण भरकर भाप में पकाया जाता है.
- रिचमच की सब्जी: विभिन्न दालों से बने पकौड़ों को दही की करी में पकाया जाता है, जो एक अनोखा और पौष्टिक व्यंजन है.
- रसाज की कढ़ी: हल्की और पाचक बेसन और दही से बनी कढ़ी, जो स्वाद और स्वास्थ्य का संतुलन बनाए रखने में मदद करती है.
- महेरी: चावल और मट्ठे से तैयार एक हल्का और पौष्टिक व्यंजन, जो विंध्य क्षेत्र का विशेष भोजन है.
- दरभरी पूरी और गुड़म: दरभरी पूरी के साथ गुड़ की पारंपरिक मिठाई, जो ठंड के मौसम में लाभकारी मानी जाती है.
- खुरचन रोल: मलाई से बने इस मीठे रोल में कैल्शियम और प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है, जो इसे विशेष बनाती है.
- लौंग लता: सूखे मेवों और घी से बनी यह मिठाई खास अवसरों पर बनाई जाती है.
- लाटा: महुआ के फल और तिल से बना लड्डू, जो बघेलखंड की विशेष मिठाई के रूप में जाना जाता है.
यह सभी व्यंजन स्वादिष्ट होने के साथ पोषक गुणों के कारण विंध्य क्षेत्र की खाद्य संस्कृति में खास स्थान रखते हैं. इनमें स्थानीय मसालों और शुद्ध सामग्रियों का उपयोग किया जाता है, जो स्वास्थ्यवर्धक होते हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं.
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