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This Article is From May 05, 2024

शोध शिखर 2024: विकसित भारत को साकार करने के लिए रिसर्च, इनोवेशन व स्टार्टअप को साथ में चलना चाहिए

Education News: छात्र जेहान पटेल ने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्सज को ध्यान में रखते हुए गन ड्रोन बनाई है. यह ड्रोन 1000 मीटर की हाइट और 1.5 किलोमीटर लंबी दूरी की उड़ान भर सकता है. इसमें पिस्टल लगी हुई है जिससे टारगेट को आसानी से शूट किया जा सकता है

शोध शिखर 2024: विकसित भारत को साकार करने के लिए रिसर्च, इनोवेशन व स्टार्टअप को साथ में चलना चाहिए
Madhya Pradesh: छात्रों ने तरह-तरह के प्रयोगों से जीता दिल

Madhya Pradesh Education News: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय (Rabindranath Tagore University) व सहयोगी संस्थाओं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शोध और नवाचार सम्मेलन शोध शिखर 2024 का समापन हो गया. समिट का विषय ‘‘विकसित भारत-नया भारत'' था. इस वर्ष रिसर्च पेपर 'अनुशोधन' और रिसर्च प्रोजेक्ट 'नवनिर्माणी' प्रतियोगिता का आयोजन संपन्न हुआ. इस दौरान यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के निदेशक प्रो सुधीर सिंह भदोरिया, सीनियर एडवाइजर सेंटर फॉर इकोनामी, ट्रेड एंड इनोवेशन, एआईजीजीपीए भोपाल के मनोज जैन, आरएनटीयू की प्रो-चांसलर डॉ अदिति चतुर्वेदी और स्कोप ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ सिद्धार्थ चतुर्वेदी मौजूद थे.

इस दौरान प्रो सुधीर सिंह भदोरिया ने कहा कि आज का समय अनंत संभावनाओं से भरा हुआ है. छात्रों ने जिन प्रॉब्लम्स का सॉल्यूशन निकाला है उसका आगे समाज पर पाज़िटिव इंपैक्ट होना चाहिए. समाज की जागरूकता और प्रतिबद्धता से ही हम विकसित भारत की संकल्पना को पूरा कर पाएंगे.

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प्रतिभागियों को रिसर्च के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहिए

डॉ सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आए हुए प्रतिभागियों को रिसर्च के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहिए. रिसर्च, इनोवेशन और स्टार्टअप को साथ में चलना चाहिए. विश्वविद्यालय में प्रोडक्शन और मेनूफैक्चरिंग यूनिट भी होनी चाहिए. डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता है. विद्यार्थियों को उन्होंने संदेश देते हुए कहा कि आप अपनी क्यूरोसिटी बढ़ाएं, रीडिंग हैबिट्स, आइडिया जेनरेशन पर विशेष रूप से फोकस करें और अधिक से अधिक वर्कशॉप कॉन्फ्रेंस में भाग लें. वहीं श्री मनोज जैन ने बताया कि हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि एक छोटी सी रिसर्च कम्युनिटी में बदलाव ला सकें. फाइनेंस इंक्लूजन डिजिटल लिटरेसी, स्किल पर रिसर्च की जरूरत है. समापन सत्र के प्रारंभ में डाॅ अदिति चतुर्वेदी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि आरएनटीयू ने रिसर्च को एक फेस्टिवल की तरह मनाया है. उन्होंने रिसर्च गतिविधियों को विस्तार पूर्वक बताया और कहा कि इसका ऑब्जेक्टिव गवर्नमेंट के मिशन से एलाइन होकर काम करना है.

शोध शिखर में थीम 'नवाचार और प्रौद्योगिकी' में विकासशील भारत के समावेशी विकास के लिए इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, नवाचार, डिजिटल समाधान और उद्यमिता की विभिन्न शाखाओं से संबंधित सभी शोध पत्र और परियोजनाओं पर शोधार्थियों ने पेपर और प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए. 

छात्र ने आईओटी बेस्ड रोबोट बनाया 

एटिक सेंटर में लगे प्रोजेक्ट में विशेष रूप से कोविड के समय अस्पतालों में मरीजों तक मेडिसिन या अन्य खाने पीने की वस्तुएं पहुंचाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. स्टाफ कम पड़ गया था. इस बात को ध्यान में रखते हुए गणपत विश्वविद्यालय गुजरात के छात्र रुचिर शाह, एमबीए बिजनेस एनालिटिक्स प्रथम वर्ष के छात्र ने आईओटी बेस्ड रोबोट बनाया जो की मरीजों तक सप्लाई के लिए बेस्ट ऑप्शन माना जा रहा है. 

गणपत विश्वविद्यालय गुजरात के मेकाट्रॉनिक्स सेकंड ईयर के छात्र जेहान पटेल ने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्सज को ध्यान में रखते हुए गन ड्रोन बनाई है. यह ड्रोन 1000 मीटर की हाइट और 1.5 किलोमीटर लंबी दूरी की उड़ान भर सकता है. इसमें पिस्टल लगी हुई है जिससे टारगेट को आसानी से शूट किया जा सकता है. जेहानबताते हैं इसके अपग्रेडेड मॉडल को डीआरडीओ के साथ मिलकर बना रहे हैं. जेहान को उम्मीद है बहुत जल्द वह हमारी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्सज की सेवा में शामिल होगा.

आरएनटीयू के बीएससी एग्रीकल्चर के छात्र अनुराग आनंद कपिल कुमार अमित कुमार और सत्यम वर्मा ने मिलकर नेचुरल आरो वॉटर बनाया है. इन्होंने इस फ्लड एरिया में होने वाली परेशानियों को देखते हुए विकसित किया. थर्ड एरिया में लाइट की काफी समस्या होती है जिससे कि पीने योग्य पानी उपलब्ध नहीं हो पता है तो इन्होंने नेचुरल तरीके से रो वॉटर बनाया इसमें 5 मिनट में 200 एमएल पीने योग्य पानी छनता है. जिसे उबालकर पिया जा सकता है.

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छात्रों मे ऑटोमेटिक स्प्रेयर बनाया

आरएनटीयू के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तृतीय वर्ष के छात्र राहुल कुमार और हिमांशु सौरव ने मिलकर ऑटोमेटिक स्प्रेयर बनाया है. इसके माध्यम से किसान अपने खेतों पर कीटनाशक का छिड़काव आसानी से कर सकते हैं. उन्हें अपनी पीठ पर अत्यधिक भार लेकर छिड़काव करने से परेशानी उठानी पड़ती थी. इस मॉडल के जरिए उन्हें इस परेशानी से अवश्य निजात मिलेगी. यह मॉडल किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगा. 

आरएनटीयू बीएससी एग्रीकल्चर के फोर्थ ईयर के छात्र राहुल, मोहित, गुलशन कुमार ने होम प्लांट मानिटरिंग हेतु 'प्लांट मॉनिटरिंग सिस्टम' का मॉडल तैयार किया है. इसके माध्यम से यदि आप घर से दूर विश्व के किसी भी कोने में है वहां से आप अपने मोबाइल के जरिए अपने प्लांट को पानी दे सकते हैं साथ ही उसका टेंपरेचर भी आप जान सकते हैं.

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