Modi Cabinet 3.0: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में एनडीए सरकार की विजयगाथा में नई इबारत लिखने वाले मध्य प्रदेश के 29 सांसदों में से एक सावित्री ठाकुर ने रविवार को राष्ट्रपति भवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री पद की शपथ ली. राष्ट्रपति द्वारा मंत्री पद के शपथ लेने वाली सांसद सावित्री ठाकुर ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष किया.
2003 में शुरू हुआ मंत्री सावित्री ठाकुर का राजनीतिक सफर
धार जिले की धरमपुरी तहसील के ग्राम तारापुर में जन्मी सावित्री ठाकुर का राजनीतिक सफर का आगाज 2003 में हुआ. जिला पंचायत सदस्य बनकर राजनीति में आईं सावित्री ठाकुर ने संघर्ष से सफलता की ऊंचाईयां हासिल कर ली जब वर्ष 2004 से 2009 तक धार जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर रही.
पहली बार 2014 में सांसदी का चुनाव लड़ा और किया फतह
वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात से दिल्ली आए, तो उस चुनाव में सावित्री ठाकुर ने बीजेपी की टिकट पर धार लोकसभा सीट से सांसदी का चुनाव लडी और तात्कालिक नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार को हराकर इतिहास रच दिया. सावित्री ठाकुर पहली बार सांसद भी चुनी गई थीं.
2024 लोकसभा चुनाव में भी भरोसे पर खरी उतरी सावित्री ठाकुर
सावित्री ठाकुर पर पार्टी ने दूसरी बार विश्वास जताते हुए उन्हें 2024 में फिर एक बार लोकसभा का टिकट दिया और उसमें सावित्री ठाकुर पार्टी के विश्वास पर खड़ी उतरी. मोदी सरकार 3.0 में कैबिनेट मंत्री बनाई गईं सावित्री ठाकुर ने इस चुनाव में बड़ी जीत हासिल करते हुए 2 लाख से अधिक मतों से कांग्रेस प्रत्याशी को पराजित कर निर्वाचित हुई हैं.
सावित्री ठाकुर ने आरएएस से जुड़कर आदिवासी उत्थान में किए कार्य
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में कैबिनेट में शामिल की गई धार लोकसभा सीट से सांसद सावित्री ठाकुर का राजनीतिक सफर आसान नहीं रहा. स्वयं सेवी संस्था से जुड़ी रहीं सावित्री ठाकुर ने आरएसएस से जुड़कर 1996 से 2003 तक धार, खरगोन व इंदौर जिले में आदिवासी गरीब पिछड़े अशिक्षित महिलाओं को उत्थान हेतु भी उल्लेखनीय कार्य किया.
सावित्री ठाकुर को मंत्री बनाकर भाजपा ने एक तीर से साधे दो निशाने
आदिवासी समाज से आने वाले सावित्री ठाकुर को कैबिनेट में शामिल कर भाजपा ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं. सावित्री ठाकर जिस लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर आईं हैं, वह आदिवासी बहुल है. सावित्री ठाकुर को मोदी 3.0 कैबिनेट में शामिल करने पार्टी को अब आदिवासी पुरुषों के साथ-साथ आदिवासी महिलाओं का भी साथ मिलेगा.
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