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'भूत' पहुंचा सरकारी कार्यालय, बोला-साहब मुझे मेरे भांजे ने 14 वर्ष पहले मार डाला, सारी संपत्ति भी हड़प ली, अब तो जीवित कर दो

14 साल तक मामा घर नहीं लौटा तो भांजे ने जीवित मामा की तेरहवीं कर दी. इसके साथ ही सरपंच की मदद से मामा को कागज में भी मार डाला और उनकी जमीन बेच डाली. अब मामा खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तर के लगा रहा है चक्कर.

'भूत' पहुंचा सरकारी कार्यालय, बोला-साहब मुझे मेरे भांजे ने 14 वर्ष पहले मार डाला, सारी संपत्ति भी हड़प ली, अब तो जीवित कर दो

अभी तक आपने कंस मामा ही सुनी होगी, लेकिन मध्य प्रदेश के रीवा में एक भांजा भी कंस की राह पर चल पड़ा है. दरअसल, मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश सीमा के नजदीक रीवा जिले के मझगवां गांव में दो भाई कमाने के लिए राजस्थान चले गए. अपनी प्रॉपर्टी अपनी बहन को देखभाल के लिए दे गए. फिर दोनों भाई 14 साल तक घर नहीं लौटे. इस दौरान भांजे ने दोनों को मरा घोषित करके दोनों की 13वीं कर दी.

हजारों लोगों को खाना खिलाया, उसके बाद कागज में  भांजे ने सरपंच की मदद से अपने दोनों  मामा को मृत घोषित कर  दिया. परिवार  का फर्जी सिजरा तैयार किया और मामा की जमीन को बेच डाला. अब  मामा सरकारी दफ्तरों  के चक्कर लगा रहा है और खुद के जिंदा होने के सबूत दे रहा है. सरकारी दफ्तरों से निराश होकर जब दोनों भाइयों ने आत्मदाह की धमकी दी, तो अब प्रशासन जल्द सुनवाई की बात कह रहा है.

साहब मैं जिंदा हूं, मेरी जमीन वापस करा दो

यह पूरा मामला मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश की सीमा के नजदीक त्योंथर  विधानसभा क्षेत्र के मझगवां गांव का है. जी हां रीवा जिले के त्योंथर तहसील के ग्राम पंचायत मझिगवां के सरपंच की मदद से एक व्यक्ति ने एक फर्जी खानदानी सिजरा बनाकर, दो जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया. सगी बहन के लड़के यानी भांजे ने सरपंच के साथ मिलकर फर्जी सिजरा बना डाला, जीवित व्यक्ति कागज में मर गया. उसके बाद भांजे ने  मामा की जमीन अपने नाम कराई, फिर उसको बेच डाला. वहीं, मामा जब राजस्थान सेवा काल के बाद लौटा, तो उसे पता चला कि वह तो मर चुका है. अब कागजों में मृतक  दोनों भाई "मैं जिंदा हूं, साहब मेरी जमीन दिला दो" के बैनर बनाकर तहसील और थाने के चक्कर लगा रहा है.

भांजे ने ऐसे किया खेला

दरअसल, मझगवां गांव के निवासी महेंद्र पाल और अमरनाथ पाल पिता के मृत्यु के बाद 14 वर्ष पूर्व राजस्थान मजदूरी करने चले गए थे. इस दौरान 14 साल तक वे घर नहीं आए. इसी बात का फायदा उठाकर भांजे अर्जुन प्रसाद ने पहले गांव में अपने मामा की मृत्यु होने की खबर फैलाई, फिर तेरहवीं भी कर डाली. हजारों लोगों को भोज कराया. फिर ग्राम पंचायत सरपंच मझगवां कलावती के साथ मिलकर दोनों मामा को खानदानी सिजरा में मृत दिखाकर तहसील कार्यालय से दोनों मामा की जमीन अपने नाम करा ली. वहीं, जब दोनों मामा गांव लौटकर आये तो हैरान हो गए ,क्योंकि गांव में उन्हें सब मृत मान चुके थे. जमीन भी भांजे ने अपने नाम करा, दूसरे के हाथ बिक्री कर दी थी. अब कागज में मृत मामा भूत बनकर "साहब मैं जिंदा हूं, मेरी जमीन दिला दीजिए" के बैनर लिखकर एसडीएम, तहसीलदार और थाना प्रभारी के चक्कर लगा रहा है .

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वहीं, पीड़ित मामा का कहना है कि हम तहसील से थाने के चक्कर लगा-लगाकर थक गए हैं. इन लोगों को प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं होती है, तो तहसील कार्यालय के सामने पेट्रोल डालकर आत्मदाह करूंगा. वहीं, इस पूरे मामले पर त्योंथर एसडीएम पीएस त्रिपाठी ने बताया कि मेरे यहां आवेदन आया है, मैंने स्टे दिया है, जांच कर रहा हूं, जो भी दोषी होगा, उस पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी. 

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