
Patwari Recruitment Scam: मध्य प्रदेश में चर्चित पटवारी भर्ती (Patwari Bharti) घोटाले का विवाद थमने को का नाम नहीं ले रहा है. सरकार (MP Government) ने अभ्यर्थियों का आक्रोश कम करने के लिए जांच समिति का गठन किया था, लेकिन कमेटी द्वारा भर्ती को क्लीन चिट दिए जाने के बाद एक बार फिर से अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस बार अभ्यर्थियों (Patwari Recruitment Candidates) ने सरकार से जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने की मांग की है. अभ्यर्थियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किए बिना ही भर्ती पूरी की जा रही है. इसी के खिलाफ अभ्यर्थियों ने आंदोलन (Protest in Bhopal) की चेतावनी दी है.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के साथ ही उम्मीदवारों ने सोमवार शाम को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में कैंडल मार्च निकाला और पटवारी भर्ती रद्द किए जाने की मांग की. इंदौर में नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के बैनर तले अभ्यर्थियों ने इंदौर के भंवरकुंआ में कैंडल मार्च निकालकर आगामी 28 फरवरी को भोपाल में पटवारी भर्ती के खिलाफ महाआंदोलन करने का आव्हान किया है.
सरकार दलाल और माफिया को संरक्षण दे रही
नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य रंजीत किसानवंशी ने कहा कि सरकार जांच के नाम पर शिक्षा के दलाल और माफिया को बचाने का काम कर रही है. सरकार जांच रिपोर्ट जारी करने से क्यों पीछे हट रही है? उन्होंने कहा कि जिस भर्ती में 40 से 50 प्रतिशत घोटाला हुआ है, उसमें सरकार पिछले दरवाजे से फर्जीवाडा करने वालों को संरक्षण देने का काम कर रही है. अब मध्य प्रदेश का छात्र व्यापम के दलालों और शिक्षा के माफियाओं पर जब तक कार्रवाई नहीं होगी तब तक पीछे नहीं हटेगा. यह हमारा नारा है.
एक ही कॉलेज से निकले थे कई टॉपर
बता दें कि 2023 पटवारी भर्ती में उस समय विरोध हुआ जब पटवारी भर्ती की लिखित परीक्षा के बाद रिजल्ट जारी किए गए. रिजल्ट में भिंड के एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग कॉलेज से 10 में से 7 टॉपर निकले थे. वहीं टॉप 20 में से 13 टॉपर इसी कॉलेज से थे. यह कॉलेज बीजेपी विधायक संजीव कुशवाह का था, जिसके बाद अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया और राजधानी भोपाल में धरना-प्रदर्शन किया था.
पटवारी टॉपर बेसिक सवालों के नहीं दे पाए जवाब
इसके साथ ही पटवारी टॉपर एक वीडियो जमकर वायरल हुआ था. जिसमें एक मीडियाकर्मी पटवारी टॉपर से सामान्य ज्ञान के कुछ सवाल करते नजर आए थे. इस वीडियो में देखा गया था कि पटवारी भर्ती की टॉपर मध्य प्रदेश की राजधानी, प्रदेश में जिलों की संख्या और नर्मदापुरम संभाग में कौन से जिले हैं, इस तरह के सवालों के जवाब नहीं दे पाई थी. जिसके बाद से इस भर्ती पर प्रश्न चिन्ह उठा था.
पूर्व CM शिवराज ने दिए थे जांच के आदेश
इन मामलों के सामने आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भर्ती प्रक्रिया रोक कर भर्ती के जांच के आदेश दिए थे. जिसके बाद जांच कमेटी बनाई गई और तय समय सीमा पर जांच सौंपने के आदेश दिए गए. हालांकि, जांच कमेटी ने जांच करने और उसकी रिपोर्ट सौंपने में काफी लेट-लतीफी की.
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