
Pashu Aushadhi Yojana: केंद्रीय कैबिनेट (Modi Cabinet) की बैठक में बुधवार को देश के बुनियादी ढांचे, धार्मिक पर्यटन और किसानों के कल्याण से जुड़े तीन महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये फैसले यात्रा सुविधाओं को बेहतर बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे. मोदी कैबिनेट द्वारा किसानों के लिए पशुधन स्वास्थ्य योजना को हरी झंडी दिखाई गई है. सरकार ने किसानों के लिए लाइवस्टॉक हेल्थ पीएसआर योजना को मंजूरी दी है, जिससे पशुओं की देखभाल और बीमारियों की रोकथाम को प्राथमिकता दी जाएगी. एफएमडी (फुट एंड माउथ डिजीज) और अन्य जानलेवा बीमारियों की रोकथाम के लिए एक व्यापक प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. इस योजना के तहत वैक्सीनेशन, मोबाइल पशु चिकित्सा केंद्र (मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स) और भारत पशुधन मॉनिटरिंग सिस्टम की शुरुआत होगी. जनरल मेडिसिन के लिए "पशु औषधि योजना" लागू की जाएगी, जिससे किसानों को सस्ती और प्रभावी दवाएं मिलेंगी.
Cabinet approves Revision of Livestock Health and Disease Control Programme (LHDCP) with a total outlay of ₹ 3,880 crore
— PIB India (@PIB_India) March 5, 2025
The programme aims to improve the livestock health by preventing it from four major diseases. Special thrust will be on vaccination
- Union Minister… pic.twitter.com/cWMugur7VO
पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम में संशोधन को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एलएचडीसीपी) में संशोधन को मंजूरी दे दी है. इस योजना के तीन घटक हैं - राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी), पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण (एलएचएंडडीसी) और पशु औषधि.
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एलएचएंडडीसी के ये अहम फैक्टर हैं:
- गंभीर पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (सीएडीसीपी), मौजूदा पशु चिकित्सा अस्पतालों और औषधालयों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण - मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई (ईएसवीएचडी-एमवीयू) और पशु रोगों के नियंत्रण के लिए राज्यों को सहायता (एएससीएडी). एलएचडीसीपी योजना में पशु औषधि को एक नए घटक के रूप में जोड़ा गया है.
- दो वर्षों यानी 2024-25 और 2025-26 के लिए योजना का कुल परिव्यय 3880 करोड़ रुपये है, जिसमें पशु औषधि घटक के तहत अच्छी गुणवत्ता वाली और सस्ती जेनेरिक पशु चिकित्सा दवा और दवाओं की बिक्री के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए 75 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल है.
- पशुओं की उत्पादकता खुरपका और मुंहपका रोग (एफएमडी), ब्रुसेलोसिस, पेस्ट डेस पेटिट्स रूमिनेंट्स (पीपीआर), सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (सीएसएफ), लम्पी स्किन डिजीज आदि बीमारियों के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित होती है.
- एलएचडीसीपी के कार्यान्वयन से टीकाकरण के माध्यम से बीमारियों की रोकथाम करके इन नुकसानों में कमी आएगी. यह योजना मोबाइल पशु चिकित्सा लिंट्स (ईएसवीएचडी-एमवीयू) के उप-घटकों के माध्यम से पशुधन स्वास्थ्य देखभाल की डोर-स्टेप डिलीवरी और पीएम-किसान समृद्धि केंद्र और सहकारी समितियों के नेटवर्क के माध्यम से जेनेरिक पशु चिकित्सा दवा-पशु औषधि की उपलब्धता में सुधार का भी समर्थन करती है.
इस प्रकार यह योजना टीकाकरण, निगरानी और स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन के माध्यम से पशुधन रोगों की रोकथाम और नियंत्रण में मदद करेगी. इस योजना से उत्पादकता में सुधार होगा, रोजगार पैदा होगा, ग्रामीण क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और बीमारी के बोझ के कारण किसानों को होने वाले आर्थिक नुकसान को रोका जा सकेगा.
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