
OBC Reservation in Madhya Pradesh: MPPSC एग्जाम में तीन बार सफलता प्राप्त करने के बावजूद भी नौकरी नहीं मिलने के बाद अब अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट (MP High Court) की शरण ली है. अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट में याचिका में बताया कि वह ओबीसी वर्ग का अभ्यर्थी है. MPPSC प्री, मेंस और इंटरव्यू का एग्जाम तीन बार क्लियर करने के बाद भी उसको अभी तक नौकरी नहीं मिली है. याचिका पर सुनवाई जस्टिस शील नागू और जस्टिस विनय सराफ की युगल पीठ ने की. इस दौरान हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
13 प्रतिशत रिजल्ट में आया नाम
दरअसल, यह पूरा मामला एमपीपीएससी रिजल्ट का है. नरसिंहपुर निवासी शक्ति राय ने तीन बार एमपीपीएससी एग्जाम क्लियर किया. उनका चयन 2020, 2022 और 2023 के एमपीपीएससी एग्जाम में हुआ था. लेकिन, तीनों ही बार आयोग की तरफ से उन्हें बताया गया कि उनका चयन ओबीसी वर्ग के लिए अपहोल्ड किए गए 13 प्रतिशत रिजल्ट में हुआ है. जिसके चलते उन्हें जॉइनिंग नहीं मिल पाई.
OBC आरक्षण के चलते फंसी ज्वाइनिंग
आपको बता दे कि याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने के संबंध में अधिसूचना प्रकाशित की गई थी, जिसे चुनौती देते हुए साल 2019 में याचिकाएं दायर की गई थीं. यह भी बताया गया कि याचिकाओं की सुनवाई करते हुए कई मामलों में ओबीसी वर्ग को सिर्फ 14 फीसदी आरक्षण देने के आदेश जारी किए गए थे. जिसके बाद मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 87:13 प्रतिशत का फार्मूला लागू कर रिजल्ट घोषित किया था.
याचिका में कहा गया था कि अपहोल्ड किए गए परीक्षा परिणाम तथा प्राप्त अंक के संबंध में अभ्यर्थी को किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी गई है. 3 मर्तबा पीएससी का एग्जाम क्लियर करने के बावजूद भी रिजल्ट अपहोल्ड होने के कारण उसे नौकरी प्राप्त नहीं हुई. जिसके कारण उसका भविष्य अधर में लटक गया है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पैरवी की.
ये भी पढ़ें - MP में अतिथि शिक्षकों के हाल बेहाल, दोगुने मानदेय का था वादा, 4 महीने से नहीं मिला पुराना मेहनताना
ये भी पढ़ें - जीतू पटवारी ने कहा- बीते 9 सालों में 12 ऐसी घटनाएं, 163 से ज्यादा मौतें, हर बार जांच, लेकिन रोक क्यों नहीं?