MP Nursing College Scam: मध्यप्रदेश में नर्सिंग घोटाले (Madhya Pradesh Nursing Scam) की जांच करने वाली जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) यानी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) के इंस्पेक्ट और अधिकारी तक जांच की आंच पहुंच चुकी है. सीबीआई के ही चार अफ़सरों पर रिश्वत लेने के आरोप में एफआईआर (FIR) दर्ज हो गई है. इनमें एक डिप्टी सुपरीटेंडेंट स्तर का अधिकारी भी शामिल है. सीबीआई ने नर्सिंग घोटाले के सिलसिले में 23 लोगों पर केस दर्ज किया है. पिछले साल एनडीटीवी की तफ्तीश के बाद अगस्त 2023 में राज्य के 19 ऐसे नर्सिंग कॉलेजों (Nursing College) की मान्यता रद्द कर दी गई थी, जो सिर्फ़ क़ाग़ज़ों में चल रहे थे. इसके अगले महीने यानी सितंबर 2023 में हाइकोर्ट (MP High Court) ने राज्य में 2020-21 के दौरान रजिस्टर्ड 670 नर्सिंग कॉलेजों की CBI जांच (CBI Investigation) का आदेश दिया था. अब एक बार फिर नर्सिंग घोटाले को लेकर NDTV ने पड़ताल की है जिसमें कई चौंकाने वाली बाते सामने आयी हैं.
पहले देखिए पुरानी कहानी
पिछले साल एनडीटीवी की तफ्तीश में दिखाया गया था कि जिन पर जांच और सत्यापन का जिम्मा था, वो खुद कॉलेज खोलकर बैठे थे. कैसे मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में तीन मंजिला अपार्टमेंट के पहले माले पर कुछ लोग रहते हैं दूसरे पर लिखा है सविता इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस. ये कॉलेज पूर्व निदेशक चिकित्सा शिक्षा और उनके परिजनों के नाम पर है. यहां तीन कमरे में पूरा नर्सिंग कॉलेज चल रहा था.
भोपाल में तीन कमरों में चल रहा था नर्सिंग कॉलेज, NDTV ने किया रिएलिटी चेक | Exclusive#Bhopal #MadhyaPradesh #NursingCollege pic.twitter.com/0Zisni1sz4
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फिर शुरु हुई CBI जांच
इस घटना के बाद बहुत कुछ बदला. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh Court Order) के आदेश पर सीबीआई ने जांच शुरू की, 600 में से 308 नर्सिंग कॉलेजों की जांच रिपोर्ट दी. रीवा के सरकारी कॉलेज तक को अनफिट बता दिया. वहीं भोपाल के साकेत नगर में स्थित एपीएस एकेडमी को योग्य यानी फिट बताया.
नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में व्हिसलब्लोअर और NSUI नेता रवि परमार का आरोप है कि सीबीआई के अफसर के साथ मिलकर नर्सिंग के संचालकों ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर क्लीन चीट ली. रवि परमार को आशंका है कि अभी भी कई और नर्सिंग कॉलेज ऐसे हैं जिनकी जांच होनी चाहिए.
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सीबीआई जांच में 169 कॉलेज फिट, 73 में कमियां और 66 अनफिट
मामले में फर्जीवाड़े के आरोपों की वजह से 375 नर्सिंग कॉलेजों के करीब 1 लाख स्टूडेंट्स पिछले 4 साल से परीक्षा का इंतजार कर रहे थे, अब जाकर परीक्षा शुरु हुई लेकिन उसमें भी जिन 139 कॉलेजों को फर्जी बताया गया उनमें पढ़ने वाले 12,000 छात्रों का भविष्य अधर में चला गया.
अब जांच पर आंच, उठ रहे हैं ये सवाल
अब नर्सिंग कॉलेज घोटाले मामले में 4 सीबीआई अफसरों सहित कुल 23 आरोपी हैं. जिनपर रिश्वत ले-देकर अपात्र कॉलेजों को पात्र बनाने का आरोप है. गिरफ्तार सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज को बर्खास्त कर दिया गया है, डीएसपी आशीष प्रसाद और इंस्पेक्टर रिषिकांत असाठे नामजद हैं, सीबीआई अधिकारी सुशील कुमार मजोका भी गिरफ्तार हैं. सीबीआई की छापेमारी में 2.33 करोड़ नकद, चार सोने के बिस्किट और 36 डिजिटल डिवाइस मिली है.
NDTV ने जब घोटाले की परतें खोली तो कई और बातों का हुआ खुलासा
कागजों पर चल कॉलेज तो एक मसला था, लेकिन NDTV पड़ताल में ये भी पता लगा कि इन कॉलेजों में पढ़ाने वाले हजारों शिक्षक दूसरे राज्यों से हैं, जिन्हें एक साथ कई कॉलेजों में पढ़ाना बताकर मान्यता ली गई है. इसके बाद सरकार ने सख्ती की बात भी कही. लेकिन हकीकत में नियम कड़े करने के बजाए उन्हें आसान बना दिया गया.
सालों से घोटाला चल रहा है, भ्रष्टाचार, अनदेखी और लापरवाही की वजह से लाखों छात्रों के भविष्य पर संकट है लेकिन ना पहले और ना अब पता चला कि विभागीय मंत्री या सरकार कर क्या रही है.
ये एमपी है साहब... अजब है और गजब भी
जहां 5 नये मेडिकल कॉलेजों की मान्यता इसलिए खतरे में है क्योंकि 445 में सिर्फ 160 पद भरे गये हैं, जहां नर्सिंग घोटाले की जांच करने वाले ही घोटाले के आरोप में गिरफ्तार हो गये हैं. ये वो प्रदेश हैं जहां मंत्री-अफसरों की कार, बाइक, लैपटॉप खरीदी को भी विकास कार्य के खर्च में माना जाएगा. जहां आचार संहिता हटते ही मंत्रीजी के लिये नई चमचमाती इनोवो क्रिस्टा आएगी लेकिन आपके हिस्से में कभी अस्पताल के लिये ठेला, साइकिल, अगर मौत हो गई तो कंधा, रिक्शा. इसलिये हमने कहा है कि राज्य में स्वास्थ्य मंत्री नहीं हैं, हों तो हमें भी बता दीजिएगा, कहां हैं, कैसे हैं, और क्या करते हैं? इसका इंतजार रहेगा.
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