
SRIMSR: फर्जी दस्तावेज, नकली मरीज और घोस्ट फैकल्टी के आधार पर मेडिकल कॉलेज की मान्यता दिलाने के सिंडिकेट का सीबीआई द्वारा पर्दाफाश करने के बाद राजधानी रायपुर के श्री रावतपुरा मेडिकल कॉलेज की मान्यता खतरे में है. रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज के 2025-26 के सत्र को एनएमसी जीरो ईयर घोषित कर सकती है. जीरो ईयर का मतलब होता है कि मेडिकल कॉलेज में इस सत्र के लिए कोई एडमिशन नहीं दिया जाएगा. मेडिकल कॉलेज इस सत्र के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है.
ग्रामीणों को पैसे देकर मरीज दर्शाया
नवा रायपुर के पचेड़ा में स्थित श्रीरावतपुरा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को लेकर नए नए कारनामें सामने आ रहे है. सीबीआई ने FIR में जो बातें दर्ज की है उसे पचेड़ा गांव के आसपास गांव के लोगों भी अनौपचारिक रूप से मान रहे है. ग्रामीणों का कहना है कि जब भी मेडिकल कॉलेज में इंस्पेक्शन की टीम आती थी, गांव के मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया जाता था. एक एक मरीज की जो दिहाड़ी होती है, उतना भुगतान किया जाता था. ग्रामीण से जब ये पूछा कि इसकी शिकायत आप लोगों ने क्यों नहीं की तो उनका कहना था कि ये बड़े लोग हैं, हम उनके खिलाफ बोलेंगे तो हमारा ही नुकसान होगा. इसलिये हम लोग कुछ नहीं कहते.
- 30 जून 2025 को एनएमसी की टीम ने रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया, जहां 150 से 250 एमबीबीएस सीटें बढ़ाने का आवेदन लंबित था.
- सीबीआई ने 10-15 दिन पहले कॉलेज की रेकी शुरू की, मान्यता प्रक्रिया पर नजर रखी.
- 1-2 जुलाई 2025 को सीबीआई ने छत्तीसगढ़, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश में 40 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की.
- 55 लाख रुपये की रिश्वत के लेनदेन के दौरान रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर अतुल तिवारी 3 डॉक्टर समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया
- रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज के लोगों द्वारा रिश्वत बेंगलुरु में निरीक्षण टीम को दी गई, जो कॉलेज के पक्ष में सकारात्मक रिपोर्ट देने के लिए थी.
- कॉलेज प्रबंधन ने फर्जी दस्तावेज, नकली मरीजों और गलत बायोमेट्रिक रिकॉर्ड का इस्तेमाल मान्यता हासिल करने के लिए उपयोग किया
- सीबीआई ने 35 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की, जिसमें एनएमसी और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हैं.
रावतपुरा मेडिकल कॉलेज से जुड़े अन्य लोगों की हो सकती है गिरफ्तारी
सीबीआई की FIR में रावतपुरा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन समेत 35 को आरोपी बनाया गया है. उस आधार पर सीबीआई के सूत्रों की मानें तो रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन रविशंकर महाराज, रिटायर्ड IFS संजय शुक्ला समेत कई लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है. गौरतलब है कि सीबीआई की FIR में तीसरे नंबर पर रावतपुरा मेडिकल कॉलेज का नाम है, चौथे नंबर पर रवि शंकर जी महाराज का नाम दर्ज किया गया है. इस मामले में सीबीआई रावतपुरा सरकार के डायरेक्टर अतुल तिवारी समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
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