MP High Court comment on Nursing College Scam: मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े से जुड़े मामलों की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अतुल श्रीधर और डी.के. पालीवाल की खंडपीठ ने की. इस दौरान खंडपीठ ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल और एमपी नर्सिंग काउंसिल के अधिकारियों को फटकार लगाई. साथ ही कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, 'ऐसे लोगों के लिए तो फांसी की सजा होनी चाहिए, क्योंकि ये सारे अपराध पूर्व-नियोजित होते हैं.' यहां जानिए कि आखिर क्यों श्रीधर और पालीवाल की खंडपीठ ने ऐसी टिप्पणी की? जानें क्या है पूरा मामला.
नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े पर MP कोर्ट की सख्त टिप्पणी
जस्टिस डी.के. पालीवाल ने कहा कि पिछली ऑर्डर शीट में जिक्र है कि किस तरीके से कॉलेज बनाए गए हैं. कहीं प्लास्टिक के बोर्ड लगाकर और कहीं तो बोर्ड भी नहीं है. जिसपर याचिकाकर्ता ने कोर्ट में बताया कि यह तो एक उदाहरण है. इसमें एक ही कॉलेज के बोर्ड बदल-बदल कर इंजीनियरिंग, B.Ed और नर्सिंग कॉलेज बताया गया है.
MP कोर्ट की टिप्पणी- 'हम बर्बादी की ओर जा रहे '
वहीं जस्टिस श्रीधर ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, 'हे भगवान! ऐसे लोगों के लिए तो फांसी की सजा होनी चाहिए. हम हत्या करने वालों को क्षमा कर देते हैं, क्योंकि वह एक आवेश में किया गया अपराध होता है, लेकिन ये सारे अपराध पूर्व-नियोजित होते हैं. इन्हें करने के लिए बहुत गहरी सोच और योजना की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि इन सबसे पब्लिक लाइफ खराब हो रही है. हम बर्बादी की ओर जा रहे हैं.'
कोर्ट ने 'नर्सिंग फर्जीवाड़ा' को बताया बेहद संवेदनशील मुद्दा
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को जानकारी देते हुए कहा, 'नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामला तीन वर्षों से लंबित है. अब तक 48 बार सुनवाई हो चुकी हैं. 96 बार अधिकारियों को पेशी से छूट दी गई है.' जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले को स्वास्थ्य से जुड़ा बेहद संवेदनशील मुद्दा मानते हुए निर्देश दिया कि इस घोटाले की गहराई से जांच जरूरी है, ताकि दोषियों को सजा मिले और स्वास्थ्य सेवाओं में भरोसा बना रहे. इसलिए 3 जुलाई से हर दिन सुनवाई की जाएगी.