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भोपाल समेत इन जिलों के कलेक्टरों को नोटिस, फर्जी ग्रीन पटाखों की बिक्री रोकने के लिए उठाए सख्त कदम

MP News: मध्य प्रदेश के जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और भोपाल में एनजीटी के निर्देशों का उल्लंघन हो रहा है और प्रशासनिक ढिलाई की वजह से फर्जी ग्रीन पटाखों की बिक्री में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

भोपाल समेत इन जिलों के कलेक्टरों को नोटिस, फर्जी ग्रीन पटाखों की बिक्री रोकने के लिए उठाए सख्त कदम

Madhya Pradesh News: फर्जी ग्रीन पटाखों की बिक्री से एनजीटी के निर्देशों का उल्लंघन हो रहा है, जिससे कई शहरों के प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ लीगल नोटिस जारी किया गया है. जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और भोपाल के कलेक्टरों को नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने ये नोटिस भेजा है, जिसमें उन्हें चेतावनी दी गई है कि यदि उन्होंने जल्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों की अवमानना के तहत उनके खिलाफ याचिका दायर की जाएगी.

जबलपुर में 2.5 लाख के अवैध पटाखे जब्त

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के अध्यक्ष डॉ. पी.जी. नाजपांडे ने बताया कि हाल ही में जबलपुर में करीब ढाई लाख रुपये के अवैध पटाखों को जब्त किया गया था. यह मामला दिखाता है कि राज्य के विभिन्न जिलों में पटाखों का अवैध उत्पादन, संग्रहण और विक्रय अनवरत रूप से जारी है. इसके अलावा एनजीटी द्वारा 12 जुलाई, 2024 को जारी आदेश की भी खुलेआम अवहेलना हो रही है. आगामी दशहरा और दीपावली के त्योहारों में भारी संख्या में पटाखे जलाए जाएंगे, जिससे संभावित दुर्घटनाओं और वायु गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पहले से ही सावधानी बरतने की जरूरत है.

एनजीटी के निर्देशों का हो रहा उल्लंघन

मंच के सदस्य रजत भार्गव ने कहा कि पहले भी अवमानना याचिका के दौरान इस बात की जानकारी दी गई थी कि ग्रीन पटाखों के नाम पर जो उत्पाद बेचे जा रहे हैं, उन पर लगे लेबल और क्यूआर कोड फर्जी पाए गए हैं. इसके बावजूद जिन जिलों के कलेक्टरों पर इन पटाखों की मानीटरिंग की जिम्मेदारी है, जो इसे सही ढंग से नहीं निभा रहे हैं. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिवक्ता प्रभात यादव ने अब नए सिरे से अवमानना याचिका दाखिल करने की तैयारी शुरू कर दी है.

इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि एनजीटी के निर्देशों का उल्लंघन हो रहा है और प्रशासनिक ढिलाई की वजह से यह मुद्दा बढ़ता जा रहा है. अगर समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह पर्यावरण और जनजीवन दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

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क्या है ग्रीन पटाखे?

ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण करते हैं. ये सामान्य पटाखों से करीब 30% कम प्रदूषण फैलाते हैं, जिससे हवा और पर्यावरण को कम नुकसान होता है. इसके अलावा इनकी ध्वनि भी कम होती है, जो ध्वनि प्रदूषण को भी कम करती है. इसका मतलब है कि आपके पास त्योहारों का मजा लेने का तरीका है जो पर्यावरण के प्रति अधिक संवेदनशील और जिम्मेदार है. बस यह ध्यान रखें कि ग्रीन पटाखे भी सुरक्षा उपायों के साथ ही इस्तेमाल किया जाएं.अगली बार जब पटाखे जलाने का मन हो, तो ग्रीन पटाखों को प्राथमिकता दें.

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