Electricity Bill Payment: ग्वालियर-चंबल (Gwalior-Chambal) अंचल के लोगों का बंदूक (Gun) और मूछ से प्रेम किसी से छुपा नहीं है. वर्षों तक यहां के लोगों ने डकैती की समस्या झेली है. हालांकि चंबल में अब डकैतों की संख्या काफी कम हो गई है, लेकिन यहां के लोगों का बंदूक प्रेम आज भी बरकरार है. जितने शस्त्र लाइसेंस (Weapon License) पूरे मध्यप्रदेश में होंगे उतने अकेले ग्वालियर-चंबल संभाग में ही हैं. अंचल के लोगों में हथियारों से जो प्रेम है उसकी नब्ज अब सरकार ने भी पहचान ली है. इसीलिए जब सरकारी राजस्व (Revenue) की बकाया वसूली के तमाम प्रयास विफल हो गए तब सरकार ने इसी नस को दबाकर अपने पैसे निकालने में जुटी है. हालिया मामला बिजली के बकाया बिलों (Electricity Bill) को वसूलने का है. विद्युत वितरण कंपनी के आग्रह पर अब प्रशासन बड़े बकायादारों के शस्त्र लाइसेंस रदद् करने के नोटिस दे रही है. इससे हड़कम्प भी मच गया है और नोटिस जारी होते ही इसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं.
बात प्रतिष्ठा की है...
कंधे पर बंदूक टांगकर और कमर में पिस्टल लगाकर चलना ग्वालियर-चंबल अंचल के लोगों में आज भी शान और रुतबे का प्रतीक माना जाता है. यहां अनेक ऐसे उदाहरण हैं, जिसमें लोगों ने अपनी खेती की जमीन या फिर घर बेचकर बंदूक का लाइसेंस हासिल किया है. शस्त्र लाइसेंस पाने के लिए इस अंचल के लोग कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं. यही वजह है कि अकेले ग्वालियर में 33 हजार से ज्यादा लाइसेंसी हथियार लोगों के पास हैं.
ये लाखों की रायफल या पिस्टल तो खरीद लेते हैं लेकिन सरकार के राजस्व खासकर बिजली का बिल चुकाने में रुचि नहीं लेते हैं. मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी इनसे अपने बकाया बिल बसूलने के तमाम हथकंडे अपना चुकी थी. यहां तक चौराहों पर इनके नाम के होर्डिंग भी लगाए, उनको बिजली कनेक्शन काटने और संपत्ति कुर्की करने के भी नोटिस भेजे लेकिन कोई बड़े परिणाम नहीं आये. अब कम्पनी ने जब लाइसेंस रद्द करने की बात की तो पैसे जमा होने लगे.
बिजली कंपनी का क्या कहना है?
कम्पनी के महाप्रबंधक नितिन मांगलिक का कहना है कि विद्युत वितरण कम्पनी ने ऐसे बकायादारों की खोज की जिन पर बिजली का लाखों रुपये बकाया है और उनके नाम शस्त्र लाइसेंस भी हैं. कम्पनी के अफसरों ने कलेक्टर रुचिका चौहान और एसपी धर्मवीर सिंह से बातचीत करके तय किया कि ऐसे बकायादारों के शस्त्र लाइसेंस रद्द किए जाए, लेकिन पहले उन्हें नोटिस दिए जाएं.
इन्होंने इतना बकाया बिल चुकाया
- मनोहरलाल गुप्ता 1 लाख 33 हजार 850 रुपए.
- नंदलाल शर्मा 98 हजार रुपए
- मेघ सिंह 2 लाख 63 हजार 417 रुपए
- अरविंद शर्मा 1 लाख 45 हजार 507 रुपए
- गोपी यादव 1 लाख 85 हजार 603 रुपए
ग्वालियर-चंबल के इन चार जिलों में हैं सबसे अधिक शस्त्र लाइसेंस
- भिंड में लगभग 31,000 से ज्यादा शस्त्र लाइसेंस मौजूद हैं.
- मुरैना में 33,000 से अधिक शस्त्र लाइसेंस मौजूद हैं.
- ग्वालियर में 33,000 से ज्यादा शस्त्र लाइसेंस मौजूद हैं.
- दतिया में 27,000 से ज्यादा शस्त्र लाइसेंस मौजूद हैं.
बिजली कंपनी ने कहा है कि अभी बड़ी सूची आना बाकी है. विद्युत की बकाया राशि जमा नहीं करने वाले 48 बकायादारों के लाइसेंस निरस्त करने के लिए जिला कलेक्टर को प्रस्ताव भेजा है. इन उपभोक्ताओं पर कंपनी का एक करोड़ तीन लाख रुपए बकाया है. बिजली कंपनी का संभाग के 8 जिलों के विद्युत उपभोक्ताओं पर 2266 करोड़ रुपये का राजस्व बकाया है, लेकिन वसूली सिर्फ 442 करोड़ की ही हो पाई है. ऐसे में बिजली कंपनी ने प्रदेश के 16 जिलों के कलेक्टरों के माध्यम से बिजली की बकाया राशि कराने के लिए शस्त्रधारी बिजली उपभोक्ताओं को चिन्हित कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं.
यह भी पढ़ें : MPEB: बिजली चोरी करना पड़ गया भारी, स्पेशल कोर्ट ने सुना दी इतनी सख्त सजा
यह भी पढ़ें : KYC Update: बैंकों की तरह अब MP के बिजली उपभोक्ताओं को अपडेट करानी होगी KYC, MPEB कराएगी ये काम
यह भी पढ़ें : बिजली बिल जमा नहीं किया, कनेक्शन काटने गई MPEB टीम पर जानलेवा हमला, 3 के खिलाफ दर्ज हुई FIR
यह भी पढ़ें : MP: विधायक से लेकर पूर्व मंत्री तक ने नहीं जमा किया लाखों का बकाया बिजली बिल, अब एक्शन की तैयारी