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MPEB: बिजली चोरी करना पड़ गया भारी, स्पेशल कोर्ट ने सुना दी इतनी सख्त सजा

Madhya Pradesh Madhya Kshetra Vidyut Vitran Company: बिजली चोरी को लेकर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (MPMKVVCL) ने इस फैसले के संबंध में सभी आम लोगों से आग्रह किया है कि वे वैध कनेक्शन (Valid Electricity Connection) लेकर ही बिजली का उपयोग करें. अनधिकृत या अवैध (Unauthorized or Illegal Electricity Connection) रूप से बिजली चोरी (Electricity Theft) दण्डनीय अपराध है तथा इसमें जुर्माना और कारावास (Imprisonment) का प्रावधान है.

MPEB: बिजली चोरी करना पड़ गया भारी, स्पेशल कोर्ट ने सुना दी इतनी सख्त सजा

Electricity Theft: मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (Madhya Pradesh Madhya Kshetra Vidyut Vitran Co Ltd) के शिवपुरी संभाग-एक के वितरण केन्‍द्र बड़ौदी अंतर्गत ग्राम रातौर निवासी राजेश रावत पुत्र सुरेश रावत को 5 वर्ष पुराने मामले में अनधिकृत रूप से बिजली लाइन से सीधे तार जोड़कर बिजली का उपयोग करने पर जिला कोर्ट (District Court) के विशेष न्‍यायाधीश (विद्युत अधिनियम) ने दो साल के कठोर कारावास तथा 61 हजार रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. वहीं बिजली चोरी को लेकर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (MPMKVVCL) ने इस फैसले के संबंध में सभी आम लोगों से आग्रह किया है कि वे वैध कनेक्शन (Valid Electricity Connection) लेकर ही बिजली का उपयोग करें. अनधिकृत या अवैध (Unauthorized or Illegal Electricity Connection) रूप से बिजली चोरी (Electricity Theft) दण्डनीय अपराध है तथा इसमें जुर्माना और कारावास (Imprisonment) का प्रावधान है.

क्या है मामला?

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उप महाप्रबंधक पराग धावर्डे द्वारा निरीक्षण टीम सहित 11 जनवरी 2019 को ग्राम रातौर निवासी आरोपी राजेश रावत पुत्र सुरेश रावत को बिजली कनेक्‍शन के बिना सीधे लाइन से तार जोड़कर बिजली चोरी कर उपयोग करते पाए जाने पर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया था. कंपनी द्वारा प्रकरण को जिला न्यायालय विशेष न्यायाधीश विद्युत अधिनियम के समक्ष प्रस्तुत किया गया.

इस मामले की सुनवाई करते हुए जिला कोर्ट के विशेष न्‍यायाधीश (विद्युत अधिनियम) ने दो साल के कठोर कारावास तथा 61 हजार रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है.

अब सेल्फी से दर्ज होगी अटेंडेंस

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी के अधिकारियों व कर्मचारियों को अपनी उपस्थिति सेल्फी माध्यम से दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया है. उपस्थिति के आधार पर ही वेतन भुगतान होगा. यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो वेतन कटौती होगी. कंपनी ने इस आशय के निर्देश सभी कार्मिकों को जारी कर दिए हैं.

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने निर्देशित किया है कि सभी कार्मिकों को अपनी उपस्थिति प्रतिदिन कार्यालय प्रारंभ होने के निर्धारित समय प्रातः 10 बजे सेल्फी आधारित उपस्थिति प्रणाली संस्करण 2.0 अथवा बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली के माध्यम से दर्ज करानी होगी. उक्त उपस्थिति के आधार पर ही वेतन के भुगतान की कार्यवाही की जाएगी.

कंपनी ने यह भी कहा है कि किसी कार्मिक को यदि उपस्थिति दर्ज कराने में कोई असुविधा होती है तो वह तत्काल स्थापना शाखा से संपर्क कर सकते हैं. इसके लिए कार्मिक ऐसे स्थान से सेल्फी लेंगे जहां से उनके बैठने का स्थान अथवा कार्य करने का स्थान स्पष्ट हो. इस संबंध में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने सभी संबंधितों को निर्देश जारी कर दिए है.

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