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कर्ज और MSP पर मध्य प्रदेश सरकार को घेर रही है कांग्रेस, PCC चीफ ने CM मोहन को लिखा पत्र, लगाए ये आरोप

Debt On Madhya Pradesh Government: जीतू पटवारी ने एक अन्य पोस्ट में लिखा है कि कर्ज में डूबी भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश को और कर्जदार बनाने पर आमादा हो गई है. यही वजह है वित्त वर्ष 2024-25 में  मध्यप्रदेश इतिहास में अब तक का सबसे भारी भरकम 88,540 करोड़ रुपए का कर्ज लेगा.

कर्ज और MSP पर मध्य प्रदेश सरकार को घेर रही है कांग्रेस, PCC चीफ ने CM मोहन को लिखा पत्र, लगाए ये आरोप

Latest Politics News: मध्य प्रदेश में इन दिनों कांग्रेस सरकार पर लगातार सवाल उठा रही है. एक ओर जहां गेहूं और धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. वहीं दूसरी ओर MP Congress ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट करते हुए मोहन यादव सरकार द्वारा लिए जा रहे कर्ज पर तंज कसा है. कांग्रेस ने लिखा है कि कर्ज में डूबा मध्यप्रदेश और क़र्ज़ लेगा, इस वर्ष इतिहास में सबसे ज़्यादा 88450 करोड़ रूपये का क़र्ज़ लेकर मोहन यादव सरकार कमीशन खोरी करेगी. क़र्ज़ में गले तक डूबे मध्यप्रदेश की हालत यह हो चुकी है कि क़र्ज़ का ब्याज चुकाने के लिए भी क़र्ज़ लेना पड़ रहा है. मोहन यादव जी, क़र्ज़ लेकर कब तक घी पियोगे?

MSP पर जीतू पटवारी ने क्या कुछ कहा?

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने लिखा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी, आपसे आग्रह है कि गेहूं और धान के लिए घोषित समर्थन के आदेश तत्काल लागू करें और इसी बजट में यह भी सुनिश्चित करें कि किसानों को इसके लिए बकाया राशि बोनस के रूप में दी जाए. मध्यप्रदेश के किसानों की यह जरूरत भी है और अधिकार भी.

मध्य प्रदेश सरकार के कर्ज पर क्या कुछ कहा? 

जीतू पटवारी ने एक अन्य पोस्ट में लिखा है कि कर्ज में डूबी भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश को और कर्जदार बनाने पर आमादा हो गई है. यही वजह है वित्त वर्ष 2024-25 में  मध्यप्रदेश इतिहास में अब तक का सबसे भारी भरकम 88,540 करोड़ रुपए का कर्ज लेगा.

डॉ मोहन यादव सरकार ने इसका ब्रेकअप भी बना लिया है. बताया जा रहा है कि 73,540 करोड़ रुपए बाजार और 15 हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार से लेने की योजना है.

इन बिंदुओं को गिनाया

► खास बात है कि वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार को 55,708 करोड़ रुपए कर्ज लेना पड़ा था. यानी सरकार इस बार तुलनात्मक रूप से 38% ज्यादा कर्ज लेगी.

►चिंता यह भी है कि इस साल बजट अनुमान 3.50 लाख करोड़ रुपए है. यदि 88 हजार करोड़ का कर्ज लिया तो कुल कर्ज पहली बार 4 लाख करोड़ रुपए के पार हो जाएगा.

►अब सवाल सिर्फ यह है कि यह कर्ज यदि लिया जा रहा है तो फिर चुनावी घोषणा के अनुसार लाड़ली बहनों को ₹3000 प्रति माह क्यों नहीं दिए जा रहे हैं?

►क्यों गेहूं के लिए ₹2700 और धान के लिए ₹3100 प्रति क्विंटल का घोषित समर्थन मूल्य किसानों को नहीं दिया जा रहा है? किसान और महिलाएं कब तक सरकारी धोखाधड़ी का शिकार होंगे?

► आर्थिक अराजकता का दूसरा पक्ष यह बता रहा है कि मंत्रियों के बंगलों पर करोड़ों लगाए जा रहे हैं. माननीयों की लग्जरी गाड़ियों में भी सरकारी धन फूंका जा रहा है. मुख्यमंत्री जी के उड़न खटोले के लिए भी करोड़ का बजट तैयार कर दिया गया है.

►लगता है मध्यप्रदेश में कर्ज लेकर घी पीने की कहावत अब पुरानी हो गई है. भरतीय जनता पार्टी के नुमांइदे अब तो कर्ज के घी में नहा रहे हैं. यह स्थिति प्रदेश के लिए बहुत चिंताजनक है.

►बेहतर यही होगा कि सरकार पहले अपनी घोषणाओं को पूरा करे! अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण करे. मध्यप्रदेश की बदहाल आर्थिक स्थिति पर तत्काल श्वेत पत्र जारी करे.

कमलनाथ ने भी लिखा

मध्यप्रदेश सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये 88450 करोड़ रुपये क़र्ज़ लेने जा रही है. इसके पूर्व मध्यप्रदेश पर 3.50 लाख करोड़ से अधिक का क़र्ज़ है. वर्तमान प्रस्तावित क़र्ज़ के बाद मध्यप्रदेश पर लगभग 4.38 लाख करोड़ का क़र्ज़ हो जायेगा.

कर्ज में डूबी मध्यप्रदेश सरकार की हालत यह हो चुकी है कि अब इन्हें क़र्ज़ का ब्याज चुकाने के लिए भी क़र्ज़ लेना पड़ता है. यह ग़लत आर्थिक नीतियों और अपरिपक्व निर्णयों की देन है.

मैं पहले भी कह चुका हूँ कि मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार लगातार कर्ज लेकर ठेका देने और कमीशन बटोरने में लगी रहती है और जनता पर क़र्ज़ का बोझ बढ़ता जाता है. मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूँ कि प्रदेश की जनता को और अधिक क़र्ज़ के बोझ में दबाने की बजाय प्रदेश पर मौजूदा क़र्ज़ को चुकाने और कर्जमुक्त मध्यप्रदेश बनाने की दिशा में पहल करें.

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