
Madhya Pradesh News : साहित्य, संस्कृति और कलाओं के इन्द्रधनुषी रंगों से सराबोर विश्वरंग महोत्सव 2023 आज 21 से 24 दिसंबर के बीच आयोजित किया जाएगा है. रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय (Rabindranath Tagore University) की मेजबानी में होने वाले इस विराट समागम में भारत सहित दुनिया के 50 से भी अधिक देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. कथाकार एवं पूर्व शिक्षा मंत्री भारत सरकार रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal Nishank Former Minister of Education of India) इस समारोह का उद्घाटन करेंगे. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी, विश्व हिन्दी सचिवालय की महासचिव डॉ. माधुरी रामधारी तथा वैश्विक हिन्दी संसार के अध्यक्ष अनिल जोशी सहित देश-विदेश की कई गणमान्य विभूतियों की उपस्थिति इस कार्यक्रम को गरिमा प्रदान करेगी. इस बार यह महोत्सव रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के विशाल प्रांगण में आयोजित किया जा रहा है.
आज के कार्यक्रम की रूपरेखा
आज पहले दिन रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय परिसर में दोपहर 3 बजे टैगोर प्रतिमा पर पुष्पांजलि और आमिर खान द्वारा रबीन्द्र संगीत (सरोद-पखावज) की प्रस्तुति दी जाएगी. इसके बाद विश्वरंग यात्रा टैगोर प्रतिमा से शारदा सभागार तक जाएगी. यहां जानकी बैंड द्वारा टैगोर के गीतों को प्रस्तुत किया जाएगा. तृप्ति नागर एवं उनके साथी कलाकार मालवी लोक संगीत पेश करेंगे. इसके साथ ही भगोरिया नृत्य का आयोजन होगा.
मंच पर विश्वरंग के निदेशक संतोष चौबे, वनमाली सृजन पीठ के अध्यक्ष मुकेश वर्मा, विश्वरंग सचिवालय के संयोजक जवाहर कर्नावट, विश्वरंग के सह निदेशक लीलाधर मंडलोई, डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीकांत, अमेरिका से इंद्रजीत शर्मा और अनूप भार्गव, नीदरलैंड्स से रामा तक्षक और वैश्विक हिंदी परिवार संस्था से अनिल जोशी मौजूद रहेंगे.
चित्रकला प्रदर्शनी
विगत चार वर्षों की ही तरह इस वर्ष भी विश्वरंग 2023 में चित्रकला पर केन्द्रित गतिविधियों में सबसे महत्वपूर्ण टैगोर राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी है. इस वर्ष इस प्रदर्शनी में पूरे देश से लगभग 900 चित्रकारों के 2500 चित्र प्राप्त हुए थे, जिनमें से निर्णायकों ने 5 चित्रकारों को 'टैगोर सम्मान-2023' के लिए चुना है. 2019 से ही टैगोर राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी ने प्रांतीय संकीर्णता से परे जाकर विभिन्न छोटे-बड़े शहरों के युवा चित्रकारों को आकर्षित किया है और इतने कम समय में देश के किसी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सबसे महत्वपूर्ण कला प्रदर्शनी के रूप में अपने को स्थापित कर लिया है.
लोक का समावेश
21 से 24 दिसंबर तक लोक जनजातीय, शास्त्रीय और सुगम संगीत तथा नृत्य की मनोहारी प्रस्तुतियां भी हर वर्ष की तरह विश्वरंग के सांस्कृतिक फलक को रंगोमहक से सरोबार करेंगी. राजस्थान के प्रसिद्ध मांगणिहार लोक गायन, मध्यप्रदेश का भगोरिया जनजातीय नृत्य, मालवा का लोक नृत्य और संगीत, श्री जानकी बैंड, साधो बैंड की संगीत प्रस्तुतियों के अलावा तालवाद्य कचहरी 'मध्यलय', प्रख्यात गायिका प्रतिभासिंह बघेल की संगीत सभा, महेश, अमित, ऋषभ की वायोलीन तिगलबंदी, साक्षी शेवलीकर का मोहन वीणा वादन आदि भी आकर्षण का केन्द्र होंगे. 'विश्वरंग 2023' के वैचारिक सत्र तथा सांस्कृतिक गतिविधयाँ रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के शारदा सभागार, कथा सभागार, वनमाली सभागार, मंथन सभागार तथा शांति निकेतन परिसर में आयोजित किये जायेंगे.‘विश्वरंग' में शामिल होने के लिए विश्वरंग की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. प्रवेश निःशुल्क है.
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