Madhyd Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का शिक्षा विभाग (Education Department) अपनी अजीबोगरीब कार्यशैली को लेकर सुर्खियों में है. यहां जिलों की सीमा तोड़कर लाभ के पोस्टिंग में खेल का खुलासा हुआ है. ये खेल सतना जिले (Satna) के नेताजी सुभाष चंद्र बोस बालक छात्रावास जवाहर नगर के सहायक वार्डन की नियुक्ति में हुआ है. सहायक वार्डन बनने के लिए सतना जिले से तमाम आवेदन समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय सतना पहुंचे थे. इसके बावजूद जिला परियोजना समन्वयक सतना (Satna) के द्वारा मैहर जिले (Maihar) के शिक्षक को सहायक वार्डन नियुक्त करा दिया गया.
जिला परिवर्तन का आदेश कैसे हुआ जारी?
जिला परिवर्तन कर यह आदेश कैसे जारी हो गया अपने आप में बड़ा सवाल है. इससे भी कमाल की बात यह है कि जिस विद्यालय के शिक्षक को सहायक वार्डन का प्रभार जिला बदलकर दिया गया है, वह विद्यालय एकल शिक्षकीय था. जिसमें डीईओ सतना ने शिक्षक की पोस्टिंग तब की थी जब सतना और मैहर दोनों विभाजित नहीं हुए थे. बहरहाल अब जाकर शिक्षा विभाग में चल रहे खेल का खुलासा हुआ है. ऐसे में देखना होगा कि दो जिलों का प्रशासन इस मामले में किस तरह का एक्शन लेकर जिम्मेदारों को सजा देता है.
कोर्ट से स्टे लेने की कोशिश हुई थी नाकाम
जानकारी के मुताबिक सतना जिले के जसो संकुल अंतर्गत आने वाले शासकीय प्राथमिक शाला तिघरा में पदस्थ शिक्षक श्रीराम गौतम का स्थानांतरण शासकीय आधार पर मैहर जिले के रामनगर विकासखंड के इटमा संकुल अंतर्गत नई बस्ती बम्होरी में किया गया था. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए स्थानांतरण के खिलाफ शिक्षक श्रीराम गौतम ने कोर्ट से स्टे लेने की कोशिश की थी. मगर शून्य शिक्षकीय शाला होने का हवाला देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने कोर्ट के निर्देश पर अभ्यावेदन का निराकरण कर दिया था. इसके साथ ही श्रीराम गौतम को एक तरफा नई बस्ती बम्हौरी के लिए भारमुक्त कर दिया गया था.
सहायक वार्डन बनाने का आर्डर जारी कर दिया
विधानसभा चुनाव 2023 की आचार संहिता लगने से ठीक पहले सतना जिले से मैहर को अलग कर नया जिला घोषित कर दिया गया. तमाम अधिकारियों की पोस्टिंग भी हो गई. वहीं करीब 4 महीने बाद समग्र शिक्षा अभियान सतना के जिला परियोजना समन्वय विष्णु त्रिपाठी ने अपर मिशन संचालक जिला पंचायत सीईओ डॉक्टर परीक्षित झाड़े के जरिए श्रीराम गौतम का जिला बदलते हुए सतना में सहायक वार्डन बनाने का आर्डर जारी कर दिया गया.
स्थानांतरण रोकने के लिए मां की देखभाल का बहाना
सहायक वार्डन नियुक्ति के मामले में एक और रहस्य का खुलासा हुआ है. ट्रांसफर रोकने के लिए शिक्षक श्रीराम गौतम ने हवाला दिया था, कि जिस जगह पर पोस्टिंग (तिघरा से नई बस्ती बम्हौरी ) की जा रही है. वहां से विद्यालय और घर के बीच की दूरी लगभग 110 किलोमीटर है. घर में उनकी बुजुर्ग मां है जिनकी देखभाल का जिम्मा उनके पास है लेकिन जब सहायक वार्डन के तौर पर उन्होंने आवेदन दिया तो वो मां की देखभाल की जिम्मेदारी को भूल गए. सहायक वार्डन की शर्त से साफ है कि जो भी इस पद पर रहेगा उसे पूर्णकालिक रूप से छात्रावास में रहना होगा.
ये भी पढ़ें MP News: प्रसाद नहीं खरीदा तो कर दिया हमला, सुप्रीम कोर्ट के वकील की तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा
कलेक्टर ने कहा कराएंगे मामले की जांच
इसके बाद कलेक्टर के अनुमोदन के बिना शिक्षक के जिला बदले जाने के मामले में मैहर कलेक्टर रानी बाटड़ ने NDTV को बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं था, अगर ऐसा हुआ है तो यह मामला बेहद गंभीर है. इसके बारे में जांच कराई जाएगी.
ये भी पढ़ें MP News: खाते फ्रीज करने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 'वाशिंग मशीन' रखकर किया अनोखा विरोध प्रदर्शन