Protest Against RTO in Damoh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दमोह (Damoh) में बस ऑपरेटर्स और आरटीओ आमने-सामने हैं. जिले के बस ऑपरेटरों ने आरटीओ पर कई संगीन आरोप लगाए हैं. बस ऑपरेटर्स का कहना है कि आरटीओ के अधिकारी कार्यालय (RTO Office Damoh) नहीं आते हैं, वे अपने घर में ही बैठकर मनमर्जी से काम करते हैं. इसके अलावा बस ऑपरेटर्स ने आरोप लगाया है कि 70 से अधिक बसों के परमिट रद्द कर दिए गए हैं और दलाल के जरिए घूस मांगी (Demand of Bribery) जाती है. जिसको लेकर सोमवार को जिले के दर्जनों बस मालिकों ने लामबंद होकर आरटीओ के खिलाफ प्रदर्शन किया.
वहीं इन आरोपों को लेकर आरटीओ का कहना है कि चार साल से कोई परेशानी होती तो अब क्यों आंदोलन हुआ, किसी अन्य विषय को लेकर ये आंदोलन प्रायोजित हुआ है. कलेक्टर साहब के निर्देशों का पालन किया जाएगा.
RTO पर लगे संगीन आरोप
बता दें कि दमोह के आरटीओ में भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है. दमोह आरटीओ में हर स्तर पर दलालों के जरिए काम कराए जाते हैं. हद तो जब हो जाती है जब लोग पैसा देकर भी काम नहीं करा पाते और आरटीओ की मनमानी से त्रस्त हो जाते हैं. ऐसी ही मनमानी से त्रस्त हो कर दर्जनों बस मालिकों ने सोमवार को लामबंद होकर आरटीओ के खिलाफ प्रदर्शन किया. बस मालिकों का आरोप है कि अधिकारी कार्यालय नहीं आते और मनमर्जी से घर पर बैठकर काम करते हैं. इसी बीच प्रदर्शन करते हुए दर्जनों बस ने शहर में जाम लगा दिया.
जिसके बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने कलेक्टर से मध्यस्थता करने का भरोसा दिया, तब जाकर जाम खुला. जिला कलेक्टर ने आरटीओ और बस ऑपरेटर्स को अपने चेंबर में बुलाकर सुलह कराई. इसके साथ ही आरटीओ को समय पर कार्रवाई के लिए कम से कम दो दिन कार्यालय में उपस्थिति रहने के निर्देश दिए हैं. ऑपरेटर्स का कहना है कि 70 से अधिक बसों के परमिट रद्द कर दिए गए हैं और दलाल के जरिए घूस मांगी जाती है.
कलेक्टर ने आरटीओ को दिए ये निर्देश
वहीं दमोह एसडीएम ने प्रदर्शन कर रहे बस ऑपरेटर्स को आश्वासन देते हुए कहा कि कलेक्टर ने आरटीओ को निर्देश दिया है कि हर महीने वो बस ऑपरेटर्स से मीटिंग करेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा.
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