
Jabalpur High Court: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) हाईकोर्ट ने प्रदेश के निजी स्कूलों को बड़ी राहत देते हुए स्कूल (Private Schools) मान्यता के लिए रजिस्टर्ड किरायानामा, यानी लीज (Registered Lease) देने की अनिवार्यता पर अंतरिम रोक लगा दी है. कोर्ट ने राज्य सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर इस फैसले पर जवाब भी मांगा है. दायर याचिका में ये तर्क दिया गया था कि किराए की जमीन पर स्थित निजी स्कूलों के कारण शिक्षकों और छात्रों के भविष्य पर बहुत बड़ा खतरा है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, राज्य सरकार ने नए शैक्षणिक सत्र के लिए निजी स्कूलों की मान्यता रिन्यू कराने के लिए बिल्डिंग का रजिस्टर्ड किरायानामा जमा करवाने की शर्त लगाई थी. इस शर्त को चुनौती देते हुए निजी स्कूलों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम में ऐसी कोई शर्त नहीं है, लेकिन सरकार के इस नियम से हजारों स्कूल बंद होने की कगार पर आ गए हैं.
शिक्षकों और छात्रों के भविष्य पर खतरा
याचिका में यह भी तर्क दिया गया कि कई निजी स्कूल किराए की जमीन पर स्थित हैं, जिनमें से कई कृषि भूमि या अवैध कॉलोनियों में बने हैं. ऐसे में मकान मालिक रजिस्टर्ड किरायानामा देने के लिए तैयार नहीं हैं, जिससे स्कूलों को मान्यता रिन्यू कराने में दिक्कत हो रही थी. अगर इस शर्त को लागू किया जाता, तो बड़ी संख्या में स्कूल बंद होने का खतरा था, जिससे न सिर्फ शिक्षकों का रोजगार प्रभावित होता, बल्कि हजारों विद्यार्थियों का भविष्य भी अंधकार में पड़ सकता था.
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हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने फिलहाल इस शर्त पर अंतरिम रोक लगाते हुए राज्य सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग से जवाब मांगा है. कोर्ट के इस फैसले से प्रदेशभर के निजी स्कूल संचालकों को राहत मिली है. अब अगली सुनवाई में सरकार की दलीलों पर आगे की कार्यवाही होगी.
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