
Madhya Pradesh High Court: जबलपुर एयरपोर्ट से उड़ानों की संख्या लगातार घटने पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार को कड़ी नाराजगी जताई. चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने कहा कि 19 पेशियों से हम निर्देश दे रहे हैं, लेकिन उड़ानों की संख्या बढ़ाने के बजाय एयरलाइंस उन्हें और घटा रही हैं. बेंच ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, 'बेहतर होगा कि हम सरकार को कह दें कि पूरे प्रदेश के एयरपोर्ट्स बंद कर दे, ताकि इन बेशकीमती जमीनों का कोई और व्यावसायिक उपयोग हो सके.'
कोर्ट का सुझाव- 'सुबह और शाम की फ्लाइट्स शुरू हो'
इंडिगो एयरलाइंस द्वारा जबलपुर को व्यावसायिक रूप से उपयुक्त (वायबल) न बताने के दावे पर बेंच ने कहा कि कंपनी सीलबंद लिफाफे में कमर्शियल डेटा पेश करें, ताकि यह देखा जा सके कि आखिर यह सेक्टर घाटे वाला कैसे है? अदालत ने यह भी कहा कि जितनी भी फ्लाइट्स जबलपुर से चलती हैं, उनमें ऐन मौके पर एक भी सीट खाली नहीं रहती, ऐसे में शहर को कमर्शियली अनुपयुक्त मानना उचित नहीं. अदालत ने सुझाव दिया कि दोपहर की बजाय सुबह और शाम की फ्लाइट्स शुरू होने पर यात्रियों की संख्या और बढ़ेगी.
कोर्ट की तल्ख टिप्पणी-'उड़ानों की संख्या घटा रही एयरलाइंस'
यह मामला नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव की याचिका पर सुनवाई के दौरान उठा. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय, राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता विवेक शर्मा, एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप नायर और इंडिगो की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ शर्मा पेश हुए.
बेंच ने मध्य प्रदेश सरकार के उड्डयन विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को 28 अगस्त की अगली सुनवाई में उपस्थित रहने के निर्देश दिए. वो चाहें तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी जुड़ सकते हैं. साथ ही उन्हें हलफनामे में बताना होगा कि जबलपुर को अन्य शहरों से जोड़ने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है.